PAU लुधियाना के वस्त्र वैज्ञानिकों ने दिए कोरोना से बचाव टिप्स, कपड़े खरीदते व धोते समय इन बातों का रखें ध्यान
पीएयू लुधियाना के वस्त्र विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने कोरोना से बचाव के लिए कुछ सुझाव दिए हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस कपड़ों सेे भी फैल सकता है। कोरोना न फैले इसके लिए उन्होंने टिप्स दिए हैं।
जेएनएन, लुधियाना। हाथों की तरह कपड़ों में भी कोरोना वायरस हो सकता है। कोरोना वायरस कपड़ों में कई घंटों तक जीवित रह सकता है। ऐसे में हाथों की सफाई की तरह कपड़ों की भी अच्छे ढंंग से सफाई बेहद जरूरी है। खासकर, तब हम जब बाहर से घर में आते हैं। यह कहना है पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वस्त्र विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों का।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हमें अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए हर तरह की सावधानियों का प्रयोग करना होगा। वस्त्र विज्ञान विभाग की प्रोफेसर डा. सुमित ग्रेवाल व डा. सुरभि मलिक का कहना है कि कोरोना वायरस कपड़ों पर कुछ घंंटों से लेकर कई घंटों तक जीवित रह सकता है, जो कि कपड़ों के बीच के रेशे पर भी निर्भर करता है, इसलिए कपड़े भी वायरस के संभावित कैरियर्स में से एक हैं। इस कारण हाथों और शरीर की सफाई के साथ-साथ कपड़ों की भी सही सफाई जरूरी है।
प्रोफेसर सुमित ग्रेवाल व सुरभि मलिक के अनुसार हमें ध्यान रखना चाहिए कि जब भी हम बाहर से घर में दाखिल होंं तो पहने गए गंदे कपड़ों को एक अलग लांडरी बैग में रखें। इस बैग में लगभग पांच से छह घंटों के लिए कपड़े एक तरफ रहने दें। इसके बाद एक टब में पानी लें और उसमें डिटरजेंट डालेंं। अगर डिटरजेंट उपलब्ध न हो तो उसकी जगह पर बेकिंग सोडा या सिरके का प्रयोग कर सकते हैं। फिर उन कपड़ों को टब में कम से कम दो घंटे के लिए रखें और फिर निकाल लें। इसके बाद निचोड़कर धूप में सुुखाएं।
उन्होंने कहा कि हर तरह के कपडे़ जैसे दुपटटे, स्काफ, टोपी आदि अगर भीड़ वाली जगहों पर प्रयोग किए गए हैं, तो इन्हें रोज धोएं। सूती कपड़े से बने मास्क को रोजाना धोया जाना चाहिए। पर्स, हैंड बैग, बैलट व अन्य उपकरणों को घर वापस आने के बाद हर रोज सेनिटाइजर के साथ करना चाहिए। घर के अंदर व बाहर जाने के लिए अलग अलग जोड़े चप्पल व सेंडल रखें।
कपड़े धोते समय क्या नहीं करना चाहिए
डा. सुरभि के अनुार घर से बाहर जाने वाले सदस्य के कपड़े बाकी सारे परिवार के कपड़ों के साथ नहीं धोने चाहिए। यह कपड़े बुजुर्गों और बच्चों के कपड़ों के साथ धोने से परहेज करें। लांडरी के थैले या बाल्टी जिसमें संक्रमित कपड़े रखे जाते हैं, उसे बिना साफ किए न रखें और रोजाना उन्हें धोने के बाद धूप में सुखाएं।
कोराेना के दौरान नए कपड़े खरीदने पर सुझाव
प्रोफेसर सुमित ग्रेवाल कहती हैं कि कोरोना महामारी के समय में कपड़े तो ही खरीदे अगर जरूरी हों। नहीं तो बाहर जाकर कपड़े की दुकानों की बहुत सारी सतहों को छूकर अपने आप को जोखिम में न डालें। शोरूम में किसी कपड़े को पहन कर न देखें। साइज को देखने के लिए पुराने कपड़ो के टैग का प्रयोग करें, जो अच्छी तरह फिट हैं। नए कपड़ों को पहनने से पहले उन्हें कम से कम दस मिनट साबुन वाले पानी में रखें और फिर अच्छी तरह धोकर ही प्रयोग करें।