राउंडटेबल कॉन्फ्रेंसः बड़े अस्पताल लुधियाना की जरूरत, शहर के मुद्दे मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे विधायक
पिछले पांच सप्ताह में सामने आए मुद्दों पर मंथन करने के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की बात कही, ताकि उन पर काम कर शहर को विकास की ओर ले जाया जा सके।
'माय सिटी, माय प्राइड' अभियान के तहत शहर के विधायकों, पूर्व विधायक, पूर्व मेयर सहित विभिन्न राजनीति दलों के शीर्ष नेताओं ने शहर के विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया। शनिवार को दैनिक जागरण कार्यालय में राउंड टेबल कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने ही एकमत होकर स्वीकार किया कि शहर के विकास के लिए सभी को एक प्लेटफॉर्म पर आकर ईमानदारी से काम करना होगा।
पिछले पांच सप्ताह में सामने आए मुद्दों पर मंथन करने के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखने की बात कही, ताकि उन पर काम कर शहर को विकास की ओर ले जाया जा सके। सत्ता के अलावा विपक्ष के नेताओं ने भी स्वीकार किया कि शहर की समस्याओं को दूर करने के लिए हर स्तर पर जिम्मेदारी तय करनी होगी, भले वह राजनीति स्तर पर हो या फिर अफसरशाही स्तर पर हो। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी माना कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार है और उन्हें दूर किए बगैर लक्ष्य नहीं हासिल किया जा सकता।
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इस मौके पर विधायक राकेश पांडे, विधायक सुरिंदर डावर, विधायक कुलदीप वैद्य, विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, पूर्व विधायक और जिला अकाली दल के अध्यक्ष रणजीत सिंह ढिल्लों, पूर्व मेयर हरचरण सिंह गोहलवडिय़ा, पंजाब भाजपा के प्रवक्ता अनिल सरीन, भाजपा जिला प्रधान रविंद्र अरोड़ा, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हरभजन सिंह डंग, जिला भाजपा महासचिव रजनीश धीमान विशेष तौर पर मौजूद रहे। कांफ्रेंस में स्वास्थ, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इकोनॉमी और सेफ्टी के मुद्दों पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्यः जन्म के साथ ही व्यक्ति की हेल्थ इंश्योरेंस हो अनिवार्य
स्वास्थ्य क्षेत्र पर चर्चा करते हुए सभई ने कहा कि विदेशों की तर्ज पर जन्म के साथ ही व्यक्ति की हेल्थ इंश्योरेंस अनिवार्य की जानी चाहिए, ताकि हर कोई निजी अस्पतालों में इलाज करवा सके। इसके अलावा लगातार बढ़ती आबादी के बीच शहर को सिविल अस्पताल की तरह एक बड़ा सरकारी अस्पताल मिले। सिविल अस्पताल को अपग्रेड करने के साथ अफसरों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
बड़े निजी अस्पतालों में सरकारी ड्रग्स स्टोर (जन औषधि) होने चाहिए। अस्पतालों में डॉक्टर दवाइयों के नाम की जगह साल्ट लिखे जाएं, ताकि लोग महंगी दवा खरीदने को मजबूर न हों। सीनियर सिटीजन के लिए एक स्थान पर टेस्ट की सुविधा हो। कैंसर स्कीम से अमीर मरीजों को बाहर किया जाए और गरीबों को डेढ़ लाख रुपये की मदद की जगह पूरा इलाज फ्री किया जाए। सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरी में बायोमेट्रिक उपस्थिति हो। पीजीआई की तर्ज पर साथ ही रजिस्ट्रेशन के बाद मरीज से फीडबैक लेना चाहिए।
शिक्षाः सरकारी स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के साथ जांच भी जरूरी
सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के साथ यहां जांच की जानी चाहिए कि शिक्षक बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान कर रहे हैं या नहीं। प्राइवेट स्कूल में चेक नहीं है। हालांकि सत्ता पक्ष का कहना था कि लुधियाना से ही स्मार्ट स्कूल की शुरूआत की गई हैं, जहां बच्चों को निजी स्कूलों की तरह अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दी जा रही है। भविष्य में ऐसे अन्य स्कूल बनाए जाएंगे। कांफ्रेंस में बात उठी कि चुनाव लड़ने वाले नेताओं और अफसरों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढ़ने अनिवार्य किया जाए।
इंफ्रास्ट्रक्चरः बुड्ढा नाला की समस्या हो खत्म, शहर को मिले स्ट्रॉम सीवरेज सिस्टम
सत्ता पक्ष के विधायकों का कहना था कि शहर की सबसे बड़ी समस्या बुड्ढा नाला को जल्द दूर किया जाएगा। विधायकों का कहना था कि इसके लिए लगभग 1400 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिस पर जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। सभई ने कहा कि वॉटर लागिंग से निपटने के लिए स्ट्राम सीवरेज की जरूरत है। बिना डिजाइन पास करवाए सीवरेज और वाटर कनेक्शन न दिए जाएं।
औद्योगिक शहर में अन्य राज्यों से आकर काम करने वाले मजदूर वर्ग को आधारभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं और शहर के बाहरी इलाकों में एक ही कमरे में 10-10 मजदूर रहते हैं। इन इलाकों में हमेशा सीजनल बीमारियां फैलती हैं। उनका कहना था कि जिन्हें जमीनी हकीकत नहीं पता होती, वह सरकार की पालिसी बनाते हैं, जिसे लागू करना मुश्किल हो जाता है। पुराने शहर के 25 प्रतिशत वार्ड ऐसे हैं, जहां से दूषित पानी पीने को मिल रहा है। पुराने शहर के सीवरेज सिस्टम को अपडेट करने की जरूरत है।
