दान देने से पहले अच्छे कर्म करें: शाही इमाम
सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुकम अनुसार करने होंगे। यह बात जामा मस्जिद में मोहर्रम यौमे आशूरा के मौके पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने की।
संस, लुधियाना : सिर्फ दान देकर वह रब को राजी करना चाहते हैं तो वह गलत सोचते हैं। दान देने से पहले अपने कर्म अल्लाह के हुकम अनुसार करने होंगे। यह बात जामा मस्जिद में मोहर्रम यौमे आशूरा के मौके पर आयोजित धार्मिक समारोह में पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब-उर-रहमान सानी लुधियानवी ने की।
सर्वप्रथम कारी मोहतरम साहिब ने कुरान शरीफ की तिलावत की और गुलाम हसन कैसर, हस्सान नसीरावादी ने अपना नातिया कलाम पेश किया। मौलाना हबीब उर रहमान ने मुस्लिमों को संबेाधित करते कहा कि करबला के मैदान में हजरत इमाम हुसैन शहीद ने इंसानियत को जालिमों के खिलाफ हक की आवाज बुलंद करने का वो सबक दिया है जिसे रहती दुनिया तक याद किया जाता रहेगा। उन्होंने कहा कि यौमे आशूरा के दिन ही अल्लाह पाक ने जमीन, आसमान, हवा, पानी, इंसान और हर चीज को बनाया। आज के दिन हमें अपने घरवालों पर दिल खोलकर खर्च करना चाहिए। इस दिन गरीबों की मदद भी करनी चाहिए।
समारोह में पहुंचे सासद रवनीत सिंह बिट्टू ने मुसलमानों को संबोधित करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन (रजि.) का दर्जा बहुत बड़ा है। इमाम हुसैन हजरत मुहम्मद साहिब (स.) के नवासे हैं और हजरत मुहम्मद साहिब को इनसे बहुत प्यार था। उन्होंने कहा कि शहीद सब के होते, वो कौम का सरमाया होते हैं, उन्हें बाटा नहीं जा सकता। इस अवसर परनायब शाही इमाम पंजाब मौलाना उसमान रहमानी, मुफ्ती मुहम्मद जमालुद्दीन, मौलाना कारी मुहम्मद इब्राहिम, मौलाना महबूब आलम गौरखपुरी व शाही इमाम के सचिव मुहम्मद मुस्तकीम आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।