शतरंज की तरह है जिंदगी, हारी बाजी में भी होती है जीत
देश के स्ट्रांगेस्ट ब्लाइंड चेस प्लेयर दर्पण ईनानी सोमवार को लुधियाना पहुंचे।
जासं, लुधियाना : जीवन भी एक चेस की तरह है, जिसमें खेलते हुए कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं। ऐसे में हौसला न हारकर हमें अपनी तरफ से बेस्ट देने का प्रयास करना चाहिए। इसी में हम हारी हुई बाजी भी जीत जाते हैं। इसी तरह जीवन में कठिनाइयों का पॉजिटिव होकर सामना करें, तो बुरे दौर से अच्छे दौर में जाने में समय नहीं लगता। यह कहना था देश के स्ट्रांगेस्ट ब्लाइंड चेस प्लेयर दर्पण ईनानी का। वह सोमवार को सराभा नगर स्थित श्री राम यूनिवर्सल स्कूल में फिक्की फ्लो के कार्यक्रम में पहुंचे थे।
दर्पण ने समारोह में अपने जीवन के अहम पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस तरह वे भारत के स्ट्रांगेस्ट ब्लाइंड चेस प्लेयर बने। उन्होंने बताया कि 13 साल की उम्र में उन्होंने पहली बार चेस कंपीटिशन जीता, जिसमें वह अकेले ब्लाइंड थे। उनकी आंखों की 50 बार सर्जरी हो चुकी है। बीकॉम क्लीयर करने के बाद वह सीए भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आपको चांस कभी नहीं मिलेगा, चांस खुद लेना पड़ता है। इसलिए सदा अपनी कमियों को नहीं खूबियों को पहचानें। ब्लाइंड होना उनकी कमजोरी नहीं है, एक कमी है, जबकि उनके पास अन्य कई खूबियां भी हैं, जिनकी बदौलत अपने जीवन के लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। उन्हें जीवन में उस समय एक बड़ी सफलता मिली, जब उन्हें आइआइएम लखनऊ से सीटेट क्लीयरेंस के बाद फाइनल असेप्टेंस लेटर मिली। अब वह अपनी सीए की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। 25 जुलाई को यूरोप में होने वाले टूर्नामेंट में लेंगे भाग
दर्पण ने बताया कि वह 25 जुलाई को यूरोप में इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भाग लेने जा रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान सवाल-जवाब राउंड भी हुआ और बच्चों ने भी सवाल पूछे। समारोह के दौरान फिक्की फ्लो के सदस्य शामिल हुए। चेयरपर्सन नंदिता भास्कर ने कहा कि दर्पण ईनानी का लुधियाना में आना गर्व की बात है। कार्यक्रम में मन्नत कोठारी, निधिका, मोनिका आर्या, मनु जिंदल भी मौजूद थीं। इस दौरान 13 और 14 जुलाई को 6 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए करवाए चेस टूर्नामेंट में विजेता रहे बच्चों को पुरस्कार भी दिए गए।