पांच सालों में इस बार सबसे ज्यादा आए डेंगू मरीज
जिले में डेंगू ने खतरनाक रूप अख्तियार कर रखा है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना
जिले में डेंगू ने खतरनाक रूप अख्तियार कर रखा है। इस साल जहां डेंगू के मरीजों की संख्या पिछले पांच सालों में सबसे अधिक रही, वहीं डेंगू पीड़ितों की मौतें भी अधिक हुई। इससे सेहत विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिले में अब तक डेंगू के 1770 मरीज रिपोर्ट हो चुके हैं, जबकि 18 मरीजों की इससे मौत हो चुकी है। इनमें से ज्यादातर मौतें मरीज के शाक सिड्रोम के चपेट में आने पर हुई है। हालांकि सेहत विभाग ने अभी केवल चार मरीजों की मौत ही डेंगू से होने की पुष्टि की है, जो कि पूर्व के सालों की तुलना में अधिक है।
सेहत विभाग ने साल 2016 में डेंगू से एक, साल 2017 में डेंगू से तीन, साल 2018 में डेंगू से दो और साल 2020 में डेंगू से दो मौतों की पुष्टि की थी। साल 2019 में डेंगू से एक भी मौत नहीं हुई थी। इस साल दम तोड़ने वाले 14 मरीजों की मौत डेंगू से हुई या नहीं, उसे लेकर स्टेट कमेटी की तरफ से रिव्यू होना बाकी है। विभाग ने इन मौतों को डेंगू सस्पेक्टेड मौतों में ही रखा है। सेहत विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मौतों की सबसे बड़ी वजह मरीजों के शाक सिड्रोम में चले जाना है। डेंगू होने के बाद वर्निग साइन महसूस होने पर भी मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। वर्निग साइन की अनदेखी करने की वजह से ही मरीज शाक सिड्रोम में जा रहे हैं। दयानंद मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के मेडिसिन विशेषज्ञ डा. राजेश महाजन ने बताया डेंगू शाक सिड्रोम में मरीज का ब्लड प्रेशर अचानक बहुत ज्यादा गिर जाता है। यह नौबत तब आती है, जब डेंगू होने के बाद फ्ल्यूड की मात्रा कम होती जाती है। इसलिए मरीजों को कहा जाता है कि ज्यादा से तरल पदार्थ लें। डेंगू के दस नए मरीज मिले
शुक्रवार को जिले में डेंगू के 10 नए मरीज मिले। जिसके बाद जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1770 तक पहुंच गया है। डेंगू संदिग्ध मरीजों की संख्या 4525 है। सेहत विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार डेंगू के सबसे अधिक मरीज लुधियाना के सिटी एरिया में मिले हैं, जहां करीब 1308 मरीज मिल चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 306 मरीजों की पुष्टि हुई है।