अर्थ व्यवस्थाः सरकारी विभागों में खत्म हो भ्रष्टाचार
विधायकों ने माना कि शहर को संचालित करने वाले प्रमुख विभागों में भ्रष्टाचार हावी है। खासकर प्रदूषण बोर्ड में भ्रष्टाचार इतना है कि शहर के प्रदूषण पर अंकुश लगाया जा सके। शहर में छोटी मोटी इंडस्ट्री और खासकर ड्राइंग की भरमार है। ड्राइंग बंद नहीं करवा सकते, लेकिन प्रदूषण रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने ही होंगे। बढ़ती के आबादी के साथ शहर का तो विस्तार हुआ, लेकिन उतनी तेजी से आधारभूत सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जा सकी।
सुरक्षाः वीआईपी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटाना चाहिए
लगभग 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर में अपराध भी समय के साथ बढ़ा है, लेकिन थानों में नफरी उस अनुपात में नहीं बढ़ी। ऐसे में लोगों के बीच असुरक्षा की भावना बढ़ना स्वभाविक है। शहर के थानों में नफरी कम है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने स्वीकार किया कि वीआईपी को 50-50 सुरक्षाकर्मी दिए गए हैं। उन्हें हटाकर सुरक्षा के कार्यों में लगाया जाना चाहिए।
इन्हें आतंकवाद के दौर में सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन वर्तमान समय में इसकी जरूरत नहीं है। सभी की सुरक्षा कम कर देनी चाहिए। इसके अलावा हैदराबाद की तर्ज पर ही सभी 150 फुट से अधिक फ्रंट वाले घरों और संस्थानों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगने अनिवार्य होने चाहिए। जिनका कनेक्शन प्रशासन के कंट्रोल रूम में हो, ताकि किसी भी घटना के बाद अपराधी तक पहुंचना आसान हो।
सिविल अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना चाहिए। केंद्र सरकार की आयुष्मान बीमा योजना को जमीनी स्तर पर पहुंचाना होगा। इसमें सभी शहर वासी अपना योगदान दें तो गरीब को भी सेहत सुविधाएं मिल जाएंगी।
- अनिल सरीन, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
टैक्स दो और सुविधाएं लो। विदेशों में अगर कोई भी 16 साल से ही नौकरी शुरू करता है तो साथ टैक्स देना पड़ता है। आखिर तक टैक्स देने की प्रक्रिया चलती रहती है। इसी तरह यहां भी टैक्स सिस्टम होना चाहिए।
- राकेश पांडे, विधायक कांग्रेस
लुधियाना के एंट्री प्वाइंट से आखिरी प्वाइंट तक बुड्ढा नाला एक त्रासदी है, जिसके लिए मैं विधानसभा में चार बार मुद्दा उठा चुका हूं। बुड्ढा नाला के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर दिया है, सरकार जल्दी ही 1400 करोड़ का प्रोजेक्ट लाँच करेगी।
- कुलदीप वैद्य, विधायक, कांग्रेस
प्राइवेट अस्पतालों पर सरकार का चेक रहना चाहिए। निजी अस्पताल तीन गुणा रेटों पर दवाइयां बेच रहे हैं। इस पर लगाम लगते ही सस्ता इलाज आम लोगों की पहुंच में आ जाएगा। इसके लिए सरकार को प्रयास करने होंगे।
- सिमरजीत सिंह बैंस, विधायक
इंडस्ट्री बंद करना संभव नहीं है। भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की जरूरत है। 47 करोड़ रुपये नगर निगम का एक महीने का खर्च है। अगर भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाए तो सरकार को एक बड़ा बजट मिल जाएगा। जिससे शहर का विकास होगा।
- सुरिंदर डावर, विधायक कांग्रेस
सरकारी स्कूलों के टीचर निजी स्कूलों से बेहतर और ज्यादा पढ़े लिखे हैं। सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की जरूरत है। सरकार अनिवार्य करे कि नेताओं और अधिकारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में ही पढेंगे। इससे सरकारी स्कूलों का स्तर ऊंचा होगा।
- रणजीत सिंह ढिल्लो, पूर्व विधायक एवं जिला प्रधान अकाली दल
हर सरकारी कार्य के लिए नीचे से लेकर ऊपर तक सभी की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। अगर कर्मचारी से लेकर अफसरों की जिम्मेदारी फिक्स की जाती है तो सभी अपने आप सब कुछ ठीक हो जाएगा।
- हरचरण सिंह गोहलवड़िया, पूर्व मेयर
हलवारा एयर बेस से पब्लिक फ्लाइट शुरू करने के लिए प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों के जरिए केंद्र के साथ पैरवी कर रहे हैं। इसमें जो बड़ी अड़चन थी उसे दूर कर दिया गया है। छह महीने के भीतर आम लोगों के लिए हवाई सेवाएं शुरू हो जाएंगी।
- रविंदर अरोड़ा, जिला अध्यक्ष भाजपा
अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर में सीसीटीवी कैमरे बढ़ाए जाने चाहिए। इसके लिए सरकार को कोई ठोस उपाय करना चाहिए।
- हरभजन सिंह डंग, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम
मेडिकल सुविधा में शहर टॉप पर है, लेकिन महंगे इलाज की वजह से यह आम लोगों की पहुंच से दूर है। प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पतालों से टाइअप करके पैनल में शामिल करना चाहिए। ताकि गरीबों का यह भी सस्ते में इलाज हो सके।
- रजनीश धीमान, जिला भाजपा महासचिव
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