लुधियाना राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस : बुड्ढा नाला की सफाई सहित सात मुद्दों पर आगे बढ़ी सरकार
माय सिटी माय प्राइड मुहिम के ओपन फोरम में उठे 11 मुद्दों में से सरकार सात मुद्दों पर आगे बढ़ चुकी है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : माय सिटी माय प्राइड मुहिम के ओपन फोरम में उठे 11 मुद्दों में से सरकार सात मुद्दों पर आगे बढ़ चुकी है। कुछ मामलों में सरकार ने कमेटियों का गठन कर दिया, जबकि कुछ मामलों को पॉलिसी का हिस्सा बना दिया है। वहीं, नगर निगम ने भी फोरम के मुद्दों पर गंभीरता दिखाते हुए उनके निराकरण की तरफ कदम बढ़ाए हैं। बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में माय सिटी माय प्राइड की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में विधायक व सीनियर डिप्टी मेयर ने सरकार व निगम की तरफ से उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी और भविष्य में इन मुद्दों पर होने वाले कार्यों की रूपरेखा के बारे चर्चा की।
... इन सात मुद्दों पर उठाए कदम
- बुड्ढा दरिया की सफाई।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग वेल बनाना।
- वेस्ट मैनेजमेंट।
- बेसहारा पशुओं से निपटना।
- हलवारा में कमर्शियल एयरपोर्ट बनाना।
- सरकारी स्कूलों की दशा सुधारना।
- शहर से डीजल ऑटो को रिप्लेस करने के लिए सीएनजी पंप खोलने की प्रक्रिया शुरू।
- 11 स्कूल एक साल में बनेंगे स्मार्ट, बुड्ढा दरिया की होगी सफाई
विधायक सुरिंदर डाबर ने कहा कि उन्होंने अपने हलके के 11 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया है। पहले फेज में उन्होंने पांच स्कूलों पर काम शुरू किया है। जबकि अप्रैल तक सेंट्रल हलके के सभी सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बना देंगे। इसके लिए सरकार से कोई फंड नहीं लिया जा रहा है, बल्कि हलके के लोगों की मदद से यह काम किया जा रहा है। डाबर ने कहा कि माय सिटी माय प्राइड के फोरम में बुड्ढा दरिया की सफाई का मुद्दा उठा था। जिस पर सरकार काफी गंभीरता के साथ काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने इसके लिए श्री भैणी साहिब के प्रमुख सतगुरु ठाकुर उदय सिंह के नेतृत्व में टास्क फोर्स का गठन कर दिया है। इसके अलावा भूजल स्तर को सुधारने व वाटर लॉगिंग की समस्या को ठीक करने के लिए कॉलोनी रेगुलराइजेशन पॉलिसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग वेल बनाने की शर्त रख दी है। उन्होंने कहा कि इससे कम से कम नई कॉलोनियों में वाटर लॉगिंग की समस्या नहीं रहेगी और भूजल स्तर में भी सुधार होगा।
बेसहारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए काम शुरू
निगम के सीनियर डिप्टी मेयर शाम सुंदर मल्होत्रा ने कहा कि शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या को भी माय सिटी माय प्राइड के प्रमुख 11 मुद्दों में रखा गया। नगर निगम ने इस समस्या से निपटने के लिए प्राचीन गोशाला पार्ट टू के साथ अनुबंध करने का फैसला किया। यह प्रस्ताव सदन में पास कर सरकार को भेजा गया और सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही बेसहारा पशुओं को टिब्बा रोड पर बनी गोशाला में भी शिफ्ट किया जाएगा।
इससे एक हजार के करीब बेसहारा पशुओं को सड़कों से हटाया जा सकेगा। वहीं, कूड़ा प्रबंधन का मुद्दा भी शहर के प्रमुख मुद्दों में से एक है। निगम गंभीरता के साथ काम करते हुए कूड़ा सेग्रीगेशन पर जोर दे रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत 40 स्टैटिक कंपेक्टर लगाने की योजना पर भी काम चल रहा है और कंपनी कंपोस्टिंग प्लांट लगा रही है। यही नहीं शहर के कुछ सेकेंडरी कूड़ा डंपों को सुंदर बनाने के लिए उद्यमियों से भी सहयोग लिया जा रहा है। जैसे-जैसे फंड आ रहे हैं, वैसे-वैसे विकास कार्य भी करवाए जा रहे हैं। पूरे शहर की सड़कें उखड़ चुकी थीं और शहर में पैचवर्क का काम चल रहा है।
रीचार्ज वेल का प्रावधान एक बेहतरीन कदम
