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चंद रुपयों में बिक गई मां की ममता, आर्थिक तंगी का हवाला देकर नवजात बच्ची को चार हजार में बेचा

महिला ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण तीन बच्चों का पालन पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। गांव की ही एक महिला ने उसकी नवजात चार महीने की बेटी करीब दो किलोमीटर दूर हसनपुर गांव के एक परिवार को गोद देने के लिए रजामंद किया।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 10:19 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 10:19 AM (IST)
चंद रुपयों में बिक गई मां की ममता, आर्थिक तंगी का हवाला देकर नवजात बच्ची को चार हजार में बेचा
शताबगढ़ गांव में एक मां ने चार माह की बच्ची काे बेचा। (फाइल फाेटाे)

श्री माछीवाड़ा साहिब, (लुधियाना) जेएनएन। मां शब्द है छोटा सा, पर इसमें पूरी दुनिया समाई हुई है। मां का दूसरा नाम ममता है। जब बच्चा इस दुनिया में जन्म लेता है तो वह सबसे पहले अपनी के आंचल में सुखद अनुभूति प्राप्त करता है। समाज में ऐसे कई माताओं की मिसाल देती उदाहरणें हैं जो दूसरों को भी प्रेरित करती हैं मगर माछीवाड़ा साहिब के एक गांव में एक मां ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए अपनी चार माह की नवजात बेटी को चार हजार रुपये में एक अन्य परिवार को बेच दिया। शहर के कुछ समाजसेवियोंं को इसकी जानकारी मिली तो मामला थाना में पहुंच गया।

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दरअसल, शताबगढ़ गांव में कुछ मजदूर परिवार झुग्गियों में रहते हैं। वहां पर एक महिला ने लॉकडाउन के दौरान बेटी को जन्म दिया। उनके पहले से दो बच्चे हैं। कोरोना के कारण लॉकडाउन में काम नहीं मिलने से उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया। महिला ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण तीन बच्चों का पालन पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। गांव की ही एक महिला ने उसकी नवजात चार महीने की बेटी करीब दो किलोमीटर दूर हसनपुर गांव के एक परिवार को गोद देने के लिए रजामंद किया। इसके बदले कुछ पैसे भी देने की बात की। बता दें कि गोद लेने के लिए भी सरकार ने नियम बनाए हुए हैं जिसका पालन करना जरूरी है।

बेटी को गोद देने से पहले दूध पिलाया

आपको बता दें कि वह महिला एतिहासिक गुरुद्वारा श्री चरन कंवल साहिब के बाहर बेटी को लेकर पहुंच गई। वहां बच्ची को गोद लेने वाला परिवार भी आ गया। बेटी को गोद देने से पहले महिला ने उसे वहीं पर अपना दूध पिलाया और फिर दूसरे परिवार की झोली में उसे डाल दिया।

इसके बदले उस परिवार ने उसे केवल चार हजार रुपये दिए। इसकी जानकारी समाजसेवी जगदीश राय बॉबी और अन्य लोगों को मिली तो उन्होंने तुरंत पुलिस को बताया, परंतु तब तक गोद लेने वाला परिवार बच्ची को लेकर जा चुका था।

दोनों पक्षों को थाने में बुलाया: एसएचओ

माछीवाड़ा पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने यह बच्चा दिलाने वाली महिला और गोद देने वाली बच्ची की मां से पूछा तो उसने बताया कि यह बच्चा उसने अपनी रजामंदी से दिया है क्योंकि घर में गरीबी होने के कारण वह और उसका पति तीन बच्चों का पालन-पोषण करने से असमर्थ हो गए थे। फिलहाल माछीवाड़ा थाना के एसएचओ राव वरिंदर सिंह ने कहा कि बच्ची को गोद लेने वाले परिवार और उसकी मां को बुधवार को थाने में बुलाया गया है। इसकी जांच के बाद ही अगली कार्रवाई होगी।


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