फिजियोथैरेपिस्ट छेड़छाड़ केसः पुलिस कमिश्नर ने नई टीम को सौंपा जांच का जिम्मा, जानिए पूरा मामला
पीड़ित फिजियोथैरेपिस्ट युवती ने पुलिस कमिश्नर को मिलकर जांच टीम को बदलने की मांग की थी। उसका आरोप था कि गठित की गई जांच टीम उसके मामले को लेकर गंभीर नहीं है।
लुधियाना, जेएनएन। साउथ सिटी स्थित अस्पताल के मालिक डॉक्टर की ओर से फिजियोथैरेपिस्ट युवती के साथ की छेड़छाड़ के मामले में पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने गठित की टीम को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही जांच का जिम्मा नई बनाई टीम के सुपुर्द कर दिया है। पीड़ित फिजियोथैरेपिस्ट युवती ने पुलिस कमिश्नर को मिलकर जांच टीम को बदलने की मांग की थी। उसका आरोप था कि गठित की गई जांच टीम उसके मामले को लेकर गंभीर नहीं है और केस की जांच को सही ढंग से नहीं किया गया है।
इससे पहले मामले की जांच एडीसीपी गुरप्रीत पुरेवाल, एसीपी पश्चिमी समीर वर्मा तथा एसएचओ पीएयू परमदीप कर रहे थे। अब पुलिस कमिश्नर ने गुरप्रीत पुरेवाल व समीर वर्मा को टीम से हटाकर जांच का जिम्मा डीसीपी अश्विनी कपूर को सौंपा है। टीम में एसीपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन प्रभजोत कौर तथा एसएचओ पीएयू परमदीप सिंह को रखा गया है। डीसीपी अश्विनी कपूर ने इसकी पुष्टि करते कहा कि उनकी टीम शुरू से इस केस की जांच करके अपनी रिपोर्ट बनाकर पुलिस कमिश्नर को भेजेगी।
दरअसल, फिजियोथैरेपिस्ट युवती ने डॉक्टर पर अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। उसने आरोपित डॉक्टर की वीडियो क्लिप भी सीपी को शिकायत के साथ संलग्न की थी। वहीं डॉक्टर ने युवती के खिलाफ उसे ब्लैकमेल करने के आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। इसमें थाना पीएयू पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ छेड़छाड़ तथा फिजियोथैरेपिस्ट युवती के खिलाफ उसे ब्लैकमेल करने का केस दर्ज किया था।
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बच्ची का शारीरिक शोषण करने के आरोप में दोषी को कैद
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तरनतारन सिंह बिंद्रा की अदालत ने बच्ची के साथ शारीरिक शोषण करने के आरोप में चरणजीत सिंह उर्फ चन्नी निवासी गांव रामपुर, दोराहा को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है। पुलिस थाना दोराहा में 8 जुलाई 2018 को आरोपित के विरुद्ध धारा 376 व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। पीडि़ता की माता की शिकायत पर आरोपित के विरुद्ध मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। महिला ने पुलिस को बताया था कि उसकी 8 वर्षीय बेटी आरोपित के घर गई थी। जब वापस आई तो उसने बताया कि आरोपित ने उसका शारीरिक शोषण किया है। मां के अनुसार उनके द्वारा अपनी बच्ची का मेडिकल करवाने पर बच्ची के साथ शारीरिक शोषण किए जाने की बात आने पर इसकी शिकायत पुलिस को दी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। अदालत में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आरोपित ने खुद को बेकसूर बताया, लेकिन अदालत ने पीडि़ता की मां की गवाही व सरकारी वकील बीडी गुप्ता की बहस सुनने के बाद आरोपित चरणजीत को कसूरवार ठहराया।
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