लुधियाना के सांसद बिट्टू ने टिकैत के खिलाफ खाेला माेर्चा, कहा- किसानों को फसल उजाड़ने के लिए उकसा रहे
लुधियाना में सांसद रवनीत बिट्टू ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसान नेता रमेश टिकैत किसानों को खेतों में फसल की कुर्बानी देने के लिए उकसाया जा रहा है। कई किसानों ने तो अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिए।
लुधियाना, भूपेंदर सिंह भाटिया। दिल्ली बार्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनसे अलग किसानों के हित के लिए धरने पर बैठे सांसद रवनीत बिट्टू हमेशा चर्चा में रहे हैं। अब उन्होंने किसान नेता टिकैत के खिलाफ मुंह खोला तो फिर हंगामा मच गया। हालांकि बिट्टू किसानों के हक में ही बोले। उनका कहना था कि खेतों में किसानों को फसल की कुर्बानी देने के लिए उकसाया जा रहा है। कई किसानों ने तो अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिए।
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इस तरह टिकैत किसानों के हमदर्द नहीं, बल्कि दुश्मन हैं। अब इस बयान पर हंगामा मच गया। कम्युनिस्ट दलों से जुड़े किसान नेताओं को तो कुछ बोलते नहीं बना। एक ओर उनका कहना था कि किसानों को फसल की कुर्बानी करने वाला बयान सही नहीं, लेकिन दूसरी ओर उनका कहना था कि बिट्टू के बयान से किसान आंदोलन कमजोर होगा। जाएं तो जाएं कहां।
अभी तो दावेदारों में जंग छिड़ेगी
विधानसभा चुनाव में अभी काफी वक्त है। हालांकि इसे लेकर सभी राजनीतिक दल और टिकट के दावेदार नेता अपने इलाकों में सरगर्म हो गए हैं। अकाली दल से अलग होने के बाद भाजपा लगभग दो दशक के बाद लुधियाना की सभी विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। चुनावी समीकरण क्या होंगे, यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन भाजपा के नेता शहर की सीटों पर अपने दावे करने लगे हैं।
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लुधियाना उत्तरी, पूर्वी और सेंट्रल में तो भाजपाई अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। इतना ही नहीं, भाजपा के मंडलों की बैठकों में भी मुख्य मुद्दा चुनाव और उसमें भाजपा की दावेदारी ही रहती है। जानकार बताते हैं कि बिना शिअद के इस बार भाजपा की डगर कठिन रहेगी। कुछ सीटों पर जरूर भाजपा का दबदबा रहा है, लेकिन बिना शिअद जीत मुश्किल होगी। इतना ही नहीं, अभी तो टिकट के दावेदारों में भी जंग छिड़ेगी।
नेताजी हुण तां बनवा देयो सड़कां...
अक्सर देखने में आता है कि चुनावी साल आते ही शहर के विकास कार्यों में तेजी आ जाती है। भले राज्य सरकार से फंड मिले या फिर सत्ता पक्ष के नेता नगर निगम के खाते में से काम करवाएं, लेकिन वे इसका क्रेडिट लेने से नहीं चूकते। इतना ही नहीं, राज्य सरकार के नेता तो केंद्र सरकार के खाते से होने कामों का श्रेय लेने में पीछे नहीं हटते। हालांकि इस बार लुधियाना नगर निगम की आर्थिक हालत मजबूत न होने के कारण विकास कार्यों की गति काफी धीमी है।
कुछ खास इलाकों को छोड़ दिया जाए तो गड्ढों में सड़कें ढूंढऩी पड़ती हैं। वाहन चलाते वक्त कब कोई गड्ढा आ जाए, यह आपको पता नहीं चलेगा। बीते दिनों एक समागम में तो लोगों ने नेताओं से साफ कह दिया, 'हुण तां चौण नूं इक्क साल ही रह गया है, हुण तां सड़कां बनवा को लोकां नूं राहत देयो।'
नेताजी को फोटो खिंचवानी है
शहर में एक नेताजी हैं कभी वह भाजपा के धरने में दिखते हैं तो कभी भाजपा के खिलाफ होने वाले धरने में शामिल हो जाते हैं। दरअसल नेताजी को मीडिया में छाए रहने का शौक है। ऐसे में नेताजी को जहां भी लगता है कि वह मीडिया में छा सकते हैं। चाहे वो धरना किसी का भी हो नेताजी को तो फोटो खिंचवानी होती है। कुछ दिन पहले सांसद रवनीत बिट्टू के विवादित बयान के खिलाफ भाजपा ने घंटाघर में प्रदर्शन किया और धरने पर बैठे।
ये जनाब तब भाजपा के धरने में बैठे और फोटो खिंचवाई। वहीं जब भारतीय जनता युवा मोर्चा ने दिल्ली में हुए तिरंगे के अपमान के विरोध में तिरंगा यात्रा निकाली तो जनाब भाजपा का विरोध करने वालों की तरफ आगे खड़े हो गए। यही नहीं इन नेताजी को धरने से कोई लेना देना नहीं था वह यहां भी कैमरों के सामने ही घूमते रहे।
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