मां की अस्थियां विसर्जित करने कीरतपुर साहिब जा रही बेटी की सड़क हादसे में मौत Ludhiana News
मानसा से परिवार अपनी बुजुर्ग माता तेज कौर की अस्थियां कीरतपुर साहिब जल प्रवाह करने चला था परंतु रास्ता में हुए सड़क हादसे ने इस परिवार को एक ओर बड़ा दुख दे दिया।
श्री माछीवाड़ा साहिब, जेएनएन। सरहिंद नहर के गढ़ी पुल के निकट शुक्रवार की सुबह दो कारों की आमने-सामने टक्कर में एक महिला की मौत हो गई। मृतक की पहचान 62 वर्षीय सुखविंदर कौर निवासी गांव जिउंदा थाना रामपुर फूल जिला बठिंडा के रूप में हुई है। जबकि इसी परिवार के चार लोग मनदीप सिंह, रनदीप सिंह, गुरपिंदर सिंह और मनदीप सभी निवासी मानसा और दूसरी कार का चालक दविंदर सिंह निवासी माणकवाल जिला लुधियाना गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि सुखमिंदर कौर अपनी मां की अस्थियां लेकर स्वजनों के साथ कीरतपुर साहिब में विसर्जित करने जा रही थी।
अस्पताल में उपचाराधीन स्विफ्ट डिजायर कार चालक रनदीप सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी 97 वर्षीय पड़दादी तेज कौर का 29 अक्टूबर को निधन हो गया था। वह वीरवार को सुबह अपने गांव मानसा खुर्द से उन की अस्थियां विसर्जित करने कीरतपुर साहिब के लिए निकले थे। इसी कार में उन की पड़दादी की लड़की सुखविंदर कौर, उसका भाई मनदीप सिंह, चाचा गुरपिंदर सिंह और चाचा मनदीप सिंह सवार थे। सुबह करीब 8:30 बजे कार जब सरहिंद नहर के नीलों पुल पार कर अभी गढ़ी पुल के पास पहुंची ही थी कि सामने से आ रही एक इंडिका कार के चालक ने ट्रक को ओवरटेक करते हुए उनकी कार में सीधी टक्कर मारी। जिस कारण वे सभी गंभीर रूप में घायल हो गए। सभी घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था तभी रास्ते में उन की बुआ सुखविंदर कौर की मौत हो गई। जबकि, इस हादसे में इंडिका कार चालक दविंदर सिंह भी घायल हो गया। सभी जख्मी समराला के अस्पताल में उपचाराधीन हैं। माछीवाड़ा पुलिस ने रनदीप सिंह के बयानों के आधार पर इंडिका कार चालक दविंदर सिंह खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और मृतका सुखविंदर कौर का पोस्ट मार्टम करवा शव स्वजनों को सौंप दिया है।
कीरतपुर साहिब की जगह कटाणा साहिब में अस्थियां की विसर्जित
मानसा से परिवार अपनी बुजुर्ग माता तेज कौर की अस्थियां कीरतपुर साहिब जल प्रवाह करने चला था, परंतु रास्ता में हुए सड़क हादसे ने इस परिवार को एक ओर बड़ा दुख दे दिया। पारिवारिक सदस्यों द्वारा इस हादसे के बाद माता तेज कौर की अस्थियां सरहिंद नहर किनारे बने ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री देगसर कटाणा साहिब में विसर्जित करनी पड़ी।
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