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नशा छुड़ाओ केंद्र बंद, ओट सेंटर में एक हफ्ते की दी जा रही दवा

नशा छुडाओ केंद्र के प्रभारी डॉ विवेक गुप्ता का कहना है कि हमारी तरफ से कोई ढील नहीं है जो भी नशेड़ी हमारे पास आ पा रहे हैं उन्हें दवा दी जा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 03:50 AM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 08:49 AM (IST)
नशा छुड़ाओ केंद्र बंद, ओट सेंटर में एक हफ्ते की दी जा रही दवा
नशा छुड़ाओ केंद्र बंद, ओट सेंटर में एक हफ्ते की दी जा रही दवा

लुधियाना, [दिलबाग दानिश]। क‌र्फ्यू के बीच नशेड़ियों के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है। एक तरफ नशा नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ नशा छोड़ने की दवा के लिए भी दो-चार होना पड़ रहा है। नशेड़ियों को सिविल अस्पतालों में बने ओट सेंटर तक पहुंचने भी नहीं दिया जा रहा है। सरकारी नशा छुडाओ केंद्रों से भी नशेडियों को घर भेज दिया गया है और ओट सेंटर से रोजाना मिलने वाली बुपरीनॉरफिन दवा अब दो सप्ताह की देनी शुरू कर दी है।

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अब हालात यह हैं कि नशेड़ी बिना दवाई के रह नहीं पा रहे हैं। वह अस्पताल पहुंचने के लिए निकलते हैं तो पुलिस लाठी खानी पड़ रही है। सिविल अस्पताल में दवा लेने आए एक नशेड़ी के परिजन ने कहा कि यह बेहद गंभीर समस्या है। घर पर बेटा परेशान कर रहा था जब दवा लेने आए तो पुलिस ने कई जगह पर परेशान किया है।

नशा छुडाओ केंद्र के प्रभारी डॉ विवेक गुप्ता का कहना है कि हमारी तरफ से कोई ढील नहीं है जो भी नशेड़ी हमारे पास आ पा रहे हैं उन्हें दवा दी जा रही है। बता दें कि सिविल अस्पताल में 30 बेड का नशा छुडाओ केंद्र चल रहा था। इसके अलावा यहां पर एक्सटेंशन नशा छुडाओ केंद्र भी खोला गया था। मगर क‌र्फ्यू के कारण यह सेंटर बंद कर दिया गया है। सभी मरीजों को घर भेज दिया गया है। यही हालात जगराओं और समराला के नशा छुडाओ केंद्रों के हैं। अब क‌र्फ्यू के कारण नशेडियों को नशा भी नहीं मिल रहा है। अस्पताल स्टाफ का कहना है कि नशेडी खुद ही यहां से चले गए हैं और किसी से जबरदस्ती नहीं की जा सकती है।

800 नशेडियों को दवा देना हुआ मुश्किल

प्रदेश सरकार की ओर से मेडिकल नशा करने वाले नशेडियों के लिए ओट सेंटर बनाए गए हैं। यहां पर 800 ऐसे मरीज रजिस्ट्रड हैं, जिन्हें रोजाना सेंटर पर आकर बुपरीनॉरफिर नाम की दवा लेनी होती है। इसे जीभ के नीचे रखा जाता है और इससे उन्हें नशे की तोड़ नहीं रहती है। इस दवा को पहले घर लेजाने की इजाजत नहीं होती थी। मगर इतने नशेडियों का ओट सेंटर पहुंचना मुश्किल हो गया है। अब यहां आने वाले मरीजों की संख्या भी दिन के समय ढ़ाई सौ ही रह गई है। जिसके कारण अब इन मरीजों को 14 दिन की दवा दी जा रही है।

प्राइवेट नशा छुडाओ केंद्रों पर नजर रखेगा विभाग

अब इस माहौल में प्राइवेट नशा छुडाओ केंद्रों के दोबारा से सक्रिय होने की आशंका बढ़ गई है। पहले भी सेहत विभाग कुछ अन्य जगहों पर फर्जी नशा छुडाओ केंद्रों से नशेडियों को छुडा चुका है। अब भी जब नशेड़ी घरों में परिवारों को परेशान कर रहे हैं तो ऐसे प्राईवेट नशा छुडाओ केंद्रों के दोबारा से शुरू होने की आशंका है और इस पर विभाग नजर बनाए हुए है।


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