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Medical Conference: डीएमसीएच में एक हजार MBBS स्टूडेंट्स ने ली ट्रेनिंग

दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (डीएमसीएच) में आयोजित दो दिवसीय नेशनल अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कांफ्रेंस (नमकोन) शुक्रवार को संपन्न हो गई।

By Edited By: Published: Sat, 27 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2019 10:11 AM (IST)
Medical Conference: डीएमसीएच में एक हजार MBBS स्टूडेंट्स ने ली ट्रेनिंग

जेएनएन, लुधियाना। दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल (डीएमसीएच) में आयोजित दो दिवसीय नेशनल अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कांफ्रेंस (नमकोन) शुक्रवार को एमबीबीएस स्टूडेंट्स में नॉलेज का खजाना बांटकर संपन्न हो गई। देश भर से इस कांफ्रेंस में करीब एक हजार से अधिक एमबीबीएस स्टूडेंट्स शामिल हुए, जबकि स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग देने के लिए देश के नामी विशेषज्ञों के अलावा विदेशी एक्सपर्ट भी पहुंचे। कांफ्रेंस के पहले दिन जहां बेसिक सर्जिकल सर्जिकल्स, बेसिक क्लीनिकल्स स्किल्स, बेसिक लाइफ सपोर्ट, इमरजेंसी व क्रिटिकल केयर, ऑर्थोपैडिक स्किल्स, कार्डियोलॉजी स्किल्स पर स्टूडेंट्स को हैंड ऑन ट्रेनिंग करवाई गई। वहीं शुक्रवार को वर्कशॉप व पैनल डिस्कशन के जरिए भी स्टूडेंट्स को मेडिकल फील्ड को लेकर अपडेट किया गया।

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पैनल डिस्कशन में बतौर मुख्यातिथि पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह, गिल, परनीत सचदेवा, डीएमसीएच मैने¨जग सोसाइटी के सेक्रेटरी प्रेम कुमार गुप्ता शामिल हुए। उनके अलावा प्रिंसिपल संदीप पुरी, हीरो डीएमसी हार्ट इंस्टीट्यूट के चीफ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जीएस वांडर, डीन एकेडमिक डॉ. राजू छीना, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संदीप शर्मा व डॉ. अश्विनी शर्मा व डॉ. हरशिंदर मौजूद रहे। विशेषज्ञों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए पैनल डिस्कशन में एमबीबीएस के बाद करियर ऑप्शन बताए। इसके बाद दिल्ली से आए डॉ. अमित सेन ने गेस्ट लेक्चर दिया। उन्होंने स्टूडेंट्स को स्ट्रेस मैनेजमेंट के तरीके बताए।

डॉक्टरी की पढ़ाई में बहुत स्ट्रेस

उन्होंने कहा कि डॉक्टरी की पढ़ाई में बहुत स्ट्रेस होता है। स्ट्रेस स्वास्थ्य और मस्तिष्क पर बुरा असर डालता है और धीरे धीरे शरीर को खोखला कर देता है। इससे पहले कि स्ट्रेस हमारे शरीर और दिमाग पर बुरा असर डाले, हमें संभल जाना चाहिए। स्ट्रेस से बचने के लिए स्टूडेंट्स को योग व मेडिटेशन करना चाहिए। म्यूजिक से भी स्ट्रेस कम किया जा सकता है। म्यूजिक माइंड को रिलेक्स करता है। हल्का म्यूजिक सुनना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी बात को लेकर तनाव है, तो उसे दोस्तों के साथ शेयर करना चाहिए। लंबी सांस लेकर भी स्ट्रेस को कम किया जा सकता है।

हाइपरटेंशन से बचने के लिए वजन कम रखें

वहीं ओमान से आएं डॉ. सुनील नादर ने हाइपर टेंशन के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हाइपरटेंशन से बचने के लिए वजन कम रखना चाहिए, नमक कम खाना चाहिए और और फास्ट फूड से परहेज रखना चाहिए। इसके बाद वर्कशॉप हुई, जिसमें सॉफ्ट सिकल्स वर्कशॉप में पेशेंट के साथ बातचीत करने के तरीके बताए गए, जबकि न्यूनेटल रिससीटेशन में प्रसव के बाद गर्भ से बाहर आए शिशु की केयर के बोर में बताया गया। वहीं ब्रेस्ट फीडिंग वर्कशॉप में शिशु को दूध पिलाने के तरीके बताए गए, जबकि कम्युनिटी आउटरीच प्रोग्राम में स्वास्थ्य से संबंधित पॉलिसी कैसे बनाई जाती हैं, उसकी जानकारी दी गई। आखिर में अच्छी क्वालिटी की रिसर्च कैसे की जा सकती है, इसके बारे में बताया गया।

स्टूडेंट्स बोले, काफी कुछ सीखने को मिला

कांफ्रेंस की ऑर्गेनाइनिंग सेक्रेटरी शिरिशा, हैंडऑन ट्रेनिंग सेशन के हैंड अमोल, सोनाल, आयुषी, अभिरूप, अनिशा, अंकुर, जसमीन, मनगुल, जोया, तुलिका, मेहताब, दिलजोत, शिवम, इवानी, श्रेया, शिवांशी, सुखबीर, तनवी, आरुषि, रोहिन ने बताया कि दो दिवसीय कांफ्रेंस में स्टूडेंट्स ने काफी कुछ सीखा। स्टूडेंट्स का रिस्पांस काफी पॉजीटिव रहा। सभी स्टूडेंट्स ने नेशनल अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कांफ्रेंस को सराहा। उनका कहना था कि कांफ्रेंस के दौरान जिस तरह की जानकारी उन्हें मिली है, वह आगे उनके करियर में काफी मददगार साबित होगी।

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