Makar Sankranti 2022: अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब में हजाराें की संख्या में श्रद्धालु हुए नतमस्तक
Makar Sankranti 2022ः शुक्रवार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु अमृतसर श्री हरिमंदिर साहिब नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने परिवारों समेत यहां श्री हरिमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर में स्नान किया इलाही गुरबाणी का श्रवण किया।
जागरण संवाददाता, अमृतसर/श्री मुक्तसर साहिब। Makar Sankranti 2022ः मकर संक्रांति एवं माघी का त्यौहार पंजाब में भव्य रूप में मनाया जाता है। सूर्य के धनु से मंकर राशि के प्रवेश पर इस दिन को सौभाग्यशाली माना जाता है। वहीं सूर्य के इस दिन उत्तरायण की तरफ झुकाव होने व शुभ महूर्त के कारण मकर संक्राति पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब व श्री दुर्गयाणा तीर्थ में नतमस्तक होकर सुख शांति व चढदी कला के लिए अरदास करते है। शुक्रवार भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब नतमस्तक होने के लिए पहुंचे। श्रद्धालुओं ने परिवारों समेत यहां श्री हरिमंदिर साहिब के पवित्र सरोवर में स्नान किया, इलाही गुरबाणी का श्रवण किया। इसी तरह काफी संख्या में श्रद्धालु श्री हरिमंदिर साहिब में भी माथा टेकने के लिए गए।
श्रद्धालुओं ने भगवान श्री सूर्य नारायण की अराधना की ओर ठाकुर जी का आशीर्वाद हासिल करके अपने दिन की शुरूआत की। मकर संक्राति पर अलग अलग स्थानों पर संगत के लिए खिचड़ी के लंगर भी आयोजित किए गए। श्रद्धालुओं ने अलग अलग गुरुद्वारा साहिबों और मंदिरों में माथा टेक कर नए माह की शुरूआत पर सुख शांति व समृद्धि के लिए अरदास की। वहीं दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 40 मुक्तों को नमन करने के लिए ऐतिहासिक माघी मेला आज धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। शहीदों को नमन करने ने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु बीती लोहड़ी की रात से ही श्री दरबार साहब पहुंचना शुरू हो गए थे।
वहीं मुक्तसर के गुरुद्वारा शहीद गंज में श्री अखंड पाठ के भोग डाले गए। क्षेत्र के श्रद्धालु अलसुबह ही श्री दरबार साहिब पहुंचने लगे। इस दौरान श्रद्धालुओं के और से पवित्र सरोवर में स्नान किया जा रहा है और श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे नतमस्तक होया जा रहा है। उधर, भाई माहा सिंह दीवान हाल में कीर्तनी जत्था की ओर से वार गायन कर सिख इतिहास से अवगत कराया जा रहा है। श्री दरबार साहब को जाने वाले तमाम रास्तों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है बाज़ारों में विभिन्न गांवों की पंचायतों और समाजसेवी व धार्मिक संगठनों की ओर से जगह जगह श्रद्धालुओं के लिए लंगर लगाए। गए हैं।