दिन में धरने के बाद शाम को मिला एक महीने का वेतन, कर्मचारियों ने टाली हड़ताल Ludhiana News
दो महीने से वेतन जारी नहीं होने के रोष में निगम कर्मियों ने धरने पर धरने लगाने शुरू कर दिए। मुलाजिमों के दो गुटों ने सोमवार को जोन बी में सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक धरना लगाया।
जेएनएन, लुधियाना। दो महीने से वेतन जारी नहीं होने के रोष में निगम कर्मियों ने धरने पर धरने लगाने शुरू कर दिए। मुलाजिमों के दो गुटों ने सोमवार को जोन बी में सुबह नौ से दोपहर दो बजे तक धरना लगाया। तीसरे गुट ने मंगलवार को निगम के चारों दफ्तरों में हड़ताल का एलान किया था। मेयर लगातार चंडीगढ़ में अफसरों के संपर्क में थे। पांच घंटे तक चला यह संघर्ष रंग लाया। सोमवार देर शाम चंडीगढ़ से नगर निगम को जीएसटी शेयर के 21 करोड़ रुपये मिल गए।
फंड मिलते ही मेयर के आदेश पर देर शाम तक कर्मचारियों के खाते में एक माह का वेतन डाल दिया गया। एक माह का वेतन मिलने के बाद निगम कर्मियों ने मंगलवार को होने वाली हड़ताल फिलहाल स्थगित कर दी है। दो माह से वेतन न मिलने पर नगर निगम कर्मियों ने मेयर के खिलाफ लगातार धरने लगाने शुरू कर दिए थे। कर्मचारी करीब एक सप्ताह से मेयर पर वेतन जारी करवाने का दबाव बढ़ा रहे थे। वेतन के लिए मेयर ने रिकवरी टीमों पर ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जुटाने का दबाव तक डाल दिया था, पर वह वेतन लायक फंड जुटाने में नाकाम रहे।
15 जुलाई तक दूसरे महीने का वेतन देने का मिला भरोसा
दूसरी तरफ मेयर स्थानीय निकाय विभाग व मुख्यमंत्री कार्यालय के अफसरों के साथ भी संपर्क में थे। इससे पहले वह मुख्यमंत्री को भी मिल चुके थे। सोमवार को निगम को 21 करोड़ रुपये मिले तो मेयर ने कर्मचारियों का वेतन जारी कर दिया और दूसरे महीने का वेतन 15 जुलाई तक जारी करने का भरोसा दिया। म्यूनिसिपल इंप्लाइज संघर्ष कमेटी के चेयरमैन अश्वनी सहोता ने बताया कि 15 जुलाई को अगर दूसरे महीने का वेतन जारी नहीं किया गया तो फिर से संघर्ष किया जाएगा।
सुबह दफ्तर खुलने से पहली ही गेट पर बैठे
वेतन न मिलने से नाराज निगम कर्मियों के दो गुटों ने सोमवार को दफ्तर खुलने से पहले ही जोन बी में धरना दे दिया। दरअसल, सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की कमी के चलते सोमवार को नगर निगम जोन बी में खूनदान कैंप लगाया गया। इसमें कर्मचारियों ने खूनदान करना था, लेकिन समूह मुलाजिम एकता दल से जुड़े कर्मचारियों के एक गुट ने कैंप का बहिष्कार कर वेतन के लिए धरना लगा दिया। कुछ देर बाद म्युनिसिपल कर्मचारी दल के सदस्यों का दूसरा गुट आया और वह भी जोन बी के मुख्य गेट पर अलग से धरना लगाकर बैठ गया। जोन बी में कर्मियों ने कामकाज ठप रखा और किसी को भी दफ्तर में जाने नहीं दिया। धरने में अकाली दल के जिला प्रधान रणजीत सिंह ढिल्लों भी शामिल हुए। दोपहर बाद ही जोन बी में कामकाज शुरू हो सका।
जोन बी के कई इलाकों में कर्मियों ने नहीं की सफाई
नगर निगम के पक्के मुलाजिमों के साथ-साथ कच्चे मुलाजिमों को भी वेतन नहीं मिला है। सोमवार को कच्चे मुलाजिमों ने भी जोन बी में हुए धरने में भाग लिया। ज्यादातर कच्चे मुलाजिम या तो सफाई सेवक हैं या फिर सीवरमैन। धरने में शामिल होने वाले सफाई कर्मचारियों ने सोमवार को जोन बी के कुछ इलाकों में सफाई नहीं की। वार्ड 22 से 26 तक के ज्यादातर इलाकों में सफाई नहीं हुई। धरने का नेतृत्व कर रहे सूरज पारचा ने बताया कि इन पांच वार्डो के अलावा जोन बी के अन्य वार्डो में भी सफाई व्यवस्था प्रभावित रही। कूड़ा उठाने को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई क्योंकि घर घर से कूड़ा ले जाने वाले कर्मचारी निजी तौर पर काम करते हैं।