माेदी सरकार के खिलाफ कल देशव्यापी हड़ताल, कृषि सुधार कानूनाें काे रद करने की मांग
कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर सिंह और इंकलाबी मज़दूर केंद्र के नेता सुरिंदर सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के कारण मज़दूरों को परेशाियां झेलनी पड़ रही हैं। इसलिए पर विराेध जता रहे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। माेदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ वामपंथी दल और मजदूर संगठन 26 नवंबर काे देशव्यापी हड़ताल कर हल्ला बाेलेंगे। इसको लेकर बुधवार को संगठनों ने बैठक कर लोगों से आह्वान किया कि केंद्र सरकार की पूंजीपति नीतियों के खिलाफ किसानों के समर्थन में एकजुट होकर विरोध जताएं। गाैरतलब है कि देशभर में मज़दूर संगठन मोदी सरकार की पूंजीपतियों के पक्ष में लागू की रही नीतियों के खिलाफ़ सड़कों पर उतर रहे हैं।
इसी दिन किसानों के संगठन कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए दिल्ली कूच कर रहे हैं। नौजवानों-छात्रौं व अन्य तबकों को संगठनों ने भी देश भर के मज़दूरों-मेहनतकशों की आवाज़ में आवाज मिलाने का ऐलान किया है। कारखाना मज़दूर यूनियन, इंकलाबी मज़दूर केंद्र, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्ज यूनियन, नौजवान भारत सभा, टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन, लोक एकता संगठन,जम्हूरी अधिकार सभा द्वारा लुधियाना के समराला चौक पर तीन बजे तक संयुक्त रोष प्रदर्शन करकेआवाज़ बुलंद करेंगे।
इस बारे में कारखाना मज़दूर यूनियन के अध्यक्ष लखविंदर सिंह और इंकलाबी मज़दूर केंद्र के नेता सुरिंदर सिंह ने कहा है कि मोदी सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के कारण मज़दूरों को परेशाियां झेलनी पड़ रही हैं। उनके पास सड़कों पर उतर कर संघर्ष करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि 26 को रोष प्रदर्शन के ज़रिये संगठन मज़दूरों की कम से कम तनख्वाह 25 हज़ार करने, कोरोना के बहाने तनख्वाह में नाजायज कटौती रदकरने, श्रम क़ानूनों में संशोधन रद करने, मज़दूर-मेहनतकश विरोधी नये कृषि क़ानून रद करने की मांग करेंगे।