मानव को नर्क में गिरा देता है क्रोध : महासाध्वी वीणा
तप चन्द्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा महाराज -5 बिरादरी एस एस जैन स्थानक रुपा मिस्त्री गली में विराजमान है।
संस, लुधियाना : तप चन्द्रिका श्रमणी गौरव सरलमना महासाध्वी श्री वीणा महाराज, नवकार साधिका महासाध्वी सुन्नैया, प्रवचन भास्कर महासाध्वी श्री संचिता महाराज ,महासाध्वी अरणवी, महासाध्वी अर्षीया म. ठाणे -5 बिरादरी एस एस जैन स्थानक रूपा मिस्त्री गली में विराजमान है। इस अवसर पर महासाध्वी वीणा ने महाराज ने कहा कि प्रतिदिन मानव को क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए प्रेरित कर रहे है। उन्होंने कहा कि क्रोध मानव को नर्क के गर्त में गिरा देता है, जहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। हमें क्रोध पर नियंत्रण रखते हुए संसार में समता में रहने का प्रयत्न करना चाहिए। ताकि हम आत्म कल्याण की ओर बढ़ सकें और अपना आत्म उद्धार कर सकें। उन्होंने कहा कि पाप करने में जितनी तीव्र आसक्ति होती है, उतनी धर्म में होती है सही। लेकिन आपको यह मालूम नहीं कि जो भी कार्य करोगे, उसका दस गुणा फल आपको मिलेगा। चाहे वो अच्छा हो या बुरा।
जैन मुनि ने कहा कि जिन्होंने अपने क्रोध पर नियंत्रण पा लिया समझो वो जग जित गया। क्योंकि क्रोध मनुष्य के विवेक को हर लेता और उसे अंधा बना देता है। क्रोधी व्यक्ति को यह समझ नहीं आता कि वह क्या कर रहा है। जब उसका गुस्सा शांत होता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। अत: क्रोध से दूर रहना चाहिए।
संरक्षक मोती लाल जैन, संरक्षक प्रेमचंद जैन, प्रधान अशोक जैन हाईलैंड, अश्वनी जैन सनब्राइट ने कहा कि इस बार कोरोना वायरस के बीच चातुर्मास के मेलों में धर्म सभाओं का ना होना दुखदायी है। चातुर्मास सभा की जगह प्रार्थना सभा में विशेष सावधानियां रखी जा रही है।