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उद्यमियों के तर्क से गुस्साए आशु बोले, तुस्सी दस बंदे 25 लख लोकां दे दुश्मन हो

बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पंजाब सरकार ने प्रोजेक्ट तैयार कर टेंडर अलाट कर दिए और अब काम शुरू करने के लिए कंपनी को वर्क आर्डर जारी किए जाने हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 03:20 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 03:20 AM (IST)
उद्यमियों के तर्क से गुस्साए आशु बोले, तुस्सी दस बंदे 25 लख लोकां दे दुश्मन हो
उद्यमियों के तर्क से गुस्साए आशु बोले, तुस्सी दस बंदे 25 लख लोकां दे दुश्मन हो

जागरण संवाददाता, लुधियाना : बुड्ढा दरिया को प्रदूषण मुक्त करने के लिए पंजाब सरकार ने प्रोजेक्ट तैयार कर टेंडर अलाट कर दिए और अब काम शुरू करने के लिए कंपनी को वर्क आर्डर जारी किए जाने हैं। हालांकि लुधियाना के उद्यमी तरुण जैन बावा ने प्रोजेक्ट की कीमत पर सवाल खड़े किए हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग के प्रिसिपल सेक्रेटरी एके सिन्हा और पीएमआइडीसी के सीईओ अजॉय कुमार शर्मा को लुधियाना भेजा। उन्होंने उद्यमियों समेत जनप्रतिनिधियों के साथ प्रोजेक्ट पर खुलकर चर्चा की। इसी बीच तरुण जैन ने फिर से प्रोजेक्ट की कास्ट पर सवाल खड़े कर दिए। इतना ही नहीं, बावा के बाद कुछ उद्यमियों ने सवाल किया कि बरसात के दौरान पानी दरिया में गिरेगा या एसटीपी में जाएगा। इस पर प्रोजेक्ट तैयार करने वाले एक्सपर्ट ने कहा कि बारिश में ओवरफ्लो होने पर इसे दरिया में गिराया जाएगा। इसी बीच एक उद्यमी ने कह दिया कि इंडस्ट्री को भी दरिया में पानी गिराने की परमिशन दे दो और कुछ उद्यमी इस तर्क पर हंसने लगे। इसी पर वहां मौजूद मंत्री भारत भूषण आशु गुस्से में आ गए और उद्यमियों से कह दिया 'तुस्सीं 10 बंदे 25 लाख लोकां दे दुश्मन हो, जेहड़ा एस प्रोजेक्ट में सीरियस नहीं लै रहे।'

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मंत्री बोले, कम राशि में काम करना था तो टेंडर क्यों नहीं भरा

अजाय शर्मा ने प्रेजेंटेशन में बताया कि प्रोजेक्ट के पहले हिस्से में बुड्ढा दरिया में गिर रहे गंदे पानी को रोकना है। इसके लिए जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उस पर 575 करोड़ खर्च होने का एस्टीमेट था, हालांकि जिस कंपनी को टेंडर अलाट किया गया है उन्होंने 519 करोड़ में ये काम करने को कहा है। प्रेजेंटेशन के बाद तरुण जैन ने कहा कि जो टेंडर सरकार ने 519 करोड़ में अलाट किया है, वे उसी काम को 325 करोड़ में करवा देंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा दुख निवारण की तरफ से आने वाले नाले के पानी को अफसरों ने इस प्रोजेक्ट में क्यों नहीं जोड़ा। इस पर प्रिसिपल सेक्रेटरी एके सिन्हा व मंत्री आशु ने उन्हें कह दिया कि अगर वह इस अमाउंट में काम करना चाहते थे तो उन्होंने टेंडर क्यों नहीं भरा? इसलिए अब ऐसा बेहुदा तर्क न दें। तरुण जैन इस पर भी चुप नहीं हुए तो आशु ने उन्हें कह दिया कि अपना सीईटीपी तो आपने पौने दो करोड़ रुपये प्रति एमएलडी खर्च करके बनाया है और सरकार एसटीपी एक करोड़ रुपये से कम में तैयार करवा रही है। फिर इस तरह के सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं।

