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बुढ़ापा सुंदरता को नष्ट करता : रमेश मुनि

एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रविवार की प्रार्थना सभा में रमेश मुनि महाराज ने कहा कि अभिमानी रुपी शत्रु पर विजय पाना जरूरी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 01:31 AM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 01:31 AM (IST)
बुढ़ापा सुंदरता को नष्ट करता : रमेश मुनि
बुढ़ापा सुंदरता को नष्ट करता : रमेश मुनि

संस, लुधियाना : एसएस जैन स्थानक 39 सेक्टर में रविवार की प्रार्थना सभा में रमेश मुनि महाराज ने कहा कि अभिमानी रुपी शत्रु पर विजय पाना जरूरी है, क्योंकि यह आत्मा को नरक व पशु योनि में ले जाता है। लोक में निदित अहंकारियों की गति निश्चित रूप से नरक होती है इसलिए समझदार व्यक्ति को अभिमान को सदैव विनाशकारी समझकर बचना चाहिए। अभिमान गुणी व्यक्ति को भी दुर्गुणी बना देता है। इसे दूर नहीं करने पर सारे गुण ढक या नष्ट हो जाएंगे। बुढ़ापा सुंदरता, आशा धैर्य, मृत्यु प्राणों, ईष्र्या धर्मचर्या, क्रोध शांति और काम लज्जा हो नष्ट करता है परंतु अभिमान सभी गुणों को नष्ट कर देता है। मुकेश मुनि ने कहा कि अहंकार का आसन मनुष्य के ह्दय में है। विवेक नेत्रों को नष्ट करके मानव को अंधा बना देता है। कुछ लोग लाभ का अहंकार करते है और उन्हें कदम कदम पर लाभ मिलता है। हर व्यक्ति से उन्हें अनायास का लाभ प्राप्त हो जाता है। तत्व चितंक उत्तम मुनि म. ने कहा कि जिस धर्म का हम वर्णन कर रहे हैं उस धर्म अधिकारी से हमारा अभिप्राय योग्यता से है, पात्रता से नहीं। किसी भी वस्तु को प्राप्त करने से पूर्व उसके योग्य बना जाता है। इससे पहले शुक्रवार को रमेश मुनि म. ने कहा, आज भक्ताम्वर स्त्रोत का संपूर्ण जाप प्रारंभ हुआ। भक्ति के महत्व का वर्णन करते हुए मुकेश मुनि ने कहा कि भक्ति करते-करते एक दिन भक्त ही भगवान बन सकता है। भक्ति में ऐसी शक्ति विद्यमान है। सेवा और भक्ति से ही हनुमान जगत पूजनीय बन जाते हैं।

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