मुख्यमंत्री की सख्ती का असरः सतलुज दरिया के किनारे शराब तस्कराें पर पुलिस ने कसा शिकंजा
पंजाबी में एक कहावत है डंडा पीर मुस्टंडेयां दा बिगडय़ां-तिगड़ेयां दा। ऐसा ही हाल हमारी पंजाब पुलिस का भी है।
लुधियाना, जेएनएन। पंजाबी में एक कहावत है, 'डंडा पीर मुस्टंडेयां दा, बिगडय़ां-तिगड़ेयां दा।' ऐसा ही हाल हमारी पंजाब पुलिस का भी है। जब तक इन्हेंं ऊपर से टाइट न किया जाए, यह ढंग से काम ही नहीं करती। अब कच्ची शराब तैयार करने वाले तस्करों को ही देख लीजिए। सालों से ये लोग सतलुज दरिया के किनारे भटिठयां लगाकर शराब बना रहे हैं। शहर के हर तीसरे आदमी को इसकी जानकारी है।
सतलुज दरिया के उन इलाकों से थाना माछीवाड़ा, कूमकलां, मेहरबान और लाडोवाल लगते हैं, लेकिन सब देखते हुए पुलिस ने उस तरफ से अपनी आंखें मूंदें रखी थीं। हाल ही में जब मुख्यमंत्री ने शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए, तो उसके लिए एंटी स्मगलिंग सेल टीम की ड्यूटी लगाई गई। फिर क्या था, टीम ने दो सप्ताह में दर्जनों भटिठयों पर दबिश देकर उन्हें नष्ट कर डाला और लाखों लीटर शराब व लाहन बरामद की।
मातहत ने कर दी फजीहत
पुलिस लाइन में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर की भले ही किसी थाने में ड्यूटी न थी। इसके बावजूद उसे अपने से जूनियर कर्मचारियों पर रौब जमाने की बुरी आदत थी। उसके एक मातहत ने ऐसा काम किया कि उसकी बोलती बंद करके रख दी। कोरोना संकट के दौरान थानों में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों को मास्क व सैनिटाइजर मिल रहे थे। कहीं तैनाती न होने के कारण उसे नहीं मिले।
इस पर उसने अपने से जूनियर से कहा कि वह किसी संस्था से उसे भी मास्क मंगा कर दे। तीन दिन तक वह जूनियर को फोन करता रहा। चौथे दिन जब वो इंस्पेक्टर अपनी टीम के आठ-दस अधिकारियों के साथ खड़ा था। उसी समय जूनियर ने वहां पहुंचकर उसे 10 मास्क देते हुए कहा कि किसी संस्था से मास्क नहीं मिले, तो वो बाजार से खुद उसके लिए खरीद लाया है और उसने इस तरह अधिकारी की फजीहत कर डाली।
मेरे खर्च से टेस्ट करा ले
पैसों के लिए डॉक्टर किस स्तर तक जा सकते हैं, इसकी एक मिसाल देखने को मिली। हैबोवाल के विनोद जैन एक प्राइवेट अस्पताल में टांग का ऑपरेशन करवाने के लिए गए। उनका चेकअप करने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन का खर्च 15 हजार रुपये बताया। विनोद तैयार हो गए। जब उन्होंने ऑपरेशन करवाने के लिए तारीख मांगी, तो डॉक्टर ने उनसे कहा कि पहले उन्हेंं कोरोना टेस्ट करवाना होगा।
विनोद ने कहा कि उन्हेंं कोरोना है ही नहीं तो वो टेस्ट क्यों कराए। टेस्ट कराने के पांच हजार रुपये देने पर उसके ऑपरेशन का खर्च 20 हजार रुपये पड़ जाएगा। अब डॉक्टर तो एहतियात बरत रहा है। उन्होंने देखा कि ग्राहक खिसक रहा है, तो उसे कहा कि भाई टेस्ट के पैसे मेरे ऑपरेशन खर्च से काट लेना, लेकिन टेस्ट जरूर करवा के आना। इस पर विनोद ने कहा कि वो टेस्ट नहीं करवाएगा, चाहे डॉक्टर क्यों न बदलना पड़े।
ये अंडर कंस्ट्रक्शन ही रहेगा
पिछले चार साल से जगराओं पुल के बनने की राह देख रहे शहरवासियों का सब्र अब टूटने लगा है। दूसरे महत्वपूर्ण मु्द्दों की तरह जगराओं पुल भी इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग तरह-तरह की पोस्टें बनाकर उसे वायरल कर रहे हैं। पुल को लेकर जोक्स बनाए जा रहे हैं। पूछने पर बस्ती जोधेवाल निवासी सुरिंदर पाल ने बताया कि हो सकता है कि उनकी पोस्ट्स अधिकारियों तक भी पहुंच जाएं और उन्हें देखकर अधिकारियों को पुल का काम तेजी से करवाने की प्रेरणा मिल जाए।
एक पोस्ट में लिखा है कि न जाने हम कहां होंगे, जब दुनिया तबाह होगी। यकीन रखिए उस दिन भी लुधियाना के जगराओं पुल पर अंडर कंस्ट्रक्शन ही लिखा होगा। एक साहब ने जगराओं पुल की बरसी ही मना डाली। उन्होंने पुल को श्रद्धांजलि अॢपत करते हुए नए पुल के जल्द तैयार हो जाने की प्रार्थना भी की।