केंद्रीय मंत्री हरसिमरत के हलके में NHAI ने रद किया तीसरा Ring road project, पंजाब नहीं दी हिस्सेदारी
केंद्र सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट के अधीन बठिंडा में बनने वाले तीसरे Ring Road का प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस कारण रद कर दिया है।
बठिंडा [साहिल गर्ग]। पंजाब सरकार की आर्थिक मंदी का असर अब बठिंडा के विकास पर भी देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार के भारतमाला प्रोजेक्ट के अधीन बठिंडा में बनने वाले तीसरे Ring Road का प्रोजेक्ट नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस कारण रद कर दिया, क्योंकि इसमें पंजाब सरकार ने अपने हिस्से की 50 फीसद राशि नहीं दी।
प्रोजेक्ट का रद होना इसलिए भी अहम है, क्योंकि बठिंडा केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर का संसदीय हलका है। उनके हलके में हाल ही में शुरू हुए एम्स (AIMS) के निर्माण में भी काफी देरी हुई थी। केंद्रीय मंत्री ने इसके लिए भी प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ट्विटर पर कई बार आमने-सामने हुए। इसका नींवपत्थर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2016 को रखा था और निर्माण 23 अगस्त 2018 को शुरू हुआ। इसका उद्घाटन 23 दिसंबर, 2019 को हुआ।
इसके अलावा 296 करोड़ से बनने वाले बठिंडा-मलोट रोड का काम भी शुरू नहीं हो सका। टेंडर होने के बावजूद इसमें फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिल पाई।
हिस्सेदारी के नियम
नियमों के अनुसार राज्य के शहरों से जो भी बाईपास या Ring Road निकलता है, उसमें 50 फीसद हिस्सा केंद्र सरकार व 50 फीसद हिस्सा राज्य सरकार को देना होता है। बठिंडा की Ring Road के लिए राज्य सरकार ने पैसे नहीं दिए। लंबे समय तक प्रोजेक्ट की फाइलें घूमती रहीं और बाद में केंद्र ने इसे ड्रॉप कर दिया।
यह भी तर्क
Ring Road प्रोजेक्ट रद होने के पीछे यह भी तर्क दिया जा रहा है कि बठिंडा के 2001 से रुके पहले Ring Road का काम शुरू कर दिया गया है। अब तीसरे Ring Road की जरूरत नहीं है। दरअसल, तीसरे Ring Road की योजना शहर से गुजरने वाले भारी वाहनों को बाहर से निकालने के लिए बनाई थी। 28 किलोमीटर लंबा यह बाईपास मानसा रोड स्थित कोटशमीर से बठिंडा-अमृतसर फोरलेन से जुडऩा था। इसमें बठिंडा-मलोट रोड की Ring Road को शामिल किया गया था।
ऐसे तैयार हुआ था प्रोजेक्ट
मानसा रोड स्थित कोटशमीर से यह रोड वन विभाग के एरिया से होकर जोधपुर रोमाना से नरुआना होते हुए आगे मलोट रोड की Ring Road से मिलेगा। यहां से यह गांव सिवियां के बीच से होकर Bathinda-Amritsar Highway को जोड़ेगा। इसकी कुल लंबाई 28 किलोमीटर है। इसके अलावा गांव जोधपुर रोमाना से डेढ़ किलोमीटर आगे जाकर संगत कलां के लिए अलग से रोड निकाला जाएगा। इसके बनने के बाद गोनियाना से आने वाले भारी वाहन मानसा रोड पर जाने के लिए सीधे निकल जाएंगे। उनको शहर से जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
18 साल बाद शुरू हुआ Ring Road-1 का काम
बठिंडा शहर को ट्रैफिक मुक्त करने वाली Ring Road फेज वन का काम नींव पत्थर रखने के 18 साल 6 महीने बाद 13 अक्टूबर को शुरू हुआ। यह Ring Road शहर के लिए लाइफ लाइन साबित होगा। इसके साथ बरनाला से मानसा या मानसा से बरनाला की तरफ जाने वाला हैवी ट्रैफिक बाहर से ही निकल जाएगा। इस रोड के निर्माण पर 95 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस पर एक अंडरब्रिज व एक ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। अंडरब्रिज 500 मीटर लंबा होगा, जो इंडस्ट्रियल एरिया के पास रेलवे लाइनों पर बनाया जाएगा। ओवरब्रिज की लंबाई 400 मीटर के करीब होगी।
फिलहाल प्रोजेक्ट को किया गया है ड्राप
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विपिन मंगला का कहना है कि प्रदेश सरकार की ओर से अपनी हिस्सेदारी न देने के कारण फिलहाल इस प्रोजेक्ट को ड्रॉप कर दिया गया है।
डीसी बोले- चेक करके बताता हूं
बठिंडा के डीसी बी. श्रीनिवासन का कहना है कि मेरे ध्यान में नहीं है कि यह प्रोजेक्ट ड्रॉप हो गया है। मैं इसको चेक करके ही कुछ बता सकता हूं।
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