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नवजोत सिंह सिद्धू की मंत्री पद की नैया फिर अटकी, इस बार Tweet ने बिगाड़ी बात

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बातचीत फलदायक नहीं होने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्विटर पर कुछ सांकेतिक शब्द लिखे थे। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन शब्दों का प्रयोग कर सिद्धू एक बार फिर से मुश्किल में फंस गए हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 10:40 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 10:40 AM (IST)
नवजोत सिंह सिद्धू की मंत्री पद की नैया फिर अटकी, इस बार Tweet ने बिगाड़ी बात
पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोस सिंह सिद्धू की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं।

लुधियाना, [भूपेंदर सिंह भाटिया]। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चाय के टेबल पर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलते देख पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से अपने आका हरीश रावत की शरण में पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि इस बार सिद्धू ने रावत के साथ गहन मंत्रणा भी की है। कैप्टन से बात फलदायक नहीं होने के बाद सिद्धू ने ट्विटर पर कुछ सांकेतिक शब्द भी लिखे थे। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इन शब्दों का प्रयोग कर सिद्धू एक बार फिर से असहज स्थिति में आ गए हैं। इतना ही नहीं, उनके समर्थकों ने तो फेसबुक पर बाकायदा वी स्पोर्ट नवजोत सिंह सिद्धू नाम से ग्रुप भी बना दिया है। इसमें सिद्धू व रावत की तस्वीरें डालकर कमेंट भी किए जा रहे हैं। सिद्धू समर्थकों ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री तक करार दे दिया है। बहरहाल, सिद्धू की कैबिनेट नैया बार-बार अटकती जा रही है।

कोरोना टेस्ट से भागते लोग

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कोरोना का डर ऐसा है कि लोग इसका टेस्ट तक करवाने से कतरा रहे हैं। बुखार व खांसी जैसे लक्षण होने के बावजूद लोग टेस्ट करवाने के बजाय काढ़ा व अन्य घरेलू नुस्खों से खुद को बचाने में जुट जाते हैं। अब कोरोना टेस्ट से भागने वालों की खैर नहीं है। पुलिस ने शहर की सड़कों पर रैपिड कोविड टेस्टिंग के लिए कैंप लगा दिए हैं। कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के या बिना शारीरिक दूरी बनाए नजर आता है तो उसका कोविड टेस्ट किया जा रहा है। ऐसे में लोग अब पुलिस के नाके देखकर ही रास्ता बदल ले रहे हैं कि कहीं उनका ही सैंपल न ले लिया जाए। बीते दिनों कुछ लोग गले में मास्क लटकाए घूम रहे थे तो पुलिस ने उनका भी टेस्ट करवा लिया। तब एक दिन में 600 टेस्ट हुए और दस पाजिटिव भी पाए गए। अब और सख्ती की जा रही है।

बुकिंग कैंसिल होने से नेताजी परेशान

इन दिनों पंजाब के औद्योगिक शहर लुधियाना में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सरकार और प्रशासन लगातार कोविड नियमों का पालन करवाने के लिए कड़े निर्देश जारी कर रहे हैं। पहले शादी-विवाह व शोकसभा में लोगों की संख्या 20 तक सीमित की गई तो होटल व रेस्टोरेंट उद्योग में तूफान मच गया। शादी समारोह के आर्डर कैंसिल होने लगे। शहर के एक बड़े नेताजी का भी होटल है। ऐसे में उनके यहां बुक हुए समारोह भी कैंसिल होने लगे। कुछ ही समय बाद प्रशासन ने रविवार को होटल व रेस्टोरेंट बंद करने के आदेश दे दिए। अब नेताजी परेशान हो गए और अपने कर्मचारियों को कहा कि वह पहले से बुक समारोहों को कैंसिल न करें। हालांकि जिनके कार्यक्रम बुक थे, वे भी डरे हुए थे कि कहीं प्रशासन उन्हें और उनके मेहमानों को न लपेट ले। इस पर उन्होंने भी समारोह कैंसिल करने में ही भलाई समझी।

पार्टी को सरगर्म रखने की कोशिश
एक ओर कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक दलों में वजूद को बरकरार रखने की चिंता बढ़ गई है। भले ही प्रशासन की ओर से कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच राजनीतिक दल अपने कार्यक्रम और बैठकें आयोजित कर रहे हैं। अपनी ताकत बढ़ाने के लिए राजनीतिक दल कोरोना काल में ही लोगों को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए प्रयासरत हैं। कोरोना के कारण बड़ा कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दल अखबारों और इंटरनेट मीडिया पर तस्वीरों के जरिए ही अपनी पार्टी को सरगर्म रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, नए पदाधिकारियों की अलग-अलग स्थानों पर सम्मानित होने की तस्वीरें भी अपलोड की जा रही हैं ताकि लोगों को पता चले कि कोरोना काल में भी उनकी पार्टी कितनी सरगर्म है। इसमें सत्ता पक्ष वाले भी पीछे नहीं हैं।


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