पाकिस्तानी गायक अकरम के साथ गाएंगे पम्मी बाई
पंजाबी गीतों के ख्यातिप्राप्त गायक पम्मी बाई एकबार फिर पाकिस्तानी गायक अकरम राही के साथ गीत गाएंगे।
भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना
पंजाबी गीतों के ख्याति प्राप्त गायक पम्मी बाई एक बार फिर पाकिस्तानी गायक अकरम राही के साथ गीत गाएंगे। अस्सी दोवे पंजाब दे पुत्त, पंजाबी साड्डी बोली.. जैसे मशहूर गीत में अकरम के साथ ख्याति पाने वाले पम्मी बाई इस बार गुरुनानक देव जी के ऊपर गीत गाएंगे। दैनिक जागरण से बातचीत में पम्मी बाई ने कहा कि हिदुस्तान के अलावा पाकिस्तान में भी गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है। अकरम राही और मैंने तय किया कि इस बार गुरुनानक देव जी के ऊपर गीत गाया जाए। गीत की रिकॉर्डिग और शूटिग दोनों देशों में होगी। गीत के बोल बताने से इन्कार करते हुए पम्मी बाई ने कहा कि सही समय पर इसके बारे में भी बताएंगे। पम्मी बाई ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सेक्रेटरी ने भी कहा है कि इस अवसर पर कुछ खास गीत बनाया जाए। पाकिस्तान में होने वाले 550वें प्रकाशोत्सव में शिरकत के संबंध में पम्मी बाई ने कहा कि यह समय पर निर्भर करेगा, लेकिन उनकी ख्वाहिश है कि इस एतिहासिक पल में हाजिरी जरूर दूं। 70 पंजाबी फिल्में रिलीज होने के इंतजार में
पम्मी बाई ने कहा कि उनकी दो फिल्में बनकर तैयार हैं। उन्होंने लगातार बन रही पंजाबी फिल्मों पर चिता जताई। उनका कहना था कि वर्तमान में 70 फिल्में बनकर तैयार हैं और यदि हर सप्ताह दो फिल्में भी रिलीज हों तो 8-9 माह लग जाएंगे। सब्सिडी के कारण विदेशों में ज्यादा शूटिग
पम्मी बाई कहते हैं कि दर्शकों को विदेशी शूटिग के प्रति क्रेज है। वह कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में हुई शूटिग देखना चाहता है। अन्य देश शूटिग के लिए विशेष सब्सिडी देते हैं, लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं है, इसलिए पंजाबी फिल्मों के निर्माता विदेशों का रुख करते हैं। खतरे दा घुग्गू में नजर आएंगे जश्नजीत
अंग्रेज, निक्का जैलदार, हरजीता, किस्मत, छड़ा जैसी हिट फिल्मों में काम करने वाले जश्नजीत गोशा की जल्द तीन नई फिल्में आ रही हैं। जश्नजीत के अनुसार खतरे दा घुग्गू बनकर तैयार है, डेट मिलते ही सिनेमा घरों में नजर आएंगी। तू मेरा कि लगदा और छल्ले मुंदिया जैसी फिल्में भी तैयार हैं। अंग्रेज जैसी फिल्म से अलग ख्याति हासिल करने वाले जश्नजीत का कहना है कि पंजाबियों में फिल्मों का क्रेज तो है, लेकिन इस क्रेज को अच्छी फिल्मों के साथ ही बरकरार रखा जा सकता है। भंगड़े में अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल हासिल करने वाले जश्नजीत चाहते हैं कि पंजाब की युवा पीढ़ी अपने कल्चर से दूर न हो और जब समय मिले उससे जुड़ने की कोशिश करें, तभी पंजाबियों की टशन हमेशा बरकरार रहेगी।