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कचहरी परिसर में दिव्यांगाें काे नहीं काेई सुविधा, एक व्हील चेयर भी ताले में बंद Ludhiana News

यदि किसी दिव्यांग मरीज अथवा बुजुर्ग को वहां जाना पड़ जाए तो विभिन्न मंजिलों में स्थित अदालतों तक पहुंचना उनके लिए हिमालय चढ़ने जैसा है।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 06:59 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 12:30 PM (IST)
कचहरी परिसर में दिव्यांगाें काे नहीं काेई सुविधा,  एक व्हील चेयर भी ताले में बंद  Ludhiana News
कचहरी परिसर में दिव्यांगाें काे नहीं काेई सुविधा, एक व्हील चेयर भी ताले में बंद Ludhiana News

लुधियाना, [राजन कैंथ]। अदालतों में वर्षो तक लंबे लटकने वाले केस तो लोगों को मायूस करते ही हैं, लेकिन मजबूरन यदि किसी दिव्यांग, मरीज अथवा बुजुर्ग को वहां जाना पड़ जाए तो विभिन्न मंजिलों में स्थित अदालतों तक पहुंचना उनके लिए हिमालय चढ़ने जैसा है।

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यूं तो बार रूम में एक व्हील चेयर रखी गई है, लेकिन समस्या यह है कि उसे बार रूम के अंदर बनी डिस्पेंसरी में रखा गया है। डिस्पेंसरी में हर समय ताला लगा रहता है। उस व्हील चेयर की जानकारी के लिए पूरे परिसर में कहीं कोई सूचना बोर्ड नहीं है, जिसके चलते उसे वहां केवल शो पीस की तरह रखा गया है।  

छह मंजिला अदालत परिसर में कुल 55 अदालतें लगती हैं। जहां हर रोज 25 हजार के करीब लोगों का आना जाना लगा रहता है। वकीलों की 8 मंजिला पुरानी इमारत में 534 चैंबर हैं। उसी प्रकार वकीलों 8 मंजिला नई इमारत में भी 336 चैंबर हैं। जहां हर रोज 2500 से ज्यादा वकीलों का आवागमन होता है।

अनुमान के अनुसार हर रोज 50 से ज्यादा दिव्यांग, बुजुर्ग अथवा मरीज लोग अपने केस की पैरवी के लिए वहां पहुंचते हैं। यूं तो ऊपर जाने के लिए लिफ्ट लगी हुई है। व्हील चेयर के लिए एक रैंप भी है, जिसे अदालती इमारत के साथ-साथ वकीलों के चैंबर की नई व पुरानी इमारत के साथ भी जोड़ा गया है, लेकिन बिना व्हील चेयर के उस रैंप के कोई मायने नहीं।

आज तक व्हील चेयर नहीं देखी

अपने केस की पैरवी के लिए दुगरी फेस-2 से आए रमनदीप सिंह ने बताया कि अदालत परिसर में उन्होंने आज तक व्हील चेयर नहीं देखी। रमनदीप को तो पता ही नहीं है कि दिव्यांगों को अदालत तक जाने के लिए व्हील चेयर मुहैया कराई जाती है।

क्या व्हील चेयर मुहैया कराने का नियम भी है

ग्यासपुरा निवासी दविंदर कुमार (60) से जब बात हुई तो उन्होंने कहा कि क्या ऐसा कोई नियम है कि दिव्यांगों को अदालत में व्हील चेयर मुहैया कराई जाती है। दैनिक जागरण संवाददाता के माध्यम से मिली जानकारी पर उन्होंने बताने के लिए आभार जताया।

हर जगह व्हील चेयर की सुविधा होनी चाहिए

अपने काम के सिलसिले में सिविल लाइंस से आए डॉ. जगजीत सिंह (84) ने कहा कि चलने फिरने में विवश लोगों के लिए अदालत क्या, हरेक सरकारी इमारत में सुविधा होनी चाहिए, मगर अब नहीं है तो क्या किया जा सकता है।

व्हील चेयर रखना बहुत जरूरी  

मुल्लांपुर से अपने केस की पैरवी के लिए आए सुरजन सिंह (87) ने कहा कि उन्होंने आज तक नहीं सुना कि अदालत में उनके जैसे बुजुर्गो के लिए व्हील चेयर होती है। उन्होंने कहा कि सरकार को उनके जैसे लोगों के लिए व्हील चेयर रखनी जरूर चाहिए।

अदालत परिसर में व्हील चेयर तो है, मगर कितनी है, इसके बारे में मै अभी नहीं बता सकता। मैंने हाल ही में ज्वाइन किया है। वीरवार चेक करने के बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि व्हील चेयर को वहां रखा जाए, जहां हर किसी की नजर में रहे। इसके अलावा व्हील चेयर संबंधी सूचना पट्ट भी लगाया जाएगा। कंवलजीत ¨सह गरेवाल, सुपरिंटेंडेंट सेशन जज

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