अहिसा व त्याग से होता है संस्कार का जागरण : मुनि भूपेंद्र
भारतीय संस्कृति में त्याग व अहिसा का बहुत बड़ा महत्व रहा है। जब त्याग और अहिसा का हमारे जीवन में प्रारंभ होती है तो अपने आप ही मानवता में संस्कारों का जागरण प्रारंभ हो जाता है। जब तक संस्कारों का जागरण नही होता है तब तक हमारे जीवन के अंदर अध्यात्म ओर धर्म का अवतरण भी नही हो सकता है।
संस, लुधियाना : भारतीय संस्कृति में त्याग व अहिसा का बहुत बड़ा महत्व रहा है। जब त्याग और अहिसा का हमारे जीवन में प्रारंभ होती है तो अपने आप ही मानवता में संस्कारों का जागरण प्रारंभ हो जाता है। जब तक संस्कारों का जागरण नही होता है, तब तक हमारे जीवन के अंदर अध्यात्म ओर धर्म का अवतरण भी नही हो सकता है। ये विचार एल्डिको सोसायटी की ओर से आयोजित गुरुकुल में धर्म सभा को संबोधित करते हुए मुनि भूपेंद्र कुमार ने व्यक्त किए।
इस अवसर पर पंजाब ज्ञानशाला की आचंलिक संयोजिका व उपासिका विनोद देवी सुराणा,पंजाब महासभा प्रभारी कुलदीप जैन सुराणा,तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष उज्जवल धाड़ीवाल ने अपने विचार व्यक्त किए। मुनि पदम कुमार जी व एल्डिको में प्रवास करने वाले सिद मुनि ने अपने विचार रखें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में जिला कांग्रेस यूथ प्रधान योगेश हांडा, रिटायर्ड एसपी (आइबी) एपी जैन, कारपोरेटर जसपाल जग्गी, पार्षद पति विपन विनायक, एल्डिको सोसाइटी के चैयरमेन नवल थापर, जीतो के मुनीष जैन विशेष रुप से पहुंचे।
श्री जैन श्वेताबंर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरज जैन सेठिया, कार्यकारी अध्यक्ष तरुण जैन सुराणा, मंत्री प्रतीक जैन कोचर, तेरापंथ सभा के मंत्री मनोज जैन धाड़ीवाल, पवन जैन नवलखा, पारस जैन धाड़ीवाल ने गणमान्यों को साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर सुर संगम में प्रथम स्थान हासिल करने वाले उर्वशी जैन चोपड़ा व दर्शन जैन चोपड़ा के मधुर भजनों पर लोग मंत्रमुग्ध हुए। गायक संजय जैन बरड़िया ने मधुर भजन से मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष धीरज जैन सेठिया व कार्यकारी अध्यक्ष तरुण जैन सुराणा ने किया।