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Punjab Adani Silo Closure: किसानों की 'जिद' से गई नौकरी, युवाओं काे पड़े खाने के लाले; घर का खर्च चलाना मुश्किल

Punjab Adani Silo Closure फिरोजपुर के पूर्व डीसी गुरपाल चहल ने कहा कि बेरोजगार हुए वर्कर्स को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कंपनी प्रबंधकों से बात की गई लेकिन किसानों के अड़े होने के कारण मामला हल होता नजर नहीं आया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 01 Sep 2021 08:44 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 10:09 PM (IST)
Punjab Adani Silo Closure: किसानों की 'जिद' से गई नौकरी, युवाओं काे पड़े खाने के लाले; घर का खर्च चलाना मुश्किल
फिरोजपुर के वां गांव के साइलो प्लांट के बाहर धरना पर बैठे किसान। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर। Punjab Adani Silo Closure: पंजाब में कृषि सुधार कानूनाें के खिलाफ जारी प्रदर्शनाें ने लाेगाें का राेजगार छीन लिया है। पंजाब के फिराेजपुर में अडानी समूह (Adani Group) का साइलाे बंद हाेने से सैकड़ाें लाेगाें के सामने राेजी राेटी का संकट खड़ा हाे गया है। गांव वां के प्लांट में लंबे समय से काम कर रहे रछपाल सिंह ने कहा कि कृषि कानून के खिलाफ किसान मोर्चे के कारण प्लांट का काम काफी समय से ठप था। पहले दो महीने सब ठीक रहा, लेकिन इसके बाद मैनेजर ने काम से जवाब दे दिया।

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परिवार को पालने के लिए दिहाड़ी पर काम के इंतजार में रहते हैं। पक्का काम न होने के कारण खाने के लाले पड़ रहे हैं। नई जगह पर एक-दो के लिए काम मिलता है। फिर कुछ दिन बेकार बैठना पड़ता है। एक अन्य श्रमिक मनजीत सिंह ने कहा कि पहले पता नहीं था कि प्लाट बंद होने के बाद मुलाजिमों पर गाज गिरेगी। बहुत से मुलाजिम किसान परिवारों से हैं, लेकिन अब हालात खराब हो गए हैं।

प्लांट कब शुरू होगा, कुछ नहीं कहा जा सकता। हमें दोबारा काम पर रखा जाएगा या नहीं, इसकी भी जानकारी नहीं है। सरकार और किसानों के टकराव के कारण आम आदमी पिस रहे हैं। कई परिवार इस प्लांट से ही चलते थे। अब हमें सरकार के फैसले का इंतजार है।

2018 में शुरू किया गया था प्लांट

प्लांट 2018 में शुरू किया गया था। इस पर 700 करोड़ रुपये की लागत आई थी। यहां सात हजार टन चावल का भंडारण हो सकता है। इसलिए धान के सीजन में यहां श्रमिकों की संख्या बढ़ जाती है। इसके लिए कंपनी एडवांस में ही श्रमिकों की बुकिंग कर लेती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा। कंपनी प्रबंधन का कहना है कि हमने किसान नेताओं से कई स्तर की बातचीत के बाद यह मुश्किल निर्णय लिया है। अब और कोई रास्ता नहीं है।

प्लांट खुलने पर ही काम शुरू होगा काम

फिरोजपुर के पूर्व डीसी गुरपाल चहल ने कहा कि बेरोजगार हुए वर्कर्स को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कंपनी प्रबंधकों से बात की गई, लेकिन किसानों के अड़े होने के कारण मामला हल होता नजर नहीं आया। कंपनी प्रबंधकों ने प्लांट खुलने की सूरत में ही काम चलने और रोजगार देने की बात कही है। बातचीत का जो प्रयास हो सकता था उसे किया था।

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