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पुलिस ने पहले थाने में शख्‍स को जलील कर पगड़ी का किया अपमान, अब वहीं हुआ सम्मान

पंजाब के लुधियाना के मुल्‍लांपुर में पुलिस ने जिस शख्‍स काे जलील किया और उसकी पगड़ी का अपमान किया अब उसे ही सम्‍मानित किया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 02:46 PM (IST)
पुलिस ने पहले थाने में शख्‍स को जलील कर पगड़ी का किया अपमान, अब वहीं हुआ सम्मान
पुलिस ने पहले थाने में शख्‍स को जलील कर पगड़ी का किया अपमान, अब वहीं हुआ सम्मान

लुधियाना, [राजन कैंथ]। बहुत कम ऐसा होता है कि जिस थाने में व्यक्ति को मारपीट कर जलील किया गया हो उसी थाने में अपनी गलती सुधारते हुए पुलिस उसका सम्मान करे। थाना मुल्लांपुर में कुछ ऐसा ही हुआ।

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दरअसल, एक झूठे मामले में जेल भेजे गए जगसीर सिंह खालसा के सिर पर सजी पगड़ी को खाकी की नशे में चूर पहले थाना प्रभारी ने उतार फेंका था। बाद में जब थानेदार का तबादला हो गया तो नए प्रभारी ने पुराने प्रभारी की गलती को सुधारते हुए थाने में पूरे सम्मान के साथ खालसा के सिर पर दस्तार सजाई।

झूठे मामले में जेल भेजे गए जगसीर सिंह खालसा की पगड़ी का थानेदार ने किया था अपमान

इस दौरान थाने का माहौल गुरुघर की तरह बना हुआ था। शबद कीर्तन के साथ पुष्प वर्षा की गई। मौके पर खालसा के पारिवारिक सदस्यों के साथ वहां मौजूद इलाके के लोग नजारा देखकर बेहद खुश थे।  थाना प्रभारी प्रेम ङ्क्षसह ने खालसा को दो नई दस्तार भी भेंट कीं।

उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व तीन साल पहले गुम हुई सिरी साहिब तलाश कर मुल्लांपुर पुलिस ने ससम्मान जगसीर सिंह खालसा को दोबारा धारण करवाई थी। इस पर खुश होकर खालसा ने थाना प्रभारी को बुलेट मोटरसाइकिल तोहफे में दिया था। हालांकि अगले ही दिन थाना प्रभारी ने वह मोटरसाइकिल वापस कर दिया था।

सिरी साहिब देते वक्त पता चला था पगड़ी का किस्सा

थाना मुल्लांपुर पुलिस ने 28 नवंबर 2017 को आत्महत्या के लिए उकसाने के झूठे केस में खालसा को गिरफ्तार किया था। तत्कालीन थाना प्रभारी ने खालसा से थाने में मारपीट की और उनकी पगड़ी उतारकर फेंक दी थी। 9 जून को जब थाना प्रभारी प्रेम सिंह ने खालसा को सिरी साहिब धारण करवाई तो उस वक्त उन्हें पता चला कि उनकी पगड़ी का भी अपमान किया गया था। इससे वह भावुक हो गए। जब यह बात प्रेम सिंह की पत्नी को पता चली तो उन्होंने पति को खालसा के सिर पर दस्तार सजाने के लिए प्रेरित किया।

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यह था मामला

 थाना मुल्लांपुर पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में प्रवासी मजदूर को हिरासत में लिया था। जगसीर सिंह खालसा उसकी पैरवी करने थाने पहुंचे तो गुस्साए एसएचओ ने खालसा को उसी केस में नामजद करके जेल भेज दिया, क्योंकि आत्महत्या करने वाले व्यक्ति ने जो सुसाइड नोट लिखा था उसमें अपनी मौत के लिए जिम्मेदार तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।

तीनों में से एक नाम उसने केवल खालसा लिखा था। पुलिस ने उसी नाम की आड़ में खालसा को धर लिया। खालसा को आठ माह जेल रहना पड़ा, जो थाने में प्रताडि़त किया गया वो अलग। जांच में वह सुसाइड नोट फर्जी पाया गया तो अदालत ने खालसा को बरी कर दिया था।


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