पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने नहीं निभाया ईद का वादा, मालेरकोटला में काले चोले पहन जताया विरोध
मालेरकोटला में ईदगाह के बाहर रोष जता रहे लोगों ने कहा कि सिद्धू ने ईद पर 15 करोड़ रुपये बाबा हैदर शेख व 2 करोड़ रुपये ईदगाह के लिए देने का वादा किया था जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया।
संवाद सूत्र, मालेरकोटला (संगरूर)। पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को अमृतसर में शक्ति प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इशारे-इशारे में उनके कमजोर पड़ने का संकेत दे दिया है। विधायकों, मंत्रियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के समर्थन के बीच उन्हें मालेरकोटला में विरोध का सामना भी करना पड़ा है। यहां बकरीद पर मुस्लिम भाईचारे ने सिद्धू का ईदगाह के समक्ष काले चोले पहनकर व हाथों में बैनर लेकर विरोध किया। यह विरोध थोड़ा अलग है क्योंकि प्रदर्शनकारियों के अनुसार सिद्धू अपना वादा पूरा करने में नाकाम रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू बकरीद पर विशेष वादा किया था जिसे पूरा करने में वह विफल रहे हैं।
नहीं दिए 17 करोड़ रुपये
ईदगाह के बाहर रोष जता रहे लोगों ने कहा कि सिद्धू ने ईद पर 15 करोड़ रुपये बाबा हैदर शेख व 2 करोड़ रुपये ईदगाह के लिए देने का वादा किया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। ऐसे में लोगों ने शर्त रखी या तो सिद्धू अपना वादा पूरा करें या फिर एलान के पैसे मालेरकोटला के हवाले करें।
वादा कोई कामेडी नहीं, पूरा करें सिद्धू
शमसुद्दीन चौधरी व पूर्व पार्षद लियास जुबैरी ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अच्छे कॉमेडियन हैं, लेकिन वादे को कॉमेडी का रूप नहीं दिया जा सकता। उन्होंने ईद पर ईदगाह में आकर करोड़ों रुपये देने का एलान किया था, लेकिन अब तक एक रुपया तक नहीं दिया। इससे मुस्लिम भाईचारे में रोष पाया जा रहा है। मुस्लिम भाईचारे ने एलान किया कि सिद्धू का मालेरकोटला आने पर विरोध किया जाएगा।
मई में ही पंजाब का 23वां जिला बना है मालेरकोटला
बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईद-उल-फितर के दिन 14 मई मालेरकोटला को जिला बनाने की घोषणा की थी। संगरूर के तोड़कर इसे पंजाब का 23वां जिला बनाया गया। तहसील मालेरकोटला संगरूर जिले का हिस्सा थी। मालेरकोटला में दो तहसीलें मालेरकोटला व अहमदगढ़ हैं। जिले में दो विधानसभा क्षेत्र मालेरकोटला और अमरगढ़ हैं। मालेरकोटला की आबादी चार लाख से कुछ ही ज्यादा है। इस लिहाज से यह पंजाब का सबसे छोटा जिला बन गया है।