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धुंध में हादसे रोकने के लिए 65 सड़कों पर मार्किंग करेगा निगम, NHAI अफसर अभी भी नींद में Ludhiana News

लुधियाना शहर में सामान्य दिनों में प्रति माह सड़क हादसों में 15 से 20 मौतें हो रही हैं। जबकि सर्दियों के सीजन में यही आंकड़ा दोगुना हो जाता है।

By Edited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 01:54 PM (IST)
धुंध में हादसे रोकने के लिए 65 सड़कों पर मार्किंग करेगा निगम, NHAI अफसर अभी भी नींद में Ludhiana News
धुंध में हादसे रोकने के लिए 65 सड़कों पर मार्किंग करेगा निगम, NHAI अफसर अभी भी नींद में Ludhiana News

लुधियाना [राजेश भट्ट]। तापमान धीरे-धीरे गिरने लगा है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे धुंध भी शुरू हो जाएगी। इस वजह से सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आएंगे। धुंध में सड़कों पर सफेद रंग से की गई मार्किंग वाहन चालकों के लिए एकमात्र सहारा होती हैं। अभी तक शहर की सड़कों पर रोड मार्किग नहीं हुई है। शहर में धुंध के सीजन में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे नंबर-44 यानी जीटी रोड पर होती हैं। इसके अलावा राहों रोड, हंबड़ा रोड, गिल रोड, दुगरी रोड समेत अलग अलग इलाकों में भी धुंध के दौरान दुर्घटनाएं होती हैं और कई लोग अपनी जान खो देते हैं।

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शहर की अंदरूनी सड़कों पर धुंध पड़ने से रोड मार्किंग करने के लिए नगर निगम ने प्रक्रिया शुरू कर दी, लेकिन नेशनल हाईवे अथॉरिटी आफ इंडिया के अफसर अब भी नींद में हैं। एनएचएआइ के अफसर अभी भी नहीं चेते तो उनकी यह लापरवाही फिर जानलेवा साबित हो सकती है। नगर निगम ने स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत शहर की 65 सड़कों पर सफेद रंग की पंट्टी से मार्क करने के कार्य के लिए टेंडर जारी किया है। इस सप्ताह के अंत तक टेंडर खोल दिया जाएगा और उसके बाद वर्क ऑर्डर जारी कर रोड मार्किंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। अफसरों की मानें तो नवंबर अंत तक रोड मार्किंग का काम शुरू कर दिया जाएगा। स्मार्ट सिटी जोन ए में सात, जोन बी में चार, जोन सी में दो और जोन डी में 52 सड़कों पर रोड मार्किंग करवाएगा।

जोन ए में आने वाली सड़कें

स्मार्ट सिटी जोन ए में राहों रोड, सुंदर नगर रोड, बैंजामिन रोड, समराला रोड जोन बी आरके रोड, कबीर रोड, घोड़ा रोड, जोन सी गिल रोड, ओल्ड जीटी रोड व जोन डी में हंबड़ा रोड, हैबोवाल रोड, दुगरी रोड, पक्खोवाल रोड, बीआरएस नगर मेन रोड समेत कुल 65 सड़कों पर रोड मार्किग की जानी है। फिरोजपुर रोड, जीटी रोड, चंडीगढ़ रोड का जिम्मा एनएचएआइ के पास वहीं फिरोजपुर रोड, जीटी रोड, चंडीगढ़ रोड तीनों प्रमुख सड़कें नेशनल हाईवे अथॉरिटी के पास हैं। इन तीनों सड़कों पर मार्किग की जिम्मेदारी एनएचएआइ के अफसरों की है, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक रोड मार्किग के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए जबकि दुर्घटनाएं भी सबसे ज्यादा इन्हीं सड़कों पर होती हैं।

नेशनल हाईवे पर न तो रोड मार्किंग है और न ही कैट आई

नेशनल हाईवे नंबर 44 पर करीब एक दर्जन ब्लैक स्पॉट हैं जहां पर सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं। धुंध के सीजन में दुर्घटनाओं की संख्या और भी बढ़ जाती है। लुधियाना ट्रैफिक पुलिस ने नेशनल हाईवे 44 पर 10 बड़े ब्लैक स्पॉट ढूंढे हैं और अब पुलिस उन पर दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है। रिसर्च में एक बड़ा कारण यह भी सामने आया कि रोड मार्किंग न होने की वजह से धुंध के दौरान दुर्घटनाएं ज्यादा होती हैं। वाहन चालक को धुंध में सड़क का अंदाजा नहीं आता और वह या तो डिवाइडर से टकरा जाता है या फिर सड़क के किनारे टकरा जाता है। सड़क किनारे मार्किंग के साथ कैट आई भी नहीं लगाई गई हैं।

सर्दियों में बढ़ जाते हैं सड़क हादसे

लुधियाना शहर में सामान्य दिनों में प्रति माह सड़क हादसों में 15 से 20 मौतें हो रही हैं। जबकि सर्दियों के सीजन में यही आंकड़ा दोगुना हो जाता है। ट्रैफिक पुलिस की मानें तो धुंध के सीजन में ज्यादातर दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे पर होती हैं। पुलिस लगवा रही वाहनों के पीछे रिफलेक्टर टेप लुधियाना ट्रैफिक पुलिस ने धुंध से पहले ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। ट्रैफिक पुलिस ने वाहनों के पीछे रिफलेक्टर टेप लगानी शुरू कर दी। एसीपी ट्रैफिक की मानें तो धुंध से पहले स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ लेकर इसके लिए व्यापक लेवल पर मुहिम चलाई जाएगी।

एसीपी गुरदेव सिंह का कहना है कि रोड मार्किग करना नगर निगम और नेशनल हाईवे अथॉरिटी का काम है। पुलिस अपने हिस्से का पूरा काम कर रही है। धुंध में वाहन चलाते समय रोड मार्किंग करती है मदद ट्रैफिक एक्सपर्ट राहुल वर्मा का कहना है कि धुंध के समय वाहन चालक के लिए सफेद रंग की पंट्टी गाइड का काम करती है। उन्होंने बताया कि धुंध में गाड़ी चलाते वक्त लो बीम लाइट से सड़कों के किनारे लगाई गई लाइन व कैट आई वाहन चालक को रास्ता दिखाती है। अगर यह लाइन व कैट आई न हो तो हाईवे पर कुछ भी नजर नहीं आता। नतीजा यह कि दुर्घटनाएं हो जाती हैं। नेशनल हाईवे नंबर 44 पर एक दर्जन के करीब ब्लैक स्पॉट भी हैं। उसके बावजूद वहां पर न तो मार्किंग की गई है और न ही कैट आई लगाए गए हैं।

एनएचएआइ व कंपनी के प्रतिनिधि बात करने को तैयार नहीं

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अफसर व सड़क निर्माण कर रही कंपनी के अफसर नेशनल हाईवे पर रोड मार्किंग न होने के संबंध में किसी भी तरह की बात करने को तैयार नहीं हैं। कंपनी अफसर एमएल शर्मा का कहना है कि वह इस बारे में किसी तरह बात नहीं करेंगे जबकि नेशनल हाईवे अथॉरिटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर योगेश ने न तो फोन उठाया और न ही मेसेज रिसीव कर इसका जवाब दिया।

स्मार्ट सिटी के तहत शहर की सड़कों पर मार्किंग करने के लिए टेंडर जारी किया गया है। जल्दी ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करके वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे और सड़कों पर मार्किग शुरू कर दी जाएगी।

-संयम अग्रवाल, सीईओ स्मार्ट सिटी-कम- एडिशनल कमिश्नर नगर निगम।


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