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अभी तक नहीं लिया FasTag तो तुरंत लें, 15 दिसंबर तक मिली मोहलत

नई व्यवस्था के तहत होने वाले झगड़ों की आंशका पर टोल प्रबंधकों ने तो पुलिस व जिला प्रशासन को 50 अतिरिक्त पुलिस कर्मचारी तैनात करवाने का अनुरोध भी कर दिया है।

By Edited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 05:15 AM (IST)Updated: Sun, 01 Dec 2019 08:44 AM (IST)
अभी तक नहीं लिया FasTag तो तुरंत लें, 15 दिसंबर तक मिली मोहलत
अभी तक नहीं लिया FasTag तो तुरंत लें, 15 दिसंबर तक मिली मोहलत

लुधियाना, [राजेश शर्मा]। टोल प्लाजा पर लागू होने वाले फास्टैग सिस्टम के लिए लाडोवाल टोल बैरियर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की अधूरी तैयारियों के कारण इस फैसले को लागू करने की तारीख एक दिसंबर की बजाय अब 15 दिसंबर कर दी है। इससे फिलहाल उन लोगों के लिए राहत है, जिन्होंने अभी तक फास्टैग नहीं लिया था। इसलिए यदि रोजाना टोल से गुजरने वाले लोगों ने फास्टैग नहीं लिया है तो वे इस अवसर का मौका उठा सकते हैं।

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पहले एक दिसंबर से लागू हो रही नई व्यवस्था के तहत लाडोवाल टोल बैरियर के कुल 20 गेट में से 18 फास्टैग लगे वाहनों के लिए आरक्षित किए गए। दो गेट से कैश भुगतान कर जाने की लेन रखी गई। हालांकि अब 15 दिसंबर तक लाडोवाल टोल पर पहले की तरह व्यवस्था रहेगी। अगर कोई वाहन चालक बिना फास्टैग चार्ज करवाए फास्टैग लेन में पहुंच भी गया तो उससे डबल चार्ज नहीं लिया जाएगा।

50 पुलिस कर्मचारी तैनात करने का अनुरोध

नई व्यवस्था के तहत होने वाले झगड़ों की आंशका पर टोल प्रबंधकों ने तो पुलिस व जिला प्रशासन को 50 अतिरिक्त पुलिस कर्मचारी तैनात करवाने का अनुरोध भी कर दिया है। वहीं टोल प्लाजा इंचार्ज चंचल सिंह ने दावा किया कि उनके टोल पर फास्टैग के लिए पूरे प्रबंध कर लिए गए हैं। अब 15 दिसंबर तक पहले की तरह व्यवस्था रहेगी।

रोजाना गुजरते है 40 हजार वाहन, 50 लाख कलेक्शन

लाडोवाल टोल प्लाजा से रोज 40 हजार वाहन गुजरते हैं। 50 लाख रुपये रोज की क्लेक्शन होती है। इतनी बड़ी संख्या में फास्टैग लगाना बड़ी चुनौती है। इतनी बड़ी संख्या में गुजरने वाले वाहनों पर फास्टैग कैसे लगेंगे, इसके सवाल पर जवाब मिला कि टोल के पास एयरटेल, पेटीएम व एसबीआइ के काउंटर लगाए गए हैं। जमीनी हकीकत है कि इक्का-दुक्का काउंटर दिखे वह भी अव्यवस्थित। 50 के करीब आवेदक भी उनसे संभाले नहीं जा रहे थे। काउंटर वालों के खुद के बैठने की व्यवस्था भी सही नहीं थी। कोई स्कूटर पर बैठकर काम कर रहा था तो कोई जमीन पर गिरे बिजली के खंभे पर ही बैठकर फास्टैग जारी कर रहा था। अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि जिन वाहनों को टोल से छूट है, उनको वहां से कैसे निकाला जाएगा। इस पर उनका जवाब था कि अभी इस संबंधी गाइडलाइन ही नहीं आई हैं।

क्या है फास्टैग

टोल प्लाजा पर होने वाले भुगतान के लिए अग्रिम भुगतान करके एक स्टिकर नुमा चिप गाड़ी की फ्रंट स्क्रीन पर चिपका दी जाएगी। इसे ही फास्टैग का नाम दिया गया है। जब वाहन टोल प्लाजा गेट पर पहुंचेगा, वहां लगा सेंसर इस चिप में दर्ज रकम को टोल टैक्स के रूप में काट लेगा। सेंसर से रकम आते ही टोल गेट पर लगा बूम बैरियर खुल जाएगा। आवेदक जब चाहे इसे अपनी मर्जी की रकम से रिचार्ज करवा लेगा। यह रकम पांच साल तक वेलिड रहेगी।

तकनीकी अड़चनों से जूझ रहा है एनएचएआइ

लोगों की शिकायत है कि एनएचएआइ और बैंकों के पीओएस पर फास्टैग मिलने में तकनीकी अड़चनों के कारण भी विलंब होता है। यहां तक कि खुद एनएचएआइ और सड़क मंत्रालय के अफसरों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एनएचएआइ ने आम लोगों को फास्टैग इश्यू करने के लिए ट्रांसपोर्ट भवन के प्रवेश द्वार पर दो कर्मचारियों के साथ अपना पीओएस स्थापित किया था। लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें वहां से हटना पड़ा क्योंकि मंत्रालय के अफसरों ने फास्टैग के लिए उन्हें अपने कमरों में बुलाना शुरू कर दिया था। 

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