Move to Jagran APP

लोगों को घरों तक पहुंचाने में मददगार बन रहा 'गुमशुदा एप'

कमिश्नरेट पुलिस की ओर से तैयार किया गया गुमशुदा एप अब आम लोगों के बहुत काम आ रहा है। उसका इस्तेमाल करने से लापता हुए बहुत से लोग वापस अपने परिवारों तक पहुंचने में सफल हो सके।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 07:22 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 07:22 AM (IST)
लोगों को घरों तक पहुंचाने में मददगार बन रहा 'गुमशुदा एप'
लोगों को घरों तक पहुंचाने में मददगार बन रहा 'गुमशुदा एप'

जागरण संवाददाता, लुधियाना : कमिश्नरेट पुलिस की ओर से तैयार किया गया गुमशुदा एप अब आम लोगों के बहुत काम आ रहा है। उसका इस्तेमाल करने से लापता हुए बहुत से लोग वापस अपने परिवारों तक पहुंचने में सफल हो सके।

loksabha election banner

पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि 14 जुलाई को जगराओं से लापता होने के बाद 10 वर्षीय कार्तिक बस स्टैंड चौकी पुलिस के संपर्क में आया। पुलिस ने गुमशुदा एप में पाए गए व्यक्तियों की सूची में उसका नाम और फोटो अपलोड कर दिया। इसे देखकर बच्चे के माता-पिता लुधियाना पहुंच गए और बच्चे को साथ ले गए। मार्च में 80 वर्षीय माया देवी गणेश नगर से लापता हो गई थी। थाना तीन में उनकी गुमशुदगी दर्ज थी। एक युवक को वो महिला मिली। उसने उसकी फोटो और डिटेल गुमशुदा एप के पाए गए व्यक्तियों की सूची में अपलोड कर दी। इसे देख कर थाना प्रभारी ने महिला को उसके परिवार से मिलवाया। ऐसे कई केस और भी मिले।

सीपी ने बताया कि इस एप में गुमशुदा तथा पाए गए व्यक्तियों की रिपोर्ट करने की विशेषताएं हैं। अज्ञात शव मिलने पर भी इस एप में जानकारी अपलोड की जाती है ताकि उसकी जल्द शिनाख्त कराई जा सके। अब तक लापता पाए गए 3300 लोगों का डाटा इस एप में अपलोड किया जा चुका है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की है कि अगर कोई लापता व्यक्ति मिलता है तो उसकी जानकारी एप पर जरूर अपलोड करें।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.