Move to Jagran APP

PRTC Workers Strike: पंजाब में पीआरटीसी कर्मियों की हड़ताल से 800 बसों का संचालन बंद, सात कराेड़ का नुकसान

PRTC Workers Strike पंजाब में पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी पांच दिन से हड़ताल पर हैं। इसके कारण 800 बसों का संचालन बंद है। इससे लोगोंं को तो परेशानी झेलनी ही पड़ रही है। साथ ही साथ करोड़ों का राजस्व नुक्सान भी हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 11 Sep 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sat, 11 Sep 2021 04:39 PM (IST)
PRTC Workers Strike: पंजाब में पीआरटीसी कर्मियों की हड़ताल से 800 बसों का संचालन बंद, सात कराेड़ का नुकसान
पीआरटीसी कर्मियों की हड़ताल से करोड़ों का नुकसान। सांकेतिक फोटो

जागरण संवाददाता, पटियाला। पेप्सु रोड ट्रांसपाेर्ट कारपोरेशन (PRTC) के कच्चे मुलाजिमों की हड़ताल से PRTC को पांच दिनों में सात करोड़ रुपये की नुकसान झेलना पड़ा है। हालत यह है कि हड़ताल के दौरान 800 बसें अड्डे में से बाहर नहीं निकलीं हैं। PRTC को प्रतिदिन करीब 1.40 करोड़ का नुकसान हो रहा है। इस समय PRTC के 2500 कच्चे कर्मी मौजूदा समय में हड़ताल पर हैं।

loksabha election banner

बता दें, कच्चे मुलाजिम पक्का करने की मांग को लेकर छह सितंबर से अनिश्चितकालीन समय के लिए हड़ताल शुरू की है। चार दिनों से 2500 मुलाज़िम हड़ताल पर हैं और शुक्रवार को हड़ताल का पांचवां दिन है। इस समय अहम रूटों पर बसें भी नहीं चल रहीं हैं। PRTC की रोजाना 1.60 से 1.70 करोड़ रुपये आमदन हो रही थी जो कम होकर मात्र 33 लाख रुपये प्रतिदिन पर आ गई है।

रोजाना हो रहे वित्तीय नुक्सान को देखते कच्चे मुलाजिम मुहैया करवाने वाली ठेका एजेंसी को PRTC ने सख्त चेतावनी जारी कर दी है। सभी नौ डिपो मैनेजरों को कहा है वे उनके डिपो में दे रहे ठेकाकर्मियों के बारे में उनको चेतावनी पत्र जारी करें कि उनको हड़ताली कर्मियों के स्थान पर अन्य मुलाजिम मुहैया करवाए जाएं, नहीं तो बनती कारवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया है कि एजेंसी की तरफ से पहले हड़ताल पर गए मुलाजिमों को काम पर वापस बुलाया जाए।

PRTC के चेयरमैन केके शर्मा ने कहा कि हड़ताल पर गए मुलाजिम नेताओं ने उनके साथ की मीटिंग के दौरान 2500 रुपये तक तनख्वाह बढ़ाने की मांग की थी जिस पर मैनेजमेंट ने कहा था कि अगर वे हड़ताल खत्म करके काम पर वापस आ जाते हैं तो एक अक्टूबर से उनका वेतन बढ़ा दिया जाएगा, परंतु मुलाजिम बाद में नौकरी पक्की करने की मांग पर अड़ गए। उन्होंने कहा कि तनख्वाह बढ़ाना उनके हाथ में है, लेकिन नौकरी पक्की करने के फैसला सरकार स्तर पर लिया जाना है। चेयरमैन ने कहा कि मुलाजिमों को हड़ताल खत्म करके काम लौटना चाहिए और बाकी मांगों पर सरकार स्तर पर बातचीत जारी रखनी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.