कौंसिल ऑफ इंजीनियर्स के प्रधान कपिल कुमार अरोड़ा का कहना है कि सरकार ने नई कॉलोनियों के लिए पॉलिसी में रिचार्ज वेल का प्रावधान रख लिया है। यह बेहतरीन कदम है। इससे ग्राउंड वाटर लेवल मेंटेन करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पुराने शहर में भी सड़क के किनारे आसानी से रिचार्ज वेल बनाए जा सकते हैं।
इसके लिए उनकी एसोसिएशन नगर निगम के साथ मिलकर काम करने को तैयार है। उनका कहना है कि विधायक, पार्षद जब भी कोई सड़क का काम करवाते हैं तो वह एक टेक्निकल कमेटी बनाएं ताकि सरकारी कामकाज पर नजर रखी जा सके। उनकी एसोसिएशन इसके लिए तकनीकी सहयोग देने को तैयार है।
कमेटी बनाकर बनाएं विकास की रणनीति
लुधियाना स्मार्ट सिटी लिमिटेड के डायरेक्टर संजय गोयल ने कहा कि लुधियाना को स्मार्ट बनाने के लिए सांसद, विधायक, प्रशासन एवं माहिरों की कमेटी बना कर विकास की रणनीति बनानी होगी। तय रणनीति के तहत चौतरफा काम करके ही शहर को वाकई में स्मार्ट बनाया जा सकता है।
हालांकि, अब कुछ प्रोजेक्ट जमीन पर उतरने को तैयार हैं। इनमें पक्खोवाल रोड स्थित रेलवे ओवरब्रिज एवं अंडरब्रिज, मल्हार रोड पर स्मार्ट रोड का काम भी शीघ्र ही शुरू होने जा रहा है। पक्खोवाल रोड पर रेलवे ब्रिज बनने से इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू हो जाएगी। शहर को नया लुक देने के लिए बड़ा सोचना होगा। इसके अलावा विधायकों एवं पार्षदों को अपने हलके छोड़ कर शहर के विकास के बारे में सोचना होगा। दूसरे जहां पर बुनियादी सुविधाओं की कमी है, वहां पर लोगों को सुविधाएं मुहैया करानी होंगी, क्योंकि विकास का सीधा लाभ आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को होगा।
शहर में दिख रहा है बदलाव, फिर भी चुनौतियां कम नहीं
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के रिटायर्ड इंस्पेक्टर और अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के सदस्य गुरचरण सिंह पंछी ने कहा कि शहर में बदलाव दिखाई दे रहा है। बावजूद इसके चुनौतियां भी कम नहीं हैं। शहर में आने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर ग्रैफिटी कर और लैंड स्केपिंग करके एंट्री प्वाइंट को सुंदर बनाया गया है।
इसके अलावा शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए भी उपाय हो रहे हैं। ग्रैफिटी से फ्लाईओवर एवं पुलों के पिलर सुदंर दिख रहे हैं। लेकिन उनके रखरखाव को लेकर सुस्ती दिखाई दे रही है। इसे लेकर प्रशासन को सजग होने की जरूरत है। ग्रैफिटी को गंदा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है। दूसरे शहर के कायाकल्प के लिए तमाम चुनौतियों के बावजूद दृढ़ संकल्प से रणनीति बना कर आगे बढऩे की जरूरत है।
सरकार को करनी होगी लगातार मॉनिटिरिंग
भगवान महावीर सेवा संस्थान के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि तेजी से फैल रहे शहर की अनेकों समस्याएं है। राहत की बात है कि अब इनमें से कइयों का हल होता भी दिख रहा है। प्रदेश सरकार ने बुड्ढे नाले की दशा सुधारने के लिए जिस प्रोजेक्ट की घोषणा की है उससे आशा की एक किरण तो जगी ही है। अब देखना यह है कि प्रशासनिक तंत्र इस पर कितना गंभीर है। इसी पर सब निर्भर करेगा। सरकार को भी इसकी लगातार मॉनिटिरिंग करनी होगी।
बेहतरी के लिए लोगों का जुड़ाव जरूरी
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर एसबी पांधी ने कहा कि हमारी संस्था लोगों को अपने हक के प्रति जागरुक कर रही है। शुद्ध हवा, खुली सड़कें, सुंदर पार्क यह भी तो लोगों का अधिकार ही है। सरकार टैक्स लेती है तो उसे यह सब नागरिकों को देना ही होगा। अब एक प्रेशर ग्रुप शहर में बन चुका है, जिसमें प्रमुख कारोबारी भी शामिल हैं। प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त रखने में हम काफी कामयाब भी हो रहे हैं। जरूरत है कि इसमें और लोग जुड़ें, ताकि कोई भी तंत्र इसके प्रभाव को अनदेखा न कर सके।
विकास की गति बरकरार रहनी चाहिए
समाज सेवक गुरपाल सिंह ने कहा कि शहर में विकास कार्य तो शुरू हो चुके है पर उनकी गति धीमी है। हम लोगों को बार-बार निगम, रेलवे व प्रशासन को इस धीमी गति से अवगत करवाने के लिए कुछ न कुछ करना पड़ रहा है। कभी उपवास तो कभी रिमाइंडर। विकास तो हो पर गति भी बरकरार रहनी चाहिए।