दिन भर बरसे बादल, 52 साल में पहली बार जनवरी में रिकार्ड 105.2 मिलीमीटर बारिश
पंजाब की औद्योगिक नगरी के लोगों को जनवरी में दिन के समय कड़ाके की ठंड झेलनी पड़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बादल बारिश और शीतलहर है। जिले में तीन जनवरी के बाद से लगातार बादल छाए हैं और आए दिन रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिछले 20 दिनों की बात करें तो सिर्फ तीन-चार दिन ही कुछ घंटों के लिए हल्की धूप देखने को मिली है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना : पंजाब की औद्योगिक नगरी के लोगों को जनवरी में दिन के समय कड़ाके की ठंड झेलनी पड़ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण बादल, बारिश और शीतलहर है। जिले में तीन जनवरी के बाद से लगातार बादल छाए हैं और आए दिन रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिछले 20 दिनों की बात करें तो सिर्फ तीन-चार दिन ही कुछ घंटों के लिए हल्की धूप देखने को मिली है। शनिवार को भी जिले में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से दिन भर बादल बरसे। सुबह पांच बजे से ही शहर में बूंदाबांदी शुरू हो गई और दोपहर होते ही बादल जमकर बरसे। शहर के कई इलाकों में दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक तेज बारिश हुई। इसके चलते ठिठुरन भी बढ़ गई।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग की प्रमुख डा. प्रभजोत कौर सिद्धू के अनुसार शनिवार शाम पांच बजे तक शहर में 5.5 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई और न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री व अधिकतम तापमान 14.4 डिग्री रहा। डा. सिद्धू के अनुसार जनवरी में अब तक 105.2 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जबकि जनवरी में सामान्य तौर पर 28.3 मिलीमीटर बारिश ही होती है। उन्होंने कहा कि पीएयू में साल 1970 में मौसम विभाग स्थापित हुआ था। तब से लेकर आज तक कभी भी जनवरी में इतनी अधिक बारिश नहीं हुई है। अब बारिश से नया रिकार्ड बन गया है। इस साल सबसे अधिक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हुए हैं।
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इससे पहले जनवरी में हुई सर्वाधिक बारिश
जनवरी 1992 83.6 मिलीमीटर
जनवरी 1983 75.6 मिलीमीटर
जनवरी 1981 75 मिलीमीटर
जनवरी 2004 67.8 मिलीमीटर
जनवरी 2019 66 मिलीमीटर
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आज गिर सकते हैं ओले
रविवार को भी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। शहर के कई इलाकों में तेज बारिश तो कई इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। सोमवार से मौसम साफ हो जाएगा और धूप खिलेगी। इससे लोगों को कड़ाके की ठंड से राहत मिलेगी। जनवरी में हल्की बारिश हुई है। ऐसे में फसलों को नुकसान की संभावना बहुत कम है, लेकिन अब फसलों की ग्रोथ के लिए धूप की जरूरत है। अगले सप्ताह से धूप खिलेगी, तो फसलों को फायदा होगा। अब बारिश की जरूरत नहीं है। हालांकि, प्रदूषण से राहत दिलाने में बारिश का अहम रोल है।