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लोगों के सवालों से तंग आए पुलिसकर्मी, बोले-हमें तो इन्क्वायरी अफसर ही समझ लिया

कोरोना काल में सिविल अस्पताल में तैनात पुलिसकíमयों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 07:00 AM (IST)
लोगों के सवालों से तंग आए पुलिसकर्मी, बोले-हमें तो इन्क्वायरी अफसर ही समझ लिया
लोगों के सवालों से तंग आए पुलिसकर्मी, बोले-हमें तो इन्क्वायरी अफसर ही समझ लिया

आशा मेहता, लुधियाना : कोरोना काल में सिविल अस्पताल में तैनात पुलिसकíमयों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो टेस्ट के लिए सैंपल देने पहुंचे संदिग्ध मरीजों को संभालना पड़ता है, दूसरा उनसे शारीरिक दूरी बनाकर रखना भी जरूरी है। लोगों की सेवा में हाजिर पुलिस के अब तक सौ से अधिक मुलाजिम संक्रमित पाए जा चुके हैं। अब तो लोगों ने इन्हीं मुलाजिमों को इन्क्वायरी अफसर भी समझ लिया है। बीते दिनों ऐसा ही एक वाकया देखने को मिला। हुआ यूं कि सिविल अस्पताल के कोरोना चेकअप सेंटर में तैनात मुलाजिम के पास एक युवक आया और कोरोना आइसोलेशन सेंटर के बारे में पूछने लगा। ऐसा एक नहीं, कई लोगों ने किया। इस पर पुलिस मुलाजिम भी अपने साथी से बोल ही पड़ा, 'लोगों ने तो हमें इन्क्वायरी अफसर ही समझ लिया है। जो भी आता है, स्टाफ से पूछने की बजाय हमसे ही जानकारी मागने लगता है।'

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कोविड ड्यूटी.. ना बाबा ना

शहर में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। जुलाई में जहा रोजाना करीब सौ मामले आ रहे थे, अगस्त में यह संख्या 200 से 300 तक पहुंच गई है। अचानक बढ़ रहे इन मामलों से आम लोगों के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मी भी दहशत में हैं। यही कारण है कि वे कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी से कतराने लगे हैं। बीते दिनों कम्युनिटी हेल्थ सेंटर की प्रमुख ने बातों-बातों में दुखड़ा सुनाया। वह बोलीं कि इन दिनों वह बहुत परेशान हो गई हैं। हर सप्ताह रोस्टर बनता है। इसमें अलग-अलग सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में काम करने वाले स्टाफ को एक सप्ताह के लिए कोविड केयर सेंटर में लगाया जाता है। जैसे ही स्टाफ को इसके बारे में पता चलता है वे तुरंत अफसरों की सिफारिशें लगवाकर ड्यूटी कटवा लेते हैं। यही हाल दर्जा चार कर्मचारियों का भी है। वे भी रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी पर नहीं आ रहे हैं।

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सिविल सर्जन बनने का ख्वाब

स्वास्थ्य विभाग में इन दिनों सिविल सर्जन की रिटायरमेंट की खूब चर्चा है। वह अगले माह रिटायर हो रहे हैं और ऐसे में उनकी कुर्सी पर काबिज होने के तरीके ढूंढे जाने लगे हैं। वैसे तो इस कुर्सी को पाने की कोशिश कई डॉक्टर कर रहे हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा में जिले के सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक सीनियर मेडिसिन स्पेशलिस्ट हैं। या यह भी कह सकते हैं कि यही साहब सबसे ज्यादा उतावले हैं। चर्चा ये भी है कि बड़ी कुर्सी पाने की चाहत में यह डॉक्टर साहब चंडीगढ़ के भी खूब चक्कर लगा रहे हैं और अपनी उपलब्धिया बताकर आला अधिकारियों का दिल जीतने की भरसक कोशिश में हैं। इतना ही नहीं, वह तो एक मंत्री से सिफारिश भी करवा रहे हैं। अब डॉक्टर साहब का कुर्सी पाने का ख्वाब पूरा हो पाता है या नहीं, यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।

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सांस लेने की समस्या है

भले ही लुधियाना में कोरोना वायरस का सक्रमण बढ़ता जा रहा है, लेकिन लोग हैं कि डर ही नहीं रहे। शहरवासी बेखौफ होकर बिना मास्क लगाए सड़कों पर घूम रहे हैं और बिना शारीरिक दूरी बनाए जगह-जगह भीड़ लगा रहे हैं। युवक-युवतिया सभी कोविड-19 को लेकर बनाए गए नियमों का उल्लंघन करने में पीछे नहीं रह रहे। बीते दिनों लुधियाना के भाई बाला चौक पर तैनात दो महिला पुलिस कíमयों ने एक्टिवा सवार दो युवतियों को रोका, जिन्होंने मास्क नहीं लगाया था। पुलिस ने पूछा तो कह दिया कि सास लेने की समस्या है, इसलिए मास्क नहीं पहना। इस संबंधी कोई डॉक्टरी स्लिप नहीं दिखा पाईं। ऐसे में जब पुलिसकíमयों ने चालान काटने की बात कही तो युवतिया उनके आगे हाथ जोड़ने लगीं। इस पर पुलिस मुलाजिम करमजीत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि ऐसे झूठ बोलकर आप लोग पुलिस को नहीं, खुद को धोखा दे रहे हैं।

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