Union Budget 2021-22: कोरोना काल के बाद पहले बजट से हर वर्ग को राहत की उम्मीद
Union Budget 2021-22 कोरोना के कारण उद्योग को जबरदस्त झटका लगा है। बैंकों के कर्ज का भुगतान करने में मुश्किल आई है। इससे नए निवेश पर ब्रेक लगा लेकिन अब बजट में यदि सरकार इस सेक्टर के लिए ब्याज में विशेष राहत दे तो फिर से बूम आ सकता है।
लुधियाना, जेएनएन। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को आम बजट पेश करेंगी। कोरोना काल के बाद यह पहला बजट है। ऐसे में समाज के हर वर्ग को इससे खासी उम्मीदे हैं। कोरोना में लोगों को आर्थिक झटके भी लगे। अब उनको उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर आएगी और रोजगार के बेहतर अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा महंगाई से भी निजात मिलेगी। खासकर पेट्रोल, डीजल एवं रसोई गैस की महंगाई ने आम आदमी की जेब पर असर किया है। इसके अलावा लोग आयकर स्लैब पर भी छूट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे आम आदमी की जेब में अधिक पैसा आएगा और वह खुलकर अपनी जरूरतें पूरी कर सकेगा।
जीएसटी की दर को तर्कसंगत बनाया जाए
कोरोना के कारण उद्योग को जबरदस्त झटका लगा है। बैंकों के कर्ज का भुगतान करने में मुश्किल आई है। इससे नए निवेश पर ब्रेक लगा, लेकिन अब बजट में यदि सरकार इस सेक्टर के लिए ब्याज में विशेष राहत दे तो फिर से बूम आ सकता है। इसके अलावा नए निवेश पर कम से कम पांच साल का टैक्स हालीडे दिया जाए। साथ ही होटल एवं रेस्टोरेंट में जीएसटी की दर को तर्कसंगत बनाया जाए। - अमरवीर सिंह, प्रधान, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब
लोगों को राहत देने का समय
बजट से आम आदमी को आवश्वक वस्तुओं की महंगाई से निजात दिलाने के उपाय किए जाएं। खास कर रसोई गैस का सिलेंडर 800 रुपये से भी अधिक का हो गया है। इसके अलावा डीजल एवं पेट्रोल के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इनकी कीमतों पर लगाम लगाना अनिवार्य है। कोविड काल में लोगों ने मुश्किल वक्त का अहसास किया है। अब उनको राहत देने का वक्त आ रहा है। - सोनिया छाबड़ा, गृहिणी
आयकर स्लैब में मिलनी चाहिए छूट
देश में महंगाई बढ़ रही है, लेकिन आम आदमी की आमदन उसके हिसाब से नहीं बढ़ रही। इससे आम आदमी पर कर का बोझ अधिक है। अब बजट में आयकर अधिनियम में कर छूट की सीमा को और बढ़ा कर आम आदमी को राहत दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि नौकरी पेशा लोगों के लिए आयकर को तर्कसंगत बनाना जरूरी है। - इतिश मरवाहा, सीए व बैंक मैनेजर
सभी के लिए अनिवार्य किया जाए टैक्स
जो लोग टैक्स देते हैं, उन्हें सरकार कोई रियायत नहीं देती और जो टैक्स नहीं देते, उन्हें रियायत ही रियायत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सभी के लिए सभी तरह के टैक्स अनिवार्य किए जाने चाहिए। चाहे वह रिक्शा वाला हो या दुकानदार या जमींदार। जब टैक्स देने वाले बढ़ जाएंगे, तो इससे देश का ही फायदा होगा। -डा. संजीव उप्पल, सीईओ मोहनदेई ओसवाल अस्पताल
हेल्थ का बजट बढ़ाना चाहिए
इस समय में हेल्थ पर कुल जीडीपी का 1.2 फीसद ही खर्च किया जा रहा है। सरकार को हेल्थ का बजट बढ़ाना चाहिए। इसे बढ़ाकर तीन से चार फीसद किया जाए। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि आम आदमी को इलाज करवाने के लिए निजी अस्पतालों पर निर्भर न रहना पड़े। बजट में गैर संक्रामक रोगों पर विशेष जोर देने की जरूरत है। - डा. अरुण मित्रा, ईएनटी स्पेशलिस्ट
स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होना चाहिए
लोकतंत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं तो हर किसी को यकीनी तौर पर मिलनी चाहिए। यह तभी होगा जब शिक्षा व स्वास्थ्य का बजट बढ़ाया जाए। सरकारी स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाए। खाली पदों को भरा जाए, क्योंकि शिक्षण संस्थान शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। -सुखबीर सेखो, हेड टीचर, गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल, मोती नगर
खेलों को बढ़ावा देने के लिए रखा जाए बजट
सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाए जाएं। इससे बच्चों की संख्या भी बढ़ेगी। स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर किया जाए। प्राइमरी लेवल से ही खेलों को बढ़ावा देने को लेकर अतिरिक्त बजट होना चाहिए। - शिवानी सूद, हेड टीचर, गवर्नमेंट प्राइमरी स्मार्ट स्कूल हैबोवाल कलां