दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे को लेने नोएडा गई टीम
दुष्कर्म पीड़िता के बच्े को लेने के लिए टीम नोएडा गई है।
जासं, लुधियाना : चाचा के दुष्कर्म करने के बाद गर्भवती हुई पीड़िता के बच्चे को परिवार ने सिविल अस्पताल के कर्मी को दिया तो उसने आगे नोएडा के दंपती को दे दिया। इस मामले के बाद सिविल अस्पताल में विवाद खड़ा हो गया है। पुलिस ने सेहत विभाग के दो सफाई कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि बच्चे को नोएडा के एक दंपती को दे दिया गया। पुलिस की एक टीम नोएडा बच्चे की रिकवरी के लिए पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि इस दंपती की कोख सूनी थी इस कारण उन्होंने यह बच्चा लिया। हालांकि अभी पुलिस की तरफ से उनसे पूछताछ करने के बाद सारी कहानी सामने आएगी। पुलिस पता लगा रही है कि कहीं यहां बच्चों की खरीदने या बेचने का गिरोह तो नहीं चल रहा। यह भी आशंका है कि सिविल अस्पताल में बच्चों को अवैध ढंग से गोद देने का धंधा तो नहीं चलाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पीड़िता की मां ने पुलिस को बताया है कि बेटी से दुष्कर्म की घटना और अस्पताल में उसके गर्भवती होने का पता चला। फिर बेटी ने सिविल अस्पताल में लड़के को जन्म दिया तो वह काफी परेशान हुए। तभी वहां सफाई सेवक सुरजीत सिंह और एक अन्य युवक ने उनसे पूछा तो उन्हें सारी बात बताई। सुरजीत ने वह बच्चा अपनाने की बात कही। जब उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली तो उन्होंने गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब के पास जाकर वह बच्चा सफाई कर्मी सुरजीत को सौंप दिया। उन्होंने बताया कि दुष्कर्म के बाद बच्चा होने से उनकी बेटी काफी सहमी हुई थी। करीब एक माह बाद अब जाकर उसने बताया कि उसके चाचा ने ही उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसके माता-पिता घर से काम पर चले जाते थे, तब आरोपित चाचा उसके साथ दुष्कर्म करता था। अब पुलिस ने जांच शुरू की तो वह सिविल अस्पताल से बच्चे का पता लगाने लगी। तभी पर्दाफाश हुआ कि बच्चे को आगे दे दिया गया है। इसके बाद पुलिस ने दो सफाई सेवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। सीसीटीवी में पीड़ित परिवार के साथ दिखा सफाई कर्मी और उसका भाई
थाना डेहलों की पुलिस ने मदर चाइल्ड अस्प्ताल में सुबह दबिश दी। यहां से एक सफाई सेवक और उसके भाई को हिरासत में लिया। इसी दौरान उनकी ओर से घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज भी चेक की गई। इसमें उक्त दोनों ही युवती को अस्पताल से छुट्टी दिलवाकर ले जाते दिखे। इसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ डेहलों थाने लेकर गई और उनसे पूछताछ की। कानूनी कार्रवाई के बिना बच्चा गोद देना और लेना अपराध
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार बिना कानूनी कार्रवाई के बच्चे को गोद देना और लेना भी अपराध की श्रेणी में आता है। बच्चा गोद देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कुछ संस्थाएं निर्धारित की गई हैं। उन्हीं के माध्यम से ही बच्चे को गोद दिया जा सकता है और इसे गोद लेने के लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। तय प्रक्रिया के बाद यह ही बच्चा गोद लिया जा सकता है। अगर इसके अलावा बच्चे को गोद लिया या दिया जाता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। बड़े स्कैंडल की आंशका पहले भी विवादों में रहा सिविल अस्पताल
सिविल अस्पताल में बच्चे बदलने के कारण काफी चर्चा रही है। यह भी आरोप लगते रहे हैं कि यहां के कुछ प्रवासी मजदूरों के अनचाहे बच्चों को लेकर आगे बेच देते हैं। मगर इसके लिए कोई भी शिकायत सामने नहीं आ रही थी। अब शिकायत आई है तो अगर इसकी जांच में बड़ा स्कैंडल सामने आ सकता है। पुलिस की कार्रवाई सवालों में
अस्पताल ने तब भेजा था रुक्का, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
दरअसल ऐसा केस सामने आने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से इसकी जानकारी पुलिस को देनी होती है। पुलिस बाद में पूरे घटनाक्रम की जांच करती है और बच्चे के पैदा होने के कारणों को तलाश करती है। मगर माह बाद खुद परिजनों के बयान पर मामला दर्ज होना काफी सवाल खड़े करता है। सेहत विभाग के एक सूत्र के अनुसार उनकी ओर से रुक्का भेजा गया था, मगर इस पर कार्रवाई ही नहीं हुई है। इस कारण पुलिस भी अब सवालों में है। इस कारण पुलिस भी अब सवालों के घेरे में है। अब डेहलों पुलिस इसकी भी जांच कर रही है। अभी सफाई कर्मी नामजद नहीं, हो रही पुख्ता जांच
अभी हमने पीड़िता की मां की शिकायत पर दुष्कर्म करना का आरोपित के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अस्पताल के दो कर्मियों को हिरासत में लिया है। इसकी गंभीरता से जांच होगी। पता चला है कि बच्चे को नोएडा के किसी दंपती को दिया गया है। कर्मियों द्वारा दिए गए पते पर पुलिस की टीम भेजी गई है। वहां से अगर बच्चा मिलता है तो उसके बाद आगे की जांच बढ़ाई जाएगी।
-सब इंस्पेक्टर मनजीत कौर, प्रभारी थाना डेहलों।