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लुधियाना में NGT की रिव्यू बैठक, मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर पीएयू पहुंचे

धियाना का बुड्ढा दरिया भी सतलुज को प्रदूषित करता है और जिसका खामियाजा पंजाब के मालवा और राजस्थान के कई जिलों को भुगतना पड़ रहा है। एनजीटी ने सतलुज व्यास में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए मानिटरिंग कमेटी का गठन किया है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 06:43 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 11:48 AM (IST)
लुधियाना में NGT की रिव्यू बैठक, मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर पीएयू पहुंचे
अगर एनजीटी ने कोई जुर्माना लगाया तो वह राशि अफसरों के वेतन से काटी जाएगी।

लुधियाना, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की मॉनिटरिंग कमेटी शुक्रवार को लुधियाना पहुंचेगी। बैठक में हिस्सा लेने के लिए एनजीटी मानिटरिंग कमेटी के चेयरमैन जस्टिस जसबीर सिंह लुधियाना पीएयू के शटन हाउस पहुंच हए हैं। एनजीटी टीम पहले सर्किट हाउस में नगर निगम व पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों के साथ बुड्ढा दरिया और शहर में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर किए गए कार्यों का रिव्यू करेगी।

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रिव्यू मीटिंग के बाद कमेटी के सदस्य बुड्ढा दरिया समेत शहर के अलग-अलग हिस्सों का दौरा करेगी और जहां-जहां टीम को खामियां मिलेंगी, वहां-वहां टीम के सदस्य निगम अफसरों की परेड करते जाएंगे। एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी के साथ पंजाब सरकार द्वारा बुड्ढा दरिया की सफाई के लिए बनाई गई टास्क फोर्स के चेयरमैन व श्री भैणी साहिब के प्रमुख सद्गुरु ठाकुर उदय सिंह भी शामिल रहेंगे और वह भी एनजीटी को बुद्धा दरिया की सफाई में आड़े आ रही दिक्कतों के बारे में अवगत कराएंगे।

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सतलुज व्यास में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए मानिटरिंग कमेटी का गठन किया है, जिसकी कमान रिटायर्ड जस्टिस जसवीर सिंह को सौंपी गई है। लुधियाना का बुड्ढा दरिया भी सतलुज को प्रदूषित करता है और जिसका खामियाजा पंजाब के मालवा और राजस्थान के कई जिलों को भुगतना पड़ रहा है। इसके अलावा शहर में कूड़ा प्रबंधन पर भी कमेटी की नजर रहती है।

एनजीटी मॉनिटरिंग कमेटी जब फरवरी में लुधियाना आई थी तो बुड्ढा दरिया में फैले प्रदूषण, शहर में कूड़ा प्रबंधन, हड्डा रोड़ी व ताजपुर रोड स्थित मेन कूड़ा डंप की खामियों पर निगम अफसरों की जमकर खिंचाई हुई। यही नही बुड्ढा दरिया में गिर रहे इंडस्ट्री के पानी को नही रोके जाने पर पीपीसीबी के अफसरों की भी खिंचाई हुई थी। पिछले दौरे पर पकड़ी गई खामियों पर कमेटी ने निगम को करीब 22 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करवाने के आदेश दिए थे। अगर कमेटी इसबार भी उन खामियों को दूर करने के लिए किए गए प्रयासों से संतुष्ट न हुई तो निगम द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी जब्त करने के आदेश हो सकते हैं।

वहीं निगम कमिश्नर प्रदीप सभरवाल ने आते ही अफसरों को एनजीटी के आदेशानुसार काम करने के आदेश दिए थे और साफ कर दिया था कि अगर एनजीटी ने कोई जुर्माना लगाया तो वह राशि अफसरों के वेतन से काटी जाएगी। जिसकी वजह से निगम अफसर इस दौरे को लेकर बेहद दबाव में हैं।


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