हॉस्टल जा रही Doctor का दो बदमाशों ने छीना मोबाइल, पुलिस चौकी से 100 की दूरी पर वारदात Ludhiana News
मोटरसाइकिल सवार लेडी डॉक्टर का सैमसंग एम 30 मोबाइल झपट कर ले गए। बदमाशों ने अपने मुंह रुमाल और कपड़े से छिपा रखे थे।
लुधियाना, जेएनएन। बाइक सवार दो नकाबपोश लुटेरों ने एक महिला डॉक्टर का मोबाइल झपट लिया। घटना पुलिस चौकी से 100 मीटर पर हुई। अब पुलिस की कार्यप्रणाली देखिए। वह डॉक्टर उसी समय पुलिस चौकी पहुंची और घटना की जानकारी दी। डॉक्टर के अनुसार एफआइआर दर्ज करवाने के लिए ही उसे कई चक्कर लगाने पड़े। उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मुहैया करवा अपने मोबाइल का ईएमईआइ नंबर भी दिया। पुलिस ने जांच के नाम पर मामले को लटकाया और दो दिन बाद जाकर एफआइआर दर्ज की।
दरअसल, हरियाणा के यमुनानगर की रहने वाली सोनाली आहुजा दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीएमसीएच) से एमडी कर रही हैं। वह न्यू डीएमसीएच के पीजी रेजीडेंसी हॉस्टल में रहती हैं। तीन जनवरी की शाम पांच बजे वह टैगोर नगर से पैदल डीएमसी अस्पताल स्थित अपने हॉस्टल जा रही थी। उसी दौरान पीछे से आए मोटरसाइकिल सवार दो लुटेरे उनका सैमसंग एम-30 मोबाइल झपटकर ले गए। वह पीछे भी भागी, मगर उन्हें पकड़ नहीं सकीं। लुटेरों ने अपने मुंह कपड़े के साथ ढके हुए थे। उनके मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट भी नहीं थी। सोनाली के मुताबिक, पुलिस चौकी पास ही थी। वह दस मिनट बाद ही वहां पहुंच गई और इसकी लिखित शिकायत दी। फिर वह खुद पुलिस वालों के साथ घटनास्थल पर गई और कई सीसीटीवी कैमरे चेक किए। एक एडवोकेट के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में लुटेरों की हरकत कैद हो गई। पुलिस ने फुटेज को कब्जे में ले लिया, मगर चोरों को ढूंढना तो दूर, उसी दिन एफआइआर दर्ज नहीं की। सोनाली ने कहा वह अगले दिन फिर पु्लिस चौकी में गई परंतु केस दर्ज नहीं हुआ। बार-बार कहने पर चार जनवरी को जाकर केस दर्ज किया।
शहर की साख होती है खराब
शहर में झपटमारी की वारदातें बढ़ रही हैं। डीएमसी के आसपास का पॉश एरिया है। वहां बहुत सारे लोग दूसरों शहरों से आते हैं। अब शहर के अलावा बाहर के भी लोग यहां खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इससे बाहरी लोगों के बीच लुधियाना शहर की साख खराब हो रही है और पुलिस की सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ये उठाने होंगे कदम
- लूटपाट को रोकने के लिए पुलिस को गश्त बढ़ानी होगी।
- थानों और पुलिस चौकियों के कर्मियों को एक्टिव करना होगा।
- घटना की सूचना मिलने पर तुरंत जांच कर एफआइआर दर्ज करनी चाहिए।
सीपी के आदेशों की उनके कर्मी ही उड़ा रहे धज्जियां
पुलिस विभाग को अकसर शिकायतें आ रही थीं कि शिकायत देन के बाद भी पुलिस एफआइआर दर्ज नहीं करती हैं। सीपी राकेश अग्रवाल ने करीब एक-दो महीने पहले सभी थाना अधिकारियों को आदेश दिए थे कि शिकायत मिलने पर तुरंत एफआइआर दर्ज की जाए, परंतु उनके विभाग के अधिकारी ही उनके आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। डीएमसी में करीब छह जिलों से रोजाना एक हजार के करीब मरीज आते हैं। अस्पताल में दाखिल हजारों तीमारदार भी वहीं रहते हैं। यहां मोगा से आए गुरदीप सिंह, जगराओं के दलीप सिंह आदि का कहना है कि लोगों से मोबाइल और सामान चोरी होना आम है। कई तो दूसरे शहरों के होने के कारण पुलिस के चक्कर में न पड़ने के लिए लूट की शिकायत नहीं करते हैं।
डीएमसी के पास डॉक्टर से मोबाइल झपटने के मामले में केस दर्ज किया गया है। शिकायत मिलते ही जांच शुरू कर दी थी। झपटमारों की फोटो दूसरे थानों को भी भेजी गई हैं। मामला देरी से दर्ज करने की भी जांच करवा रहे हैं।
-गुरमीत सिंह थाना प्रभारी, डिवीजन आठ।
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