सुझावों को शामिल कर शुरू किया जाएगा प्रोजेक्ट

राहुल वर्मा ने सवाल किया कि ट्रांसपोर्ट नगर व गुरुद्वारा दुख निवारण की ओर से आने वाले नालों में बरसात के समय काफी पानी आता है। क्या बरसाती पानी को एसटीपी में ले जाया जाएगा या दरिया में गिराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीपीसीबी से पूछ लें कि क्या यह सीवरेज युक्त पानी को दरिया में गिराने देंगे। इस पर एक एक्सपर्ट ने कह दिया कि जब बरसाती पानी ज्यादा मिल जाएगा तो इस दरिया में गिराया जा सकेगा, जिसे पीपीसीबी के अफसरों ने मना कर दिया। इसी बीच कुछ उद्यमी हंसते हुए कहने लगे कि हमें भी बुड्ढा दरिया में पानी गिराने दें। इस पर डीसी उठे और उद्यमियों को कहा कि इस पर बहस न करें। इसी बीच मंत्री आशु उठे और उन्होंने कह दिया कि इस मुद्दे पर खुली चर्चा चल रही है और आप लोग यहां बैठकर हंस रहे हो। आप अब भी दरिया में प्रदूषित पानी गिराने की बात कर रहे हैं। इसके बाद आशु ने साफ कर दिया कि दरिया का यह प्रोजेक्ट अब शुरू होगा। जो सुझाव आए हैं, उन्हें भी प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।

सतगुरु उदय सिंह बोले, जल्द शुरू करें काम

बुड्ढा दरिया के लिए बनी टास्क फोर्स के चेयरमैन सतगुरु उदय सिंह ने कहा कि दरिया को साफ करने का यह प्रोजेक्ट अगर जमीन पर उतर रहा है तो अब इसका विरोध न हो। अगर कहीं पर कोई समस्या है तो उसे दूर किया जाएगा। सतगुरु ने अफसरों कहा कि अब जल्दी से जल्दी काम शुरू करें और पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम करें।

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उद्यमियों की अधिकारियों से हुई बातचीत - बाबी जिदल: टेंडर भरने के लिए क्या शर्तें रखी गई थीं?

सेक्रेटरी का जवाब: बहुत सी शर्तें थी, जिसमें यह भी था कि उनके पास ऐसा काम करने का अनुभव होना चाहिए। - तरुण जैन : गोशाला के पास जो पानी का डिस्चार्ज बताया जा रहा है, वह कम है। वहां पर कम से कम 100 एमएलडी पानी आता है।

सेक्रेटरी : अगर ऐसा है तो इसे दोबारा कंसीडर कर लेंगे। कर्नल गिल : दरिया में फेंके जा रहे सालिड वेस्ट को रोकने के लिए कोई योजना नहीं है। रेनवाटर हार्वेस्टिग वेल बनवाए जाएं या एसटीपी में जाने से पहले पिट बनाए जाएं जहां गंदगी एकत्रित हो जाए।

सेक्रेटरी: सालिड वेस्ट से बचाव के लिए भी जगह रखी जाएगी। बरसाती पानी वाले विषय पर भी जरूर विचार होगा। - उपकार सिंह आहूजा: प्रोजेक्ट के काम पर नजर रखने के लिए एक कमेटी बनाएं ताकि वह निगरानी रखे।

आशु का जवाब : डीसी व नगर निगम कमिश्नर की अगुआई में कमेटी बनेगी। इसमें उद्यमी व अन्य नुमाइंदों को भी शामिल किया जाएगा। - इंद्र अग्रवाल: दस साल बाद कंपनी हमें किस हालात में एसटीपी देगी।

अजॉय शर्मा: हम नौवें साल में आडिट करेंगे और जो मशीनरी खराब होगी उसे रिप्लेस करवाएंगे। राहुल वर्मा : बरसाती पानी के लिए क्या करेंगे?

सेक्रेटरी: अभी हमारे पास स्टार्म सीवरेज नहीं है। फिलहाल पानी सीवरेज में ही जाएगा।


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