लुधियाना के Senior Deputy Mayor शाम सुंदर मल्होत्रा की अनदेखी, बैठकों में नहीं बुलाते अफसर
शहर में काेराेना संकट के बीच नगर निगम की बैठकाें में अजीब माहाैल देखने काे मिल रहा है। शहर के विकास के लिए होने वाली मीटिंग में मल्हाेत्रा काे न बुलाया जाना आजकल शहर के राजनीतिक गलियाराें में खासा चर्चा में हैं।
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। शहर के विकास के लिए अकसर नगर निगम और स्मार्ट सिटी की बैठकें होती रहती हैं। इन बैठकों में निगम कमिश्नर और अफसरों के साथ मेयर बलकार सिंह संधू तो होते हैं, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा की अनदेखी की जाती है। उच्च पद पर बैठी शख्सियत को बड़ी मीटिंगों में न बुलाना राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है।
सत्ताधारी दल के ही एक नेता का कहना है कि कम से कम शहर के विकास के लिए होने वाली मीटिंग में उन्हें जरूर शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि वह किसी वार्ड के पार्षद नहीं, पूरे शहर के सीनियर डिप्टी मेयर हैं। अहम मुद्दों पर उनकी राय अति आवश्यक है। इससे तो ऐसा लगता है कि सिर्फ उन्हें संतुष्ट करने के लिए सिर्फ यह पद दिया गया है। यही हाल डिप्टी मेयर सर्बजीत कौर का है। उन्हें भी अहम मीङ्क्षटगों में शामिल नहीं किया जाता है।
ठंडे पड़े भाजपाइयों के तेवर
कृषि सुधार कानून बनाए जाने के बाद प्रदेश के किसानों के विरोध को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने विशेष टीमें बनाई थीं, ताकि वह किसानों के पास जाकर उन्हें इस कानून के बारे में स्पष्ट कर सकें। इसकी भनक लगते ही किसानों ने साफ कह दिया था कि यदि उनके गांव में भाजपा नेता आए तो उन्हें उनके विरोध का सामना करना पड़ेगा। इसके बावजूद प्रदेश भाजपा प्रधान सहित सभी नेताओं का कहना था कि गांवों में जाना उनका अधिकार है और वह अपने किसान भाइयों को समझाएंगे।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से किसान आंदोलन के उग्र रूप लेने और केंद्र सरकार के सामने पैदा हुई विकट स्थिति को देखते हुए प्रदेश की भाजपा लीडरशिप भी ठंडी पड़ गई है। अब तो वे किसानों के पास जाने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे हैं। फिलहाल उनके तेवर इस मामले में ठंडे पड़ गए हैं और चुप्पी साधकर बैठे हैं।
मान गए वीसी साहब
इन दिनों देश की सबसे बड़ी पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की कर्मचारी यूनियन वाइस चांसलर डा. बलदेव सिंह ढिल्लों के पीछे पड़ी हुई है, लेकिन बुजुर्ग वीसी साहब हैं कि उन्हें फटकने तक नहीं देते। अपनी मांगों की लंबी फेहरिस्त के साथ लगभग 50 दिन से संघर्ष कर रही पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी की अलग-अलग यूनियनों के नहीं मानने पर वीसी ढिल्लों ने फोर्थ क्लास कर्मचारी यूनियन को ही तोड़ लिया। वीसी कार्यालय के सामने कूड़ा फेंकने की धमकी देने वाली फोर्थ क्लास यूनियन के नेताओं को उन्होंने बकायदा बैठक कर बातचीत के लिए बुलाया और उनकी कुछ मांगों पर सकारात्मक कदम उठाया। अब बाकी यूनियन संघर्ष जारी रखे हुए हैं। इससे पहले भी जब यूनियन के सदस्य वीसी कार्यालय के सामने लेट गए थे तो वीसी ढिल्लों उनके ऊपर से होते हुए अंदर चले गए थे। अब तो वीसी साहब कर्मचारियों के बीच ही चर्चा का विषय बने हुए हैं।
बेटिकट यात्री जाएं तो जाएं
लुधियाना रेलवे स्टेशन पर जब भी ट्रेन आती थी तो टीटीई बेटिकट यात्रा करने वालों को पकडऩे में लग जाते थे। कई बार ट्रेन अधिक समय तक स्टेशन पर खड़ी रहती थी तो वे जनरल बोगी में घुसकर टिकट चेक करने लगते थे। इस दौरान उनकी अच्छी खासी कमाई भी हो जाती थी, लेकिन कोरोना के बाद टीटीई यात्रियों से दूरी बनाने लगे हैं। खासकर भीड़भाड़ वाली बोगी में वह घुसते ही नहींं।
एक टीटी का कहना था कि पहले तो वह यात्रियों से भरे कोच में जाकर चेक करते थे, लेकिन जब से कोरोना फैला है, अब तो उन्हें डर लगने लगा है। स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों से भी दूरी बनाकर टिकट चेक करते हैं। ड्यूटी के दौरान हमेशा उन्हें चिंता सताती रहती है कि कहीं किसी यात्री के जरिए वे संक्रमित न हो जाएं, इसलिए बिना टिकट कोई जाए तो बेशक जाए, पर सुरक्षा तो रखनी है।