न्यू सराफा बाजार में न पीने का पानी, न स्ट्रीट लाइट, न ही सुरक्षा व्यवस्था
न्यू सराफा बाजार के कारोबारी सुबह दुकान पर आने के बाद से लेकर शाम तक समस्याओं से ही जूझते रहते हैं।
राजीव शर्मा/कुलदीप काला, लुधियाना : न्यू सराफा बाजार के कारोबारी सुबह दुकान पर आने के बाद से लेकर शाम तक समस्याओं से ही जूझते रहते हैं। न्यू सराफा बाजार सिर्फ नाम का ही न्यू रह गया है, जबकि यहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। बाजार में न सार्वजनिक शौचालय न, न पीने के साफ पानी का इंतजाम, न ही स्ट्रीट लाइट है और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम। इसके अलावा बाजार में दिन भर वाहनों का जमावड़ा और सिर पर बिजली की तारों के बीच से मंडराता खतरा। बाजार के हालात पर बात करते ही दुकानदारों का प्रशासन के खिलाफ गुस्सा साफ दिखा। बुधवार को जब दैनिक जागरण की टीम ने बाजार में पहुंच कर दुकानदारों से उनकी समस्याओं पर बात की, तो एक के बाद एक कारोबारी के दिल के गुबार फूट पड़े। कारोबारियों ने कहा कि उन्होंने अब तक हर संभव प्रयास किया, प्रशासन से बात की, आश्वासन मिले, लेकिन जमीन पर सहूलियत नहीं मिली।
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बाजार में पिछले कई सालों से कारोबार कर रहा हूं। यहां पर पहली एवं दूसरी मंजिल पर बंगाली एवं महाराष्ट्र से आए कारीगर काम करते हैं। बाजार में पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। कई बार निगम के नल से पानी भी गंदा आता है। इस बाबत कई बार निगम से शिकायत की गई है, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है।
-सरजीवन धीर पप्पू, प्रधान, स्वर्णकार संघ बाजार में आवाजाही काफी है। दिन भर भीड़ रहती है। इधर -धर के वाहन भी बाजार में खड़े रहते हैं। कई बार वाहनों को लेकर झगड़े भी होते हैं। दुकानदार दिन भर दो पहिया वाहन सही ढंग से लगवाने में ही लगे रहते हैं। ग्राहक का एक स्कूटर तक खड़ा कराना टेढ़ी खीर के समान है। इसकी व्यवस्था बनानी होगी।
-महेश कुमार काका, ठाकुर ज्वेलर्स बाजार में स्ट्रीट लाइट का कोई इंतजाम नहीं है। रात के वक्त अंधेरा रहता है। स्ट्रीट लाइट को लेकर कई बार बिजली विभाग को शिकायत भी की गई है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है। रात के समय बाजार से गुजरना मुश्किल हो जाता है। इस पर प्रशासन को शीघ्र ध्यान देने की जरूरत है।
-आत्म प्रकाश भसीन, न्यू आत्म ज्वेलर्स बाजार में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इसके अलावा पानी की भी कोई व्यवस्था नहीं है। दुकानदारों को वाशरूम के लिए इधर उधर जाना पड़ता है। बाजार से सरकार को करोड़ों का राजस्व आता है, लेकिन सहुलियतें कुछ भी नहीं है। दुकानदार मुश्किल भरे हालात में कारोबार कर रहे हैं।
-चंद्र प्रकाश, बाला जी ज्वेलर्स बाजार में रोजाना करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। सरकार को भी करों के रूप में काफी राजस्व मिलता है। बावजूद इसके बाजार में सुविधाओं का टोटा है। हालत यह है कि कारोबारियों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। दुकानों के उपर बिजली की तारें झूलती रहती हैं। इनका समाधान करना जरूरी है।
-परमिदर कुमार, पवन डायमंड न्यू सराफा बाजार के नाम में ही न्यू है, लेकिन यहां पर नया कुछ नहीं है। बाजार में लोगों को सार्वजनिक शौचालय तक उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा सुरक्षा भी राम भरोसे हैं। शौचालय के लिए काफी दूर तक जाना पड़ता है। सार्वजनिक सुविधाओं के लिए कारोबारी भी सहयोग के लिए तैयार हैं।
-राकेश कुमार, आरके ज्वेलर्स बाजार में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां पर दूसरे शहरों से भी कारोबारी आते हैं। जेब में नगदी डाल कर लाते हैं और सोने के आभूषण ले कर जाते हैं। सुरक्षा न होने के कारण डर ही लगा रहता है। दुकानदारों ने अपने स्तर पर सुरक्षा कर रखी है। रात के वक्त भी बाजार में एक निजी गार्ड है, जिसके सहारे सुरक्षा हो रही है। -निर्वेद बब्बी, नवरंग ज्वेलर्स न्यू सराफा बाजार में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की जरूरत है। बाजार में दिन रात में यदि पीसीआर दस्ता गश्त करे तो कारोबारियों में सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ेगा। कारोबारी बेहतर ढंग से अपना व्यवसाय कर सकेंगे। इसके अलावा बाजार में अन्य दिक्कतों पर भी प्रशासन ध्यान दे।
-पवन धीर, न्यू गणपति ज्वेलर्स बाजार में सिर्फ एक ही स्ट्रीट लाइट मेरी दुकान के उपर लगी है। लेकिन उसका भी मुंह आसमान की तरफ है। सारी रौशनी उपर की तरफ ही जाती है। इस संबंध में बिजली विभाग के कर्मियों को कई बार शिकायत की गई है, लेकिन अर्सा बीत गया, लाइट का एंगल नीचे की तरफ नहीं हुआ। इससे प्रशासन की संजीगदी का अंदाजा लगाया जा सकता है।
-कस्तूरी लाल, धीर ज्वेलर्स बाजार में सैंकड़ों की संख्या में कारीगर काम करते हैं। उनके लिए बाजार में किसी भी तरह की सुविधा नहीं है। उनके लिए पीने तक का पानी नहीं है। दूसरे जो पानी मिल रहा है उसकी गुणवत्ता भी स्तरीय नहीं है। इस संबंध में निगम को तुरंत ध्यान देना होगा।
-राजिदर पाल ढांडा, श्री राम ज्वेलर्स