बिना नक्शा पास करवाए बना दी कॉमर्शियल बिल्डिंग, नगर निगम ने की सील Ludhiana News
इमारत के मालिक ने नोटिस जारी होने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया। निगम ने कार्रवाई करते हुए ग्राउंड फ्लोर पर बनी दुकानें सील कर दी।
लुधियाना, जेएनएन। शहर के अलग-अलग हिस्सों में अवैध निर्माण जारी है। जिन अवैध निर्माणों की निगम को शिकायत मिलती है, उनमें से कुछ पर कार्रवाई हो जाती है जबकि बाकी के बिना रोक के निर्माण जारी रहते हैं। इससे निगम के राजस्व को चूना लगाया जाता है।
इंडस्ट्रियल एरिया-ए में कुछ ऐसे ही एक अवैध रूप से बिल्डिंग का निर्माण किया गया। यह कॉमर्शियल इमारत है और उसमें दो बड़ी दुकानें भी बनाईं। यह इमारत बिना नक्शा पास करवाए बनाई गई। जब इसकी शिकायत नगर निगम को दी गई तो निगम ने इमारत के मालिक को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा। इमारत के मालिक ने नोटिस जारी होने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया। निगम ने वीरवार को ग्राउंड फ्लोर पर बनी दुकानें सील कर दी। इसके अलावा पहली मंजिल पर जाने वाले रास्ते के शटर को भी सील कर दिया गया। एटीपी मोहन सिंह ने बताया कि मालिक न नक्शा पास नहीं करवाया और ऊपर से इंडस्ट्रियल एरिया में कॉमर्शियल इमारत बना दी थी। इस वजह से उसे सील किया गया है।
फर्जी अर्जियां देने वालों पर होगी कार्रवाई: एसडीएम
सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार सरकार की ओर से पराली न जलाने वाले किसानों को 2500 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है। मुआवजा देने के लिए टीमों ने गांव स्तर पर सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। जगराओं एसडीएम डॉ. बलजिंदर सिंह ढिल्लों की अगुआई में ब्लॉक खेतीबाड़ी अफसर डॉ. गुरदीप सिंह व डॉ. रमिंदर सिंह की टीम ने सिधवां खुर्द जाकर पड़ताल की गई। इस मौके पर उन्होंने बताया कि पराली को आग न लगाने वाले पांच एकड़ तक की मालकी वाले किसान, जिन्होंने गैर बासमती धान की काश्त की थी। वह 30 नवंबर तक स्व घोषणा पत्र भर कर सरपंच व पंचायत सचिव को जमा करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल योग्य किसान ही मुआवजे के लिए नामांकन करें। अयोग्य करार दिए जाने वालों खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी। उनके साथ सरपंच व पंचायत सचिवों को भी अयोग्य नामांकन पर हस्ताक्षर न करने की अपील की है।
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