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रेलवे की लेटलतीफी से 200 फुटी रोड का प्रोजेक्ट 13 साल भी अधूरा

फिरोजपुर रोड से गिल रोड व दक्षिणी बाईपास को जोड़ने वाली 200 फुटी रोड रेलवे की लेटलतीफी के कारण 13 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। कारण धांधरा और गिल रोड के बीच धुरी रेलवे लाइन पर रेलवे ओवरब्रिज का प्रोजेक्ट कई साल से लटका हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 06:22 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 06:22 AM (IST)
रेलवे की लेटलतीफी से 200 फुटी रोड का प्रोजेक्ट 13 साल भी अधूरा
रेलवे की लेटलतीफी से 200 फुटी रोड का प्रोजेक्ट 13 साल भी अधूरा

जागरण संवाददाता, लुधियाना : फिरोजपुर रोड से गिल रोड व दक्षिणी बाईपास को जोड़ने वाली 200 फुटी रोड रेलवे की लेटलतीफी के कारण 13 साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है। कारण, धांधरा और गिल रोड के बीच धुरी रेलवे लाइन पर रेलवे ओवरब्रिज का प्रोजेक्ट कई साल से लटका हुआ है। पहले रेलवे ने आरओबी के डिजाइन को लेकर पेच फंसाया और फिर राज्य सरकार के साथ फंड के लेनदेन को लेकर काम शुरू नहीं करवाया। ग्रेटर लुधियाना एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (ग्लाडा) ने सभी विवाद सुलझाए तो रेलवे ने भी आरओबी की टेंडर प्रक्रिया पूरी की। इससे शहरवासियों में इस प्रोजेक्ट के पूरे होने की आस बंधी, लेकिन अब लंबे समय से इस प्रोजेक्ट की फाइल रेलवे की टेंडर अप्रूवल कमेटी के पास फंसी है। इसके चलते 200 फुटी रोड का प्रोजेक्ट भी अधूरा पड़ा है। ग्लाडा अफसर रेलवे को लगातार पत्र लिख रहे हैं, लेकिन रेलवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं कर रहा है।

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पंजाब सरकार ने 2008 में यह प्रोजेक्ट शुरू किया था। सरकार ने ग्लाडा के जरिए फिरोजपुर रोड से होते हुए फुल्लांवाल चौक, दुगरी रोड, धांधरा होते हुए गिल रोड तक 200 फुटी सड़क बनानी थी। बाद में इस प्रोजेक्ट में गिल रोड से दक्षिणी बाईपास तक भी सड़क बनाने की योजना तैयार की गई। ग्लाडा ने धुरी रेलवे लाइन तक दोनों तरफ से करीब छह साल पहले सड़क बना दी थी। उसके बाद आरओबी का काम रेलवे को करना था। रेलवे की तरफ से आरओबी की मंजूरी मिलने में लंबा वक्त लग गया। रेलवे ने जब आरओबी की मंजूरी दी और उसके बाद एस्टीमेट तैयार करके ग्लाडा को सौंपा। ग्लाडा ने एस्टीमेट के हिसाब से 15.62 करोड़ रुपये रेलवे को देने थे। एस्टीमेट बनने और रेलवे को फंड सौंपने में भी काफी समय लग गया और इस दौरान ही आरओबी की कीमत 21.83 करोड़ रुपये हो गई। रेलवे ने तीन साल पहले यह राशि रेलवे को सौंपी और उन्हें आरओबी का निर्माण शुरू करने को कहा। तब रेलवे ने पंजाब सरकार से करोड़ों रुपये लेने थे, इसलिए रेलवे ने इस फंड को सरकार की देनदारी में शिफ्ट कर दिया। लंबी लड़ाई लड़ने के बाद रेलवे आरओबी बनाने के लिए मान गया। दो माह पहले रेलवे ने टेंडर प्रक्रिया पूरी की और इस प्रोजेक्ट को टेंडर अप्रूवल कमेटी को भेजा। ग्लाडा अफसरों का कहना है कि रेलवे अफसरों को तीन से चार पत्र लिख चुके हैं और रोजाना संपर्क भी साध रहे हैं, लेकिन रेलवे इस पर काम शुरू नहीं कर रहा है।

रेलवे आरओबी बनाएगा तो ग्लाडा अप्रोच रोड का काम करेगी शुरू

पुल के दोनों तरफ ग्लाडा को अप्रोच रोड बनानी है। ग्लाडा अप्रोच रोड का काम तब शुरू करेगी, जब रेलवे आरओबी बना देगा। दरअसल दो साल पहले ग्लाडा ने गिल रोड की तरफ से अप्रोच रोड के निर्माण के लिए रिटेनिग वाल बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन रेलवे ने यह कहकर रिटेनिग वाल की स्लैब निकलवा दी थी कि जब तक उन्होंने काम नहीं किया तब तक रिटेनिग वाल नहीं बना सकते। ग्लाडा ने अप्रोच रोड के निर्माण पर 15 करोड़ रुपये खर्च करने हैं।

मिसिग लिक-2 पूरा होने पर शहर में ट्रैफिक का दबाव होगा कम

200 फुटी रोड फिरोजपुर रोड लोधी क्लब के पास से निकलकर शहर के बाहर से निकलेगी। फिरोजपुर की तरफ से आना वाला ट्रैफिक इस सड़क से निकलकर पक्खोवाल, धांधरा, गिल रोड व दक्षिणी बाईपास की तरफ निकलने वाला ट्रैफिक बाहर ही बाहर निकल जाएगा। इससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा।

यह है प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति

रेलवे ओवरब्रिज के लिए बनने वाले पिलर करीब सात फुट तक बनाए गए हैं। तीन साल से यह पिलर उसी स्थिति में हैं। वहीं ग्लाडा ने जो रिटेनिग वाल बनानी शुरू की थी, वह भी रेलवे ने तुड़वा दी थी। दरअसल रेलवे यहां भी लोहे के गार्डर वाला आरओबी बनाने जा रहा है।

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हम रोज पत्र लिख रहे हैं और रेलवे के अफसरों को कह रहे हैं। अब वो कह रहे हैं कि फाइल टेंडर अप्रूवल कमेटी के पास है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही काम हो सकेगा।

मोहित जिदल, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर, ग्लाडा


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