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किसान आंदाेलन के बीच बिट्टू के सियासी दांव से सब हैरान, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें

पंजाब भर में किसान आंदोलन को लेकर सियासत चल रही है। उधर शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपित बलवंत सिंह राजोआणा को माफी देने का बयान जारी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है।

By Vipin KumarEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2021 09:50 AM (IST)
किसान आंदाेलन के बीच बिट्टू के सियासी दांव से सब हैरान, पढ़ें लुधियाना की और राेचक खबरें
लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू। (फाइल फाेटाे)

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। पंजाब भर में किसान आंदोलन को लेकर सियासत चल रही है। उधर, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपित बलवंत सिंह राजोआणा को माफी देने का बयान जारी कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। सियासी हलके में यह चर्चा शुरू हो गई कि किसान आंदोलन से विमुख किए गए सुखबीर इस सियासी बाण से लोगों की भावनाओं से जुड़कर अपना आधार बना लेंगे।

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भला ऐसे में दिल्ली में किसानों से अलग धरने पर बैठे स्व. बेअंत सिंह के पोते व सांसद रवनीत बिट्टू कैसे चुप बैठते। उन्होंने एक ही सियासी तीर से केंद्र सरकार और सुखबीर दोनों को चित्त करने का दांव खेल दिया। उन्होंने कहा कि उनके परिवार को राजोआणा की रिहाई से कोई गुरेज नहीं, सिर्फ केंद्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को रद कर दे। अब उन्हें भी पता है कि सरकार कानून रद करने को तैयार नहीं है।

किसान आंदोलन के झंडों से प्रेम

आजकल पंजाबियों में नया शौक शुरू हो गया है। किसान आंदोलन शुरू होने के बाद किसान यूनियन के झंडों के प्रति लोगों में प्रेम बढ़ गया है। भले ही वह कभी किसान आंदोलन में शामिल होने नहीं गए, लेकिन झंडों के साथ तस्वीरें खींचकर इंटरनेट मीडिया पर धड़ल्ले से अपलोड कर रहे हैं। इतना ही नहीं, कई लोगों ने झंडे अपनी कारों पर भी लगा रखे हैं। ये लोग जिस किसान यूनियन के बारे में जानते तक नहीं, उनका झंडा लगाकर घूम रहे हैं। अब तो कई कमर्शियल वाहनों और पीले रंग की नंबर प्लेट वाली टैक्सियों पर भी झंडा लहरा रहा है। वास्तव में कई लोगों का झंडा प्रेम उनका स्वार्थ है। एक टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि वह लुधियाना से दिल्ली के लिए सवारियां लेकर चलता हैं। झंडा लगा होने से न तो ट्रैफिक पुलिस रोकती है और न ही बार्डर पर बैठे किसान। बस दिल्ली पहुंचने से पहले झंडा उतार लेते हैं।

धरना उठाने में हड़बड़ी पर सवाल

लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ केस दर्ज करवाने के लिए भाजपा ने प्रदेश में धरने शुरू किए हैं। लुधियाना का धरना उठाने का अंदाज आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। सांसद के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने पर भाजपा ने तामझाम के साथ लुधियाना में रैली कर धरना शुरू करने की घोषणा की। पहले दिन घंटाघर स्थित भाजपा कार्यालय के सामने दो घंटे में ही धरना उठा लिया।

कारण बताया गया कि कारोबारियों को समस्या हो रही है। अगले दिन से सीपी कार्यालय के सामने धरना देने की घोषणा हुई, लेकिन धरना लगाया डीसी कार्यालय के सामने। चार दिन तक कोई हल नहीं निकला तो भाजपाई फंस गए। इसी दौरान पुलिस ने धरना उठाने का जोर लगाया तो भाजपाई खुद ही बसों में सवार होकर चले गए। उनकी हड़बड़ी से तो ऐसा लगा कि जैसे वे खुद ही धरना खत्म करवाना चाहते थे।

रिटायर्ड होते ही उतर गया मास्क

लुधियाना के सिविल सर्जन डा. रमेश बग्गा ने अपने कार्यकाल का अंतिम समय कोरोना काल में गुजारा। कोरोना वायरस से जारी जंग में उन्होंने बहुत अच्छा काम किया और प्रशासन, पुलिस और सेहत विभाग के बीच अच्छा तालमेल बनाकर महामारी को मात देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान जब भी उनके पास कोई मिलने जाता था और गलती से उसने मास्क न पहना तो उसे अच्छी खासी डांट सुननी पड़ती थी।

साथ ही वे मास्क व सैनिटाइजर भेंट कर उन्हें इसके उपयोग की सीख भी देते थे। हालांकि नौ माह तक शानदार सेवाएं देने के बाद जब सिविल सर्जन रिटायर्ड हुए तो उनके सम्मान में समारोह रखा गया। हालात ये थे कि पद से उतरते ही उनका मास्क भी उतर गया। जैसे मास्क की नसीहत देने वाले खुद मास्क भूल गए हों। बहरहाल, सिविल सर्जन ने जिस तरह कोविड काल में काम किया, उन्हें सलाम।


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