11 माह में दुष्कर्म के 97 मामले दर्ज, इस्सेवाल केस ने सबसे ज्यादा झकझोरा Ludhiana News
11 माह में खन्ना लुधियाना और जगराओं पुलिस जिलों में दुष्कर्म के 97 मामले दर्ज हुए हैं। ज्यादातर युवती को शादी के लिए भगाने और बरामदगी के बाद दुष्कर्म की बात सामने आई है
लुधियाना, जेएनएन। जिले में 11 महीने में दुष्कर्म के 97 मामले दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा झकझोर देने वाली घटना दाखा के गांव इस्सेवाल में हुई थी। दोस्त संग घूमने गई युवती के साथ लूटपाट करने वाले छह आरोपितों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। विवाद बढऩे के पांच दिन बाद पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। दस माह पहले फरवरी में हुए सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में केस भी चल रहा है।
युवती अपने दोस्त के साथ 9 फरवरी की रात चॉकलेट-डे वाले दिन घूमने गई थी। पुलिस ने 14 फरवरी तक सभी छह आरोपितों जगरूप सिंह, सादिक अली, सुरमू, अजय, सैफ अली और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया था। एडिशनल सेशन जज रश्मि शर्मा की अदालत में केस चल रहा है और पीड़िता, उसके दोस्त के बयान हो चुके हैं और उस पर बहस भी हो चुकी है।
9 मार्च: दोराहा में सात साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या
मामा ने सात वर्षीय भांजी की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। 9 मार्च को दोराहा में हुई इस वारदात में युवक के साथ उसका दोस्त भी शामिल था। आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
9 अप्रैल: को ग्यासपुरा में भी बच्ची की दुष्कर्म के बाद हुई थी हत्या
नौ अप्रैल को ग्यासपुरा में नशेड़ी ने सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी थी। बच्ची के माता-पिता सब्जी लेने गए थे। जब वे करीब नौ बजे आए तो वह कमरे में नहीं थी। जब वह दूसरी तरफ बने क्वार्टर के पास पहुंचे तो वहां उनकी बेटी निर्वस्त्र अवस्था में जमीन पर तड़प रही थी। उसकी गर्दन पर दांत व नाखून के निशान थे। पुलिस ने आरोपित को काबू किया था।
दर्जनों मामले राजीनामे के कारण नहीं पहुंचे कोर्ट
जिले में 11 माह में खन्ना, लुधियाना और जगराओं पुलिस जिलों में दुष्कर्म के 97 मामले दर्ज हुए हैं। ज्यादातर युवती को शादी के लिए भगा ले जाने और उसकी बरामदगी के बाद दुष्कर्म की बात सामने आई है। लिव इन रिलेशनशिप में रहकर संबंध बनाने और बाद में मुकरने के मामले भी दर्ज हैं। दो से तीन मामले बच्चियों के साथ दुष्कर्म के भी दर्ज हैं। मामलों में पुलिस साठ के करीब लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। दर्जन भर मामले तो अदालत जाने से पहले ही राजीनामे के कारण रद हुए हैं और ज्यादातर अंडर ट्रायल हैं।
इस्सेवाल समेत दूसरे मामलों में बननी चाहिए थी फास्ट ट्रैक कोर्ट
चिल्ड्रन एवं वुमेन वेलफेयर कौंसिल के चेयरमैन जतिंदर खुराना का कहना है कि इस्सेवाल सामूहिक दुष्कर्म मामले के साथ-साथ बच्चियों के साथ दुष्कर्म के बाद हुई हत्याओं के मामलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट बननी चाहिए, ताकि फैसला जल्द से जल्द हो सके। अगर ऐसा नहीं होता है तो हैदराबाद वाले मामले की तरह सजा होनी चाहिए।
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