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Bhagwat Katha in Ludhiana: लुधियाना में श्रीमद्भागवत कथा में उमड़े श्रद्वालु, ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई

Bhagwat Katha in Ludhiana कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।

By Vipin KumarEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 10:11 AM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 10:11 AM (IST)
Bhagwat Katha in Ludhiana: लुधियाना में श्रीमद्भागवत कथा में उमड़े श्रद्वालु, ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई
न्यू सम्राट कालोनी ग्यासपुरा में श्रीमद्भागवत कथा आयाेजित। (जागरण)

लुधियाना,  जेएनएन। न्यू सम्राट कालोनी ग्यासपुरा में समूह इलाका वासियों व मुहल्ले के प्रधान बृजभूषण सिंह के अगुवाई में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा सुनाई। कथा वाचक पंडित विजय भाई पांडेय ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।

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कथा में उत्तानपाद के वंश में ध्रुव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त ध्रुव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया।

इसके साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के दौरान भजन गायक सन्तोष उपाध्याय  ने  भजन "एक राधा एक मीरा दोनो ने श्याम को चाहा"  की जब प्रस्तुति दी।उस भजन पर भक्तजन भाव विभोर हो गए।और नाचने झूमने पर मजबूर हो गए।

ये रहे माैजूद

इस अवसर पर पूर्वांचली नेता चन्द्रभान चौहान, ए एन मिश्रा, आयोजक  प्रधान बृजभूषण सिंह,दिनेश मिश्रा,  गोकरण तिवारी,मुकेश राज सिंह,कृष्ण मोहन सिंह,संजय रावत,शशि शर्मा,नरसिंह तिवारी,देवनाथ झा,बीएस डीएस ठाकुर,दयाशंकर शुक्ला,पँडित अनुराग शुक्ला,एम एन राय, कुंदन सिंह,राजू,परशुराम फोरमैन,रीमा सिंह,गीता सिद्धू,सोनी शुक्ला ने भागवत महापुराण की आरती की।

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