शहरनामा : मंत्री जी के हलके पर अफसरों का फोकस, आपस में बंटे कांग्रेसी पार्षद Ludhiana News
पार्षद से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले मंत्री जी की नगर निगम में पकड़ मजबूत होने के कारण उनके हलके के पार्षद भी पावरफुल हैं। लिहाजा अफसरों का फोकस ज्यादातर मंत्री के हलके पर रहता है
लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। शहर के छह विधानसभा क्षेत्रों में से चार पर कांग्रेस काबिज है। इनमें से एक भारत भूषण आशु मंत्री भी बन चुके हैं। पार्षद से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले मंत्री जी की नगर निगम में पकड़ मजबूत होने के कारण उनके हलके के पार्षद भी पावरफुल हैं। लिहाजा अफसरों का फोकस ज्यादातर मंत्री के हलके पर रहता है। इससे कांग्रेसी पार्षदों में ही खींचतान शुरू हो गई है। हाउस की बैठक में सभी तीन धड़ों में बंटे नजर आते हैं। एक-दूसरे पर कटाक्ष करते हैं, जिन पार्षदों के काम नहीं होते, वे सदन में अपने ही कांग्रेसी पार्षदों से बहस करने लगते हैं। अब तक आपस में उलझने वाले सेंट्रल और पूर्वी हलके के कांग्रेसी पार्षद, मंत्री गुट के पार्षदों की बढ़ती पावर को देख कर एकजुट होने लगे हैं। नगर निगम अफसरों पर मिलकर दबाव डालने की रणनीति पर काम करने लगे हैं।
अवार्ड का अजीबो-गरीब पैमाना
गणतंत्र दिवस पर जिले में उल्लेखनीय काम करने वालों को जिला स्तरीय अवार्ड प्रदान करने की परंपरा काफी समय से है। एक समय था जब यह अवार्ड पाने वाले अपने आप को गौरवशाली समझते थे, क्योंकि अवार्ड के लिए किसी भी शख्स को उसके उत्कृष्ट योगदान के लिए चुना जाता था और चुने गए व्यक्ति को लोग सम्मान की दृष्टि से देखते थे। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में 35 शख्सियतों को प्रशासन ने सम्मानित किया। लेकिन इस बार सम्मान के लिए जो पैमाना बनाया गया था वह बड़ा अजीबो-गरीब था। जिसे जानकर लोग हैरान भी हैं और परेशान भी। किसी को अवैध शराब बरामदगी तो किसी को जेल में मोबाइल पकडऩे पर अवार्ड दिए गए। इतना ही नहीं, जुआरियों को पकडऩे वाले पुलिसकर्मी भी सम्मानित कर दिए गए। सम्मान समारोह में उपस्थित लोग सम्मानित होने वाली शख्सियतों की कारगुजारी पर चर्चा करते हुए देखे गए।
अफसर करें तो करें क्या
नगर निगम के अफसर इन दिनों खासे परेशान हैं। सांसद रवनीत बिट्टू यदि एक बार निगम अफसरों के साथ समीक्षा बैठक करते हैं तो दो दिन बाद ही अफसरों को मंत्री भारत भूषण आशु बुला लेते हैं। बैठकों में अफसरों को शहर के विकास कार्यों की रिपोर्ट रखनी पड़ती है और फिर उनके निर्देशों का पालन भी करना पड़ता है। अब मंत्री साहब जहां अपने हलके के पार्षदों के कामों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का दबाव डालते हैं, वहीं सांसद अन्य हलकों के कांग्रेसी पार्षदों के इलाकों के विकास कार्यों को भी पूरा करने का दबाव बनाते हैं। अफसर सांसद और मंत्री दोनों को संतुष्ट करने में लगे रहते हैं। उन्हें यह डर रहता है कि दोनों में से कोई भी नाराज हो गया तो उनकी परेड हो सकती है। अफसर करें तो क्या करें। क्योंकि उन्हें लुधियाना में ही तैनात रहना है।
गदगद हो गए शर्मा जी
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने पिछले दिनों पंजाब के सभी जिलों की कमेटियों और प्रधानों को निरस्त कर दिया, ताकि अगले चुनाव से पहले प्रदेश में कमेटियों का नए सिरे से गठन कर पार्टी को मजबूत किया जा सके। भले ही कांग्रेस प्रमुख ने जिला प्रधानों को निरस्त कर दिया है, लेकिन जिले के अफसरों के लिए आज भी वह जिला प्रधान हैं। हुआ यूं कि गणतंत्र दिवस के सरकारी समारोह में मंच का संचालन कर रहे अधिकारी तमाम मेहमानों का स्वागत कर रहे थे। ऐसे में पूर्व जिला कांग्रेस प्रधान अश्वनी शर्मा भी समारोह में पहुंचे गए। मंच का संचालन कर रहे अफसर ने उन्हें देखते ही आव देखा न ताव अश्वनी शर्मा को जिला कांग्रेस प्रधान बता स्वागती प्रवचन बोलने शुरू कर दिए। बार-बार जिला प्रधान का संबोधन होने पर अश्वनी शर्मा तो गदगद थे परंतु वहां मौजूद लोग चुटकियां लेते नजर आए।