मां करती रही दवा के लिए इंतजार और बेटा नशे की भेंट चढ़ गया
पंजाब में सरकार और पुलिस के दावों के बावजूद भी नशे की चेन समाप्त होने का नाम नहीं ले रही। नशे की भेंट रोजाना कहीं ना कहीं कोई नौजवान चढ रहे हैं। इसकी मिसाल है थाना सिधवांबेट के अधीन गांव काकड तिहाडा की जहां एक 23 वर्ष का नौजवान नशे की भेंट चढ गया।
संवाद सहयोगी, जगराओं
थाना सिधवांबेट के तहत गांव काकड़ तिहाड़ा में 23 वर्षीय युवक मंजीत सिंह नशे की भेंट चढ़ गया। बुधवार की इस घटना से पहले उसकी बीमार मां जहां मंजीत सिंह द्वारा उसे डॉक्टर के पास दवा लेने के लिए दिखाने का इंतजार करती रही, वहीं दूसरी ओर वह चिट्टे के इंजेक्शन के कारण सदा के लिए अलविदा कह गया।
मंजीत सिंह बुधवार सायं जब अपने काम से घर लौटा, तो उसकी मां ने उसे डॉक्टर से दवा दिलाने के लिए कहा। इसके बाद वह यह कहकर घर से मोटरसाइकिल पर चला गया कि वह थोड़ी देर में आ जाएगा और फिर चलेंगे। मगर, जब वह नहीं लौटा, तो उसकी तलाश शुरू की। इस दौरान उसके परिजनों को किसी ने बताया कि मंजीत सिंह का शव खोलियां वाला खूह के नजदीक पड़ा है। इसके बाद पंचायत की मदद से मंजीत सिंह का बाद में शव बरामद हुआ। जिसका वीरवार को बिना पुलिस को बताए बिना अंतिम संस्कार कर दिया गया।
उधर, बाद में परिजनों ने पुलिस चौकी गिदड़विडी को मंजीत का मोबाइल फोन थाने में जमा करवाने सहित नशा तस्कर का नाम भी बताया है।
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संस्कार के समय सिर पर बांधा सेहरा
मंजीत की मौत से पूरे गांव में मातम है। उसके अंतिम संस्कार के समय उसकी मां ने उसके सिर पर सेहरा सजाया, तो मौके पर उपस्थित सभी ग्रामीणों की आंखें नम हो गई।
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मेरी तो चाय बनी ही रह गई
जब मंजीत की मौत की खबर उसकी मां को मिली, तो वह अपना धैर्य खो बैठी। उसने कहा कि मंजीत ने मुझे डॉक्टर से दवा दिलाने के लिए कहा था। मुझे कहा था कि मां तूं चाय बना, मैं अभी थोड़ी देर में आता हूं और तुझे दवा दिला कर लाऊंगा। मगर, वह नहीं लौटा और न उसने चाय पी और न मुझे दवा दिलाई। मेरी तो चाय बनी की बनी ही रह गई।
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बड़ी संख्या में युवा करते हैं नशा
सरपंच जगजीत सिंह ने बताया कि गांव में खोलियां वाला खूह पर सरेआम नशा बिकता है। जिसे लेकर युवा चिट्टे के नशे का इंजेक्शन लगाते हैं। पुलिस को इस बारे में ध्यान देना चाहिए। गांव में नशा बंद करवाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाए।
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पुलिस आरोपित के खिलाफ करेगी कार्रवाई : एएसआइ
पुलिस चौकी गिदड़विडी के प्रभारी एएसआइ गुरसेवक सिंह ने बताया कि मंजीत की मौत के बारे में न तो उसके परिजनों ने और न ही पंचायत ने बताया। इस तरह बिना पुलिस को सूचित किए उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतका का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया। अंतिम संस्कार के बाद पुलिस को नशे से मौत होने के बारे में सूचित किया गया। इस बारे में मृतक का मोबाइल फोन जमा करवाया गया है और उसकी कॉल डिटेल निकाली गई है। परिजनों ने गांव के ही एक व्यक्ति का नाम बताते हुए उसे मौत के लिए जिम्मेवार ठहराया है। फिलहाल, वह अभी पुलिस की गिरफ्त में नहीं है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।