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लुधियानाः टेक्नोलॉजी से बच्चों को सीखा रहे हैं गणित के गुर

मैथ्स विलेज के नाम से एक पोर्टल तैयार किया जिस पर एक लाख से अधिक विजिटर हैं और अब मैथ्स पंजाब पोर्टल पर भी बच्चों को कोचिंग देने के लिए शुरू कर दिया।

By Gaurav TiwariEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 11:20 AM (IST)
लुधियानाः टेक्नोलॉजी से बच्चों को सीखा रहे हैं गणित के गुर

सैनिक के घर में पैदा हुए संजीव कुमार तनेजा ने भी अपना जीवन एक सैनिक की तरह ही बना लिया है। संजीव कुमार पेशे से सरकारी टीचर हैं लेकिन सरकारी ड्यूटी के बाद भी वह बच्चों की पढ़ाई के लिए रात रात तक जागते हैं। सरकार ने अब उन्हें गणित विषय की बारीकियां टीचर्स तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन संजीव तनेजा इससे आगे बढ़कर उन प्रतिभाओं की तलाश करने में जुटे हैं जो सही गाइडेंस न मिलने की वजह से आगे नहीं बढ़ पाती।

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महंगाई के दौर में बड़े इंस्टीट्यूट से कोचिंग लेना या ट्यूशन लेना हर विद्यार्थी के लिए संभव नहीं है। ऐसे में संजीव कुमार ने बच्चों के लिए फ्री ऑनलाइन ट्यशून का प्रबंध किया। मैथ्स विलेज के नाम से एक पोर्टल तैयार किया जिस पर एक लाख से अधिक विजिटर हैं और अब मैथ्स पंजाब पोर्टल पर भी बच्चों को कोचिंग देने के लिए शुरू कर दिया। यही नहीं अब तो उन्होंने वॉट्सएप के जरिए भी बच्चों को ट्यूशन देना शुरू कर दिया। यह पूरा काम वह अपनी ड्यूटी खत्म करने के बाद देर रात तक जागकर करते हैं ताकि सरकारी कामकाज प्रभावित न हो। ऐसा वह पिछले आठ साल से कर रहे हैं।

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संजीव कुमार पिछले 30 साल से टीचिंग क्षेत्र में हैं उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1988 में डलहौजी पब्लिक स्कूनल डलहौजी से शुरू की और 1998 से सरकारी क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए तकनीक का प्रयोग करने पर माइक्रोसॉफ्ट संजीव तनेजा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित कर चुकी है।

संजीव कुमार तनेजा कहते हैं जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उसे मन से करें और अपने जीवन की खुशियां उसी क्षेत्र में ढूंढ़ते रहें। अध्यापक हूं तो बच्चों को बेहतर शिक्षा देने और उनका करियर संवारने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। नतीजा भी मिल रहा है कई डॉक्टर इंजीनियर पैदा कर चुका हूं।

टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर दे रहे बच्चों को ट्यूशन
गणित के खौफ से बच्चों को बाहर निकालने के लिए संजीव तनेजा लगातार प्रयास कर रहे हैं। वह बच्चों को समझाते हैं कि गणित सबसे आसान विषय है और यही विषय है जो कि बच्चों के दिमाग को शार्प किया है। धीरे धीरे बच्चे उनसे गणित की बा‍रीकियां जानने के लिए जुड़ने लगे तो उन्होंने 2011 में मैथ्स विलेज के नाम से वेब पोर्टल शुरू किया। धीरे धीरे बच्चे जुड़ने लगे और उस पोर्टल पर उनसे सवाल करने लगे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में गणित पढ़ाने वाले टीचर्स से संपर्क किया और उन्हें भी इस पोर्टल से जुड़कर बच्चों की समस्या का समाधान करने को कहा। टीचर भी जुड़े और धीरे धीरे यह पोर्टल बच्चों में लोकप्रिय होता गया। इस पोर्टल पर एक लाख से ज्यादा विजिटर हैं और नियमित तौर पर बच्चें अपने सवाल पूछते हैं। अब संजीव ने दो माह पूर्व ही मैथ्स पंजाब के नाम से एक वेबसाइट शुरू की है। इसमें भी बच्चों को गणित की बारीकियां समझाने के लिए टीचर्स को भी जोड़ा जा रहा है। इस वेबसाइट पर भी अब तक 7 हजार के करीब विजिटर हो चुके हैं। संजीव ने विद्यार्थियों को अपना मोबाइल नंबर दिया है और बच्चे अब वॉट्सएप के जरिए भी उनसे सवाल पूछते हैं।

अब चला रहे हैं मैथ्स मिशन 100
सरकारी स्कूलों के मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए संजीव तनेजा ने अपने सहयोगी टीचर्स के साथ मिलकर मैथ्स मिशन-100 शुरू किया है। इसके तहत उन्होंने जिले के सरकारी स्कू्लों के 300 विद्यार्थियों को चुना है जिनके नौवीं कक्षा में 75 फीसद से अधिक अंक थे। संजीव तनेजा ने इन विद्यार्थियों को ऑफर दिया है कि वह गणित में 100 अंक लेकर आएं वह उन्हें लेपटॉप, मोबाइल व अन्य तरह के गिफ्ट देंगे। मैथ्स मिशन-100 में जिन विद्यार्थियों को लिया गया है उनके स्कूलों के टीचर भी इस मिशन में शामिल हैं। सभी मिलकर अलग अलग तरीकों से इन बच्चों को ट्यूशन दे रहे हैं। इसके साथ ही वाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं।

सर ने राह दिखाई तो बन गया इंजीनियरः गौतम
गौतम बाड़ेवाल के सरकारी स्कूल में पढ़ता था। संजीव तनेजा एक दिन स्कूल में गए और बच्चों से बात करते हुए उन्होंने गौतम की प्रतिभा को भांप लिया। गौतम ने बताया कि सर ने उसे कहा कि वह इंजीनियर बनेगा। गौरव ने बताया कि उन्होंने संजीव सर को कहा कि उसके पिता कपड़े प्रेस करके परिवार पाल रहे हैं ऐसे में वह इंजीनियर कैसे बन जाएगा। गौतम ने बताया कि सर ने उसे फ्री कोचिंग दी और उनका सलेक्शन उस समय जेईटी में हो गया। पंजाब में 16वीं रैंक आई तो दाखिला भी थापर इंस्टीयट्यूट पटियाला में मिल गया। उसने बताया कि संजीव सर ने बाद में अपने दोस्त की मदद से उसका डिप्लोमा स्पांसर करवा दिया। बाद में बीई किया और अब गेट का एग्जाम पास कर चुका हूं। गौतम का कहना है क‍ि उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो इसलिए अभी एमटेक में दाखिला नहीं लिया और नोयडा में एक कंपनी में इले‍क्ट्रोनिंग एंड कम्युमनिकेशन इंजीनियर के तौर पर काम कर रहा है।

विदेशी बच्चे भी सीख रहे हैं गणित के गुर
मैथ्स विलेज के नाम से शुरू किए गए पोर्टल में पंजाब के अलावा देश व विदेश के विद्यार्थी भी संजीव कुमार तनेजा से गणित के गुर सीख रहे हैं। मैथ्स विलेज पर यूएसए, रशिया, यूक्रेन, पाकिस्तान, यूएई, जर्मनी, फ्रांस, जापान और साउथ अफ्रीका से भी विद्यार्थी जानकारी ले रहे हैं। अकेले यूएसए से ही 11 हजार से ज्यादा विद्यार्थी इस वेब पोर्टल से जुड़कर अपने सवाल पूछ चुके हैं।

अब पंजाब के बच्चों के लिए बनाई अलग से वेबसाइट
मैथ्स विलेज पर अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाया जा रहा था तो इसका फायदा स्थानीय स्तर पर बच्चे ज्यादा नहीं ले पा रहे थे। सरकारी स्कूलों के बच्चों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले इसके लिए संजीव तनेजा ने अब मैथ्स पंजाब के नाम से नई वेबसाइट शुरू की है। जिस पर बच्चों को अंग्रेजी, हिंदी व पंजाबी तीनों माध्यमों में कोचिंग दी जा रही है।

संजीव तनेजा को मिल चुके हैं यह सम्मान
2010 - मुख्यमंत्री अवार्ड
2011 - माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से वॉशिंगटन डीसी में तकनीक के जरिए गणित पढ़ाने पर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार।
2013 - शिक्षा के क्षेत्र में नेशनल अवार्ड
2013 - पिएर्शन टीचिंग नेशनल अवार्ड
2014 - माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से दूसरी बार स्पेन में तकनीक के जरिए गणित पढ़ाने पर अंतर्राष्ट्रीकय पुरस्कार।
- इसके अलावा जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर की साइंस व मैथ्स एग्जीचबिशन में कई बार सम्मानित हो चुके हैं।

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