जमाखोरी और कम उपलब्धता के कारण स्टील के दाम में उछाल
स्टील के दाम में लगातार हो रही उठापटक पंजाब के उद्योग के लिए चुनौतियां पैदा कर रही हैं।
जासं, लुधियाना : स्टील के दाम में लगातार हो रही उठापटक पंजाब के उद्योग के लिए चुनौतियां पैदा कर रही हैं। पिछले करीब दो महीने में स्टील के दाम दस रुपये बढ़ गए हैं। होजरी और गारमेंट्स इंडस्ट्री को छोड़कर प्रदेश का आर्थिक पहिया स्टील व इससे संबंधित उत्पादों पर आश्रित है। पिछले कई महीनों से कोविड और अब किसान आंदोलन ने इस सेक्टर के लिए रोजाना नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। पंजाब में स्टील की उपलब्धता कम होने के कारण दाम अनियंत्रित हो रहे हैं और शार्टेज के लिए जमाखोरी व कई कंपनियों की ओर से कार्टल बनाए जाना प्रमुख है। ऐसे में इसका प्रभाव साइकिल, हैंडटूल, एग्रीकल्चर पार्ट्स, ट्रैक्टर पार्ट्स, मशीन टूल, फास्टनर इंडस्ट्री सहित कई अहम सेक्टरों पर पड़ना शुरू हो गया है। कंपनियों को उत्पाद बनाते समय इसकी इनपुट कास्ट को लेकर भारी कठिनाई हो रही है और रोजाना दाम में हो रही उठापटक इंडस्ट्री को परेशान कर रही है। इसके साथ ही दाम की रोज की उठापठक के साथ क्रिएट शार्टेज के चलते प्रोडक्शन रोजाना प्रभावित हो रही है। परेशान उद्यमियों ने सरकार से अपील की है कि सरकार स्टील के दाम को नियंत्रित करे, ताकि इंडस्ट्री को राहत मिल सके। इन उत्पादों की शार्टेज से दामों की उठापठक
-10 रुपये किलो की बढ़ोतरी समय एचआर व सीआर क्वाइल, शीट्स, वायर रोड, मोटा सरिया के दाम में हुई
-1000 रुपये प्रति टन लोकल रोलिग मिलों की ओर से कनवर्जन चार्जेस के दाम भी बढ़ाए गए
-7 रुपये प्रति किलो का प्रमुख स्टील रा मटीरियल कुल्फी (इंगट) के दाम में इजाफा हो चुका सरकार से अपील, दाम को नियंत्रित करने का प्रयास करे
केपी इंडस्ट्री के एमडी राजन गुप्ता के मुताबिक यह समय इंडस्ट्री के लिए बेहद संकट वाला है। रोजाना स्टील के दाम में होने वाली उठापटक इंडस्ट्री के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर रही है। सरकार को दाम नियंत्रण को लेकर कमेटी का गठन करना चाहिए जो स्टेट के मुताबिक दाम तय करें। पंजाब में स्टील की उपलब्धता नहीं है। अंबिका साइकिल के एमडी अशोक गुप्ता के मुताबिक स्टील के दाम ने प्रोडक्शन प्रोसेस को प्रभावित कर दिया है। इनपुट कास्ट रोजाना बदल रही है और उपलब्धता भी कम होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।