पर्यावरण के साथ रोजगार का बेहतर साधन हैं पेड़
पेड़ पौधे लगाने से न केवल हम पर्यावरण का संरक्षण करते हैं।
राजन कैंथ, लुधियाना
पेड़ पौधे लगाने से न केवल हम पर्यावरण का संरक्षण करते हैं। अपितु यह हमारे लिए रोजगार का सर्वोत्तम साधन भी बनते हैं। ऐसी बहुत सी मिसाल दी जा सकती हैं जिनमें लोगों ने पेड़ लगाकर उन्हें अपना व्यापार बना लिया और रोजगार का बेहतर तरीका ढूंढ़ लिया। ऐसे लोगों में शामिल हैं इंद्रमोहन सिंह कादिया और कुलविंदर सिंह संधू, जिन्होंने पेड़ों में रोजगार ढूंढ़ लिया।
कुलविंदर संधू बताते हैं कि बेट इलाका होने के कारण उनकी जमीन रेतीली थी। जिसके चलते उनकी जमीन पर दूसरी फसलों के लिए ज्यादा पानी देना पड़ता था। 30 साल पहले उन्होंने इस जमीन में से 50 एकड़ जमीन पर पेड़ लगाने का निर्णय लिया। पत्नी रमणीक कौर संधू के साथ पेड़ों से व्यवसाय शुरू करने वाले संधू ने कहा कि उन्होंने ऐसे पौधे रोपे जो पेड़ बनने के बाद फर्नीचर के लिए लकड़ी की डिमाड को पूरा कर रहे हैं। उनका यह फैसला जहा पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद कारगर साबित हुआ। वहीं उनके लिए अच्छी खासी कमाई का साधन भी बन गया। करीब सात वर्ष बाद यह पौधे तैयार होकर पेड़ बन गए। जिन्हें बेचने के बाद उन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है। पिछले 30 साल से वह इसी कारोबार में है।
वहीं, इंद्रमोहन कादिया ने बताया कि करीब 30 साल पहले उनकी बहन की शादी खैहरा बेट में हुई थी। पंजाब में मंत्री रहे (अब स्वर्गीय) कैप्टन रतन सिंह इसी गाव से थे और वह भी अपनी जमीन में पेड़ लगाते थो और उन्होंने ही उन्हें इस व्यवसाय को अपनाने का सुझाव दिया। जिसके उन्होंने अपनी 100 एकड़ जमीन पर पौधे लगाना शुरू कर दिया। अब उन्हें अच्छी खासी कमाई भी हो जाती है। इंद्रमोहन ने कहा कि उन्होंने ट्री ग्रोअर्स एसोसिएशन का गठन भी किया हुआ है, जो यूनिवíसटी के साथ जुड़ी हुई है। एसोसिएशन में 300 किसान जुड़ हुए हैं।