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मुनि भूपेंद्र कुमार बाेले-बलिदान से ही अध्यात्म को जीवन में अवतरित कर सकता है मनुष्य

लुधियाना में संगाेष्ठी में कुलदीप सुराणा की धर्मपत्नी मोना सुराना के जन्मदिवस पर अध्यात्मिक संगोष्ठी पर मेरे को आने का अवसर प्राप्त हुआ है। जीवन में हम बलिदान से ही अध्यात्म को अपने जीवन में अवतरित कर सकते हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 09:43 AM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 09:43 AM (IST)
मुनि भूपेंद्र कुमार बाेले-बलिदान से ही अध्यात्म को जीवन में अवतरित कर सकता है मनुष्य
कार्यक्रम का समापन मुनि प्रवर के मंगल पाठ के साथ सानंद संपन्न हुआ। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। जैन धर्म का सिख धर्म पर बहुत बड़ा उपकार रहा है। जब हमारे दो साहिबजादो ने 7 और 9 वर्ष की उम्र में अपने जीवन का बलिदान देते हुए नए इतिहास का सृजन किया था तथा गुजरी माता और दोनों साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए स्थान की जरूरत थी तब उस समय के जालिम शासक से जैन श्रावक टोडरमल जैन ने ही खरबों रुपयों की गिन्नियों को जमीन पर खड़ी करके वह जगह खरीदी थी।

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वैसा बलिदान आज तक के इतिहास में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलता है। जैन धर्म का यह उपकार सिख समाज कभी नहीं भूल सकता। उपरोक्त विचार तेरापंथ महासभा के पंजाब प्रभारी कुलदीप सुराणा के आवास पर जीवन में 'अध्यात्म का प्रवेश कैसे हो' विषय को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री महेशइंद्र ग्रेवाल ने कहे। मुनि भूपेंद्र कुमार ने अपने उदबाेधन में कहा जो व्यक्ति अपने जीवन में बलिदान करता है वही वास्तव में अपने जीवन के अंदर अध्यात्म का प्रवेश करने में सफलता प्राप्त कर सकता है।

आज मेरे को उस गौरवमयी परिवार के यहां आने का अवसर मिला है, जिनके पूर्वज जोरावर मल जी सुराणा ने बलिदान का एक इतिहास लिखा था। सौ राणाओं का जितना बल जिस व्यक्ति में होता है वह सुराणा कहलाता है तो आज कुलदीप सुराणा की धर्मपत्नी मोना सुराना के जन्मदिवस पर अध्यात्मिक संगोष्ठी पर मेरे को आने का अवसर प्राप्त हुआ है। जीवन में हम बलिदान से ही अध्यात्म को अपने जीवन में अवतरित कर सकते हैं।

हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विश्वमोहन ने अपनी विचारधारा को स्पष्ट करते हुए कहा जो मरीज मेरे पास आते है, मैं उनको हमेशा ही अध्यात्म के साथ चिकित्सा की ओर अग्रसर करने का प्रयास करता हूं। इस अवसर पर लुधियाना जिला के अकाली दल के अध्यक्ष रंजीत सिंह ढिल्लो व भाजपा के नेता विक्रमजीत सिद्धू ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। ज्ञानशाला की प्रभारी विनोद देवी सुराना, तेरापंथ महिला मंडल की जया बुचा, लीला देवी छाजेड़, तेयूप की तरफ से धीरज सेठिया आदि अनेकों व्यक्तियों ने भी अपने विचारों की प्रस्तुति प्रस्तुत की। तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री प्रतीक कोचर ने आभार ज्ञापन किया।

ये रहे माैजूद

कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ युवक परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष तरुण सुराणा ने किया। कार्यक्रम मेंभूषण जैन जीतो, राजीव जैन जीतो, दर्शील चोपड़ा, संजीव बरडिया, अरुणेश मिश्रा, रजत सूद, संजय गोंसाई, त्रिलोचन सिंह, मनोज धाड़ीवाल, इंद्रा सेठिया, सिद्धार्थ सुराणा, अंशिका जैन आदि उपस्थित थे